क्या है गैजेट्स एंड रोबोटिक्स
गैजेट्स और रोबोटिक्स के माध्यम से बच्चों के लिए रोबोटिक,कोडिंग,मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन और इंजीनियरिंग कई तरह के प्रोग्राम तैयार किए जाते है जो बच्चों को यह बताते है कि रोबोट किस तरह काम करता है,किस तरह आप कोई प्रोजेक्ट ,गैजेट ,या अपना नया आविष्कार कर सकते है। यह तकनीक बच्चों में व्यावहारिक पहलू ,रचनात्मकता, समस्या को हल करने, शब्दावली निर्माण, और आत्म अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने सहित 12 आवश्यक कौशल सीखाने में सबसे बेहतर है ।
कौनसे प्रोग्राम इसमें शामिल है –
लेगो एनिमेशन स्टूडियो
रोबोटिक और प्रोग्रामिंग कक्षाएं
VEX बुद्धि / लेगो रोबोटिक
स्क्रैच प्रोग्रामिंग
एस्ट्रोनॉट्स या मकैनिकल इंजीनियर
कोडिंग
रोबोटिक्स एंड्रॉयड फोन के लिए मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
सिविल इंजीनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
किनके लिए उपयोगी है- जो भी बच्चे विज्ञानं से जुड़े क्षेत्रों ,सेटेलाइट ,इंजीनियर ,एस्ट्रोनॉट्स या मकैनिकल इंजीनियर बनना चाहते है वह इस क्षेत्र में जा सकते है। बचपन से अगर आपके बच्चे में इन क्षेत्रों को जानने की इच्छा देखते है या आपके बच्चें इस तरह की एक्टिविटीज में ज्यादा रूचि रखते है तो आप जल्दी से जल्दी उन्हें इन लर्निंग सेंटर में जरूर एडमिशन दिलवाए।
भारत में कितनी लोकप्रिय है गैजेट्स और रोबोटिक्स से सम्बंधित एक्टिविटीज
विदेशो में तो रोबोटिक्स और गैजेट्स के माध्यम से व्यहारिक जानकारी पर पहले से जोर दिया जाता रहा है। वहां पर थ्योरी से ज्यादा व्यहारिक ज्ञान को महत्व दिया जाता है। पहले भारत में इसकी उलट स्थिति थी जबकि अब ऐसे लर्निंग सेंटर्स की मांग बढ़ती जा रही है। भारतीय माता -पिता भी व्यवहारिक ज्ञान पर ज्यादा जोर दे रहे है और खासकर वे लोग जो अपने बच्चों को विज्ञानं,स्पेस ,इंजीनियरिंग ,तकनिकी क्षेत्रों में डालना चाहते है।
हमारे देश में बच्चों के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट, गणित शिक्षण कार्यक्रम, खेल गतिविधियों के लिए बहुत सारे सेंटर उपलब्ध है लेकिन रोबोटिक्स और गैजेट्स लर्निंग सेंटर्स में बच्चे ऐसी आकर्षक गतिविधियों को कर सकते है जिनमे वो सब कुछ अपने हाथो से खुद करेंगे। उन्हें कोई मॉडल दिखाया नहीं जायेगा ,उस मॉडल को वो खुद बनाएंगे। यही वजह है कि अब भारत में इस दिशा में रोबोटिक्स और प्रोग्रामिंग बहुत लोकप्रिय होता जा रहा है ।
किस आयु के बच्चों के लिए है फायदेमंद है
इस क्षेत्र में लगभग सभी सेंटर्स में बच्चों के लिए 3 ग्रुप्स बनाए गए है 3-5 वर्ष ,6 -9 और 10 -15. तीनो की आयु के अनुसार अलग -अलग एक्टिविटीज करवाई जाती है. जिससे बच्चों का दिमाग तेज़ हो और वो एक अनुशासन में सभी कार्य करना सीखे। वैसे सभी लर्निंग सेंटर्स के सर्वे के अनुसार 5-15 साल के बच्चों के लिए यह सबसे बेहतर है क्योकि इस उम्र के बच्चों में सीखने की क्षमता सबसे ज्यादा होती है। उनके मस्तिष्क में ढेरो सवाल होते है जिनके जवाब उन्हें गैजेट्स और रोबोटिक्स लर्निंग स्कूल में मिल सकते है।
पढ़ाई में ये एक्टिविटीज बच्चों को किस तरह मदद करती है
– इन स्कूलो में अध्ययन के सैद्धांतिक शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया जाता है लेकिन इस पद्द्ति से आप अपने बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान दे सकते है जो भविष्य में उनके लिए बेहद कारगर साबित होगा।
-5-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे अपने अर्जित ज्ञान को एक मजबूत तर्क द्वारा लागू करने की क्षमता रखते है।इसीलिए उनकी रूचि समझकर आप उनके मस्तिष्क को एक खुला आकाश दे सकते है।
– वास्तव में सभी बच्चे अपने हर प्रयोगों के परिणाम देखने के लिए आतुर रहते है, जिससे कि वो जान सके कि उनकी कल्पना में जो सोचा था वह हकीकत में कैसा लग रहा है। जैसे एक कार रेस का मॉडल कैसा दिखेगा, इशारों पर रोबोट कैसे काम करता है ,होमवर्क पूरा करने वाली मशीन बन सकती है ,सोलर एनर्जी से लाइट कैसे आएगी आदि सभी सवालों के जवाब आपके बच्चों को इन रोबोटिक्स सेंटर्स में खेल- खेल में बड़ी आसानी से मिल सकते है।
-गैजेट्स और रोबोटिक्स स्कूल बच्चो को प्रयोग करके सीखने की कला और उनकी तार्किक सोच को बढ़ावा देता है। रोबोटिक्स एंड प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों में रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है। इन सेंटर्स में बच्चे हर चलती हुयी ,काम करने वाली ,बोलने वाली किसी भी तरह की मशीन ,मॉडल या रोबोट को खुद डिज़ाइन कर सकते है।
-इस तरह के लर्निंग प्रोग्राम से आप अपने बच्चों को रोबोटिक (कैसे मशीनों काम करते हैं), सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (तार्किक सोच और मस्तिष्क के विकास), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (वायुगतिकी), मोबाइल अनुप्रयोग विकास और अधिक के क्षेत्रों में एक्सपोजर दिला सकते है ।
गैजेट्स और रोबोटिक्स से सम्बंधित एक्टिविटीज सीखने वाले सेंटर
1 – अर्ली इंजीनियरिंग
http://earlyengineers.in/locations1/
यहां बच्चों को अपनी पसंद के अनुसार काम करने के लिए पूरी तकनीकी कार्यशाला बनायीं गयी हैं.जहां बच्चे अपने हिसाब से जो चाहे वो बन सकते है।
यह कंपनी 5-14 साल के बच्चों के लिए रोबोटिक, कोडिंग, मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन और इंजीनियरिंग अवधारणाओं की तरह स्टेम पाठ्यक्रम प्रदान करता है।यहाँ पर व्यावहारिक पहलुओं को समझने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। इनके प्रोग्राम पूरी तरह से कई इंजीनियरिंग धाराओं और विज्ञान पर ध्यान केंद्रित पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला है।
सेंटर्स – दिल्ली /एन सी आर ,मुंबई ,बैंगलुरु
फीस – इनकी मासिक फेस 2500 रुपए है।
समर कैंप – यह सेंटर अपने समर कैंप गुड़गांव में हर वर्ष लगाते हैं।
आयु वर्ग और एक्टिविटीज –
कोडिंग (6-14 वर्ष)
रोबोटिक्स (6-14 वर्ष)
एंड्रॉयड फोन के लिए मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन (10-16 वर्ष)
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (5-10 वर्ष)
सिविल इंजीनियरिंग (5-12 वर्ष)
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (7-12 वर्ष)
डेमो कक्षाएं –इस सेंटर में बच्चों को डेमो क्लासेज भी दी जाती है। जहां माता-पिता बातचीत कर सकते है और क्या कवर किया जा रहा है समझ सकते हैं । बच्चों की रूचि और इच्छा के अनुसार उन्हें सबसे पहले और कार्यक्रम के लेवल -1 से सिखाया जाता है। जब बच्चे अगर डेमो क्लास से संतुष्ट होते है तो उन्हें अगले लेवल में दाखिला दिया जाता है।
यहाँ आप बच्चे को अच्छी तरह से रोबोटिक ओलंपियाड के लिए तैयार कर सकते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय इवेंट है। साथ ही बच्चों को अपने स्वयं के डिजाइन, परीक्षण कर सकते है और अपनी रोबोटिक्स ,इंजीनियरिंग समस्या का समाधान ,खुद ढूढ़ सकते हैं।
क्लेवर किड एक ऑनलाइन पोर्टल है, जहां माता-पिता के लिए सबसे अच्छा पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों के लिए खोज सकते हैं, उनकी तुलना और साथ ही बुक कर रहे हैं। क्लेवर किड की दिल्ली एनसीआर और बेंगलूर में 10000 से ज्यादा अकादमिया चल रही है। इनका कहना है कि हम सभी वर्ग के बच्चों के लिए क्लासेज चलाते है।
फीस – इनकी मासिक फीस 2000 है
सेंटर्स – दिल्ली /एन सी आर ,मुंबई ,बैंगलुरु
3 -स्टेलर म्यूज़ियम – stellermusium.com
इस सेंटर की सबसे अच्छी बात ये है कि यहाँ पर बच्चों को हर एक्टिविटी माता -पिता के साथ करवाई जाती है। साथ ही हर आयु वर्ग के अनुसार समूह बना दिए जाते है जिससे उनके बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना रहती है। मात-पिता का साथ होने से उनका मनोबल भी बन रहता है। हर एक्टिविटी 1 -3 घंटे की होती है। ग्लोब लिफ्ट ,ग्रेविटी बॉल ड्राप ,ड्राइंग बोर्ड,कार बनाना ,प्लेन बनाना ,रोबोट बनाना आदि एक्टिविटीज करवाई जाती है।
सेंटर्स – दिल्ली /एन सी आर
फीस –
0 मिनट – 1 घंटा -500 रुपये
1 घंटा – 1.5 घंटा -750 रुपये
4 – इंजीनियरिंग फॉर किड्स
इस कंपनी ने अपने प्रोग्राम को तीन भागो में विभाजित पहला जूनियर इंजीनियर्स ,अपरेंटिस इंजीनियरिंग प्रोग्राम और मास्टर इंजीनियरिंग प्रोग्राम।इसमें ये 3 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चों को सभी तरह के रोबोटिक्स एंड इंजीनिरिंग प्रोग्राम सीखाते है। यह बच्चों की कक्षा के हिसाब से उनके समूह बनाए जाते है।
सेंटर्स – 919953682776
5 – 9 साल-
प्ले सॉकर
अमेजिंग मैकेनिज्म
विजेट और गैजेट्स
खिलौने बनाए
फन फैक्ट्री
टेकिंग टू द स्काई
फन विद कोडिंग
लेगो रोबोटिक
अंतरिक्ष इंजीनियरिंग
9-16 साल-
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग – फन विद कोडिंग
एंड्रॉयड उपकरणों के लिए मोबाइल अनुप्रयोग डिजाइन
लेगो रोबोटिक
अंतरिक्ष इंजीनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
मास्टर पर्यावरण इंजीनियरिंग
ऑनलाइन पोर्टल है जहां बच्चों के लिए कई तरह के रोबोटिक्स प्रोग्राम उब्लब्ध है, आप चाहे तो उन्हें खरीद सकते है । ये कम्पनी 5 से 12 साल तक के बच्चों के लिए रोबोटिक्स टॉयज बनते है। साथ ही कई स्कूलों में ये कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को सप्लाई करती है।
फीस –
इनके सभी प्रोग्राम की कीमत 3500 से लेकर 6500 बीच है
आयु वर्ग और एक्टिविटीज
जैसे 5 साल तक के बच्चों के लिए रोबी और बोनी -ये एक लॉजिकल बिल्ड-अप है।
8 साल तक के बच्चों के लिए रोबोट्रोनिक लाइट – इसमें मशीन को डिज़ाइन करना सिखाते हैं। मोटर + स्ट्रिप्स +इलेक्ट्रॉनिक ब्रेन।
स्ट्रक्चर -मोटर + रिमोट +मॉडिफिकेशन करने वाले टूल्स
12 साल तक के बच्चों के लिए –रोबोट्रोनिक्स फुल किट है जिसमे ब्रेन प्रोग्रामिंग कर सकते है। ड्रैग एंड ड्राप गेम बन सकते है।
6 -रोबोटिक्स विज़ार्ड्स
यहाँ पर भी रोबोटिक्स ,कोडिंग, मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन और इंजीनियरिंग सिखाया जाता है।इनकी वेबसाइट नहीं है तो ज्यादा जानकारी के लिए सेंटर पर जाये या फ़ोन पर पता करे।
सेंटर्स – दिल्ली
पता: बेसमेंट , एबी ब्लॉक, शालीमार पूरबी बैग, शालीमार बाग, नई दिल्ली, दिल्ली 110088
फोन: 098712 3111
7- रोबो क्लब नई दिल्ली- www.roboclubonline.com
इन सेंटर्स में लगभग सभी एक्टिविटीज करवाई जाती है। मानसिक गणित वर्ग, विज्ञान और लेगो रोबोटिक कक्षाएं,मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर मॉडल, अर्ली विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,एल्गोरोबोटिक्स इंजीनिरिंग ,एरोमॉडलिंग अदि शामिल है। यहाँ विज्ञान के प्रयोगों, विज्ञान परियोजनाओं से सीखने, आत्म विकास, व् रचनात्मक सोच, तार्किक बुद्धि के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।
आयु वर्ग – 5 से 19
सेंटर्स – दिल्ली
समर कैंप – यह सेंटर अपने समर कैंप और वर्कशॉप करते रहते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए साइट पर लोगिन करें।
अन्य
8- यूनिवर्सल होल ब्रेन- http://universalwholebrain.com/
आयु वर्ग – 5 से 16
सेंटर्स – गाजियाबाद
हर वर्ष कहाँ और किस तरह की एक्टिविटी कैंप होते है-
ऊपर दिए गए लगभग सभी लर्निंग सेंटर्स में नियमित क्लासेज के साथ -साथ हर साल समर कैंप चलाये जाते है। जिनमे 5 -15 साल तक के बच्चे भाग ले सकते है। इन सेंटर्स की फीस नियमित क्लासेज करवाने पर 2500 से लेकर 4000 तक है। जबकि समर कैंप की फीस 7000 से 10000 तक है। इन सेंटर्स में समर कैंप 15 – 20 दिन की होंगी जो 16 मई से 30 जून के बीच चलेंगी। यदि आपके बच्चों की इस क्षेत्र में दिलचस्पी है तो इन समर कैम्प्स में जरूर रजिस्ट्रेशन करवाए। अगर आप अभी तक इन गैजेट्स और रोबोटिक्स सेंटर्स के बारे में नहीं जानते है तो ये एक अच्छा ट्रायल होगा।
ऑनलाइन साइट्स जहां से आप ये गेम्स खरीद सकते है –
http://www.flipkart.com/books/educational-and-professional-books/academic-texts-books/computers-internet-books/programming/programming-languages/python/pr?sid=bks,enp,q2s,wum,qf1,761,7cq
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