Money New Rules: हर महीने की पहली तारीख को पैसों से जुड़े कई अहम बदलाव होते हैं, और जून 2025 भी इससे अछूता नहीं रहेगा। इस महीने एलपीजी सिलेंडर की कीमत से लेकर बैंकिंग और निवेश से जुड़ी कई सेवाओं में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ये नए नियम आम आदमी की जेब, खर्च और फाइनेंशियल प्लानिंग को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे। अगर आप भी इन बदलावों के बारे में पहले से जान जाएंगे, तो आप अपने पैसे और बजट को बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे। आइए जानते हैं कि 1 जून 2025 से कौन-कौन से बदलाव लागू हो सकते हैं और इसका असर किस पर पड़ेगा।
LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव संभव
हर महीने की तरह इस बार भी एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाएगी। सरकारी तेल कंपनियां 1 जून को घरेलू और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम संशोधित कर सकती हैं। अगर कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो सीधे तौर पर रसोई का बजट बिगड़ सकता है, वहीं कीमतों में कटौती से आम उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी। मई 2025 में सिलेंडर की कीमतों में थोड़ी राहत दी गई थी, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जून में भी आम जनता के लिए कुछ राहत मिल सकती है।
क्रेडिट कार्ड पर नई शर्तें होंगी लागू

जून 2025 से क्रेडिट कार्ड धारकों को लेनदेन के नियमों में कई नए बदलावों का सामना करना पड़ सकता है। यदि किसी कारणवश आपका ऑटो-डेबिट फेल होता है, तो बैंक आपसे 2 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क वसूल सकता है। बिजली, पानी या गैस जैसे यूटिलिटी बिलों का भुगतान क्रेडिट कार्ड से करने पर अब अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। देश में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने पर इंटरनेशनल चार्ज लग सकता है। कुछ बैंकों द्वारा रिवॉर्ड पॉइंट्स की वैल्यू या संख्या में कटौती की जा सकती है।
ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा
बैंक अपने ATM लेनदेन के नियमों में बदलाव कर सकते हैं। खासकर हर महीने मिलने वाली फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट के बाद लगने वाले चार्ज में इजाफा हो सकता है। इसका सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो कैश ट्रांजैक्शन पर निर्भर रहते हैं। अब एक सीमा के बाद पैसे निकालने पर ज्यादा शुल्क देना पड़ सकता है, जिससे आपको खर्च संभालकर करना होगा।
फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरों में बदलाव की संभावना

बैंक अपनी एफडी ब्याज दरों की समीक्षा 1 जून से कर सकते हैं। वर्तमान में ज्यादातर बैंक 6.5% से 7.5% तक ब्याज दे रहे हैं, लेकिन अगर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों में बदलाव होता है, तो इन ब्याज दरों में कमी आ सकती है। इसका असर विशेष रूप से उन निवेशकों पर पड़ेगा जो अपने पैसे को सुरक्षित और निश्चित रिटर्न की उम्मीद में एफडी में लगाते हैं। यदि ब्याज दरें घटती हैं तो रिटर्न पर प्रभाव पड़ सकता है।
EPFO वर्जन 3.0 से मिलेगी डिजिटल राहत
ईपीएफओ (EPFO) यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन जून में नया डिजिटल वर्जन 3.0 लॉन्च कर सकता है। इस वर्जन के आने से PF क्लेम करना, डेटा अपडेट करना और पीएफ की निकासी प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। इसमें एटीएम कार्ड जैसे इंटरफेस से सीधा पीएफ निकालने की सुविधा भी जोड़ी जा सकती है, जिससे कर्मचारियों को लंबी प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी। यह खासकर नौकरीपेशा वर्ग के लिए बड़ी सुविधा होगी।
ये सभी बदलाव आम आदमी के रोजमर्रा के जीवन पर असर डाल सकते हैं। ऐसे में समय रहते इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करें, ताकि किसी अनचाही परेशानी से बचा जा सके।
