जानिए गार्डन में कौन से गमले लगाएं
पौधों से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यही मुख्य वजह है कि आजकल अपने लोग घर के आंगन, अपनी बालकनी और छत पर गार्डनिंग कर रहे हैं।
Plants Pot Tips: हम सब अपने घर को सबसे अलग और ख़ास बनाने की चाह रहते हैं। यही वजह है कि हम तरह तरह के पेड़ पौधों को लगाकर एक ख़ुशनुमा वातावरण तैयार करते हैं। जिसकी वजह से घर सुंदर दिखता है, आसपास की हरियाली को देखकर मन ख़ुश रहता है और हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यही मुख्य वजह है कि आजकल लोग अपने घर के आंगन, अपनी बालकनी और छत पर गार्डनिंग कर रहे हैं। लोगों में गार्डनिंग का शौक तेजी से बढ़ रहा है लेकिन हर किसी को गार्डनिंग की सही जानकारी नहीं है। जिसकी वजह से पौधे मुरझाने लगते हैं। इस लेख के माध्यम से हम गमलों के बारे में बताने वाले हैं।
Also read : गार्डनिंग को ख़ूबसूरत बनाने के पांच तरीके: Gardening Ideas
गार्डनिंग के लिए गमले का चुनाव

गार्डनिंग एक बहुत ही अच्छी चीज़ है लेकिन पौधों को लगाने से पहले कुछ मामूली बातों का ख़्याल रखना बहुत ही ज़रूरी होता है। जिसमें मिट्टी, उसमें डाली जाने वाली जैविक खाद और गमलों की तो एक अलग ही भूमिका होती है। कुछ लोग पौधे तो अपने घर में लगा लेते हैं लेकिन पौधों के लिए किस तरह का पॉट सबसे बेहतर है। यह पता ही नहीं होता है कि गार्डनिंग के लिए प्लास्टिक, सीमेंट या फिर मिट्टी का गमला सबसे अच्छा है, इस लेख के माध्यम से हम इसी बात को समझने वाले हैं कि गार्डनिंग के लिए कौन सा गमला सबसे अच्छा होता है।
प्लास्टिक का गमला

प्लास्टिक का गमला लोग सबसे ज़्यादा प्रयोग में लाते हैं। जिसका कारण इसका किफ़ायती मूल्य होता है। यह सस्ता और हल्का होता है। यह कई तरह के ख़ूबसूरत डिजाइन और रंगों में मिल जाता है। जिसकी वजह से लोग इसे अपने घर पर लाते हैं, यह बाकी गमलों की तुलना में ख़ूबसूरत भी दिखता है। लेकिन इसका सबसे बड़ा नुक़सान यह है कि यह पानी और हवा अवशोषित नहीं करता है। जिसकी वजह से अत्यधिक धूप आदि की स्थिति में यह गमला गरम हो जाता है और इसमें लगे पौधे सूखने लगते हैं और मर जाते हैं।
सीमेंट का गमला

सीमेंट के गमले आपको बड़ी बड़ी इमारतों के बाहर या फिर घर के आसपास आपको देख जाएँगे। सीमेंट के गमलों की सबसे ख़ास बात यह कि यह बहुत ही मजबूत होते हैं। यह एक बार ख़रीदकर लाए तो चार- पांच साल तक बहुत ही आसानी से चल जाता है। सीमेंट के गमलों में पौधे भी बहुत अच्छी तरह से विकसित हो जाते हैं। लेकिन यह गमले बहुत ही भारी होते हैं जिसकी वजह से इनको एक जगह से दूसरे जगह पर रखने में दिक्कत आती है। सीमेंट के गमले पानी को तो अवशोषित कर लेते हैं लेकिन हवा को अवशोषित नहीं कर पाते। यह प्लास्टिक के गमले से बेहतर होते हैं।
मिट्टी का गमला

मिट्टी का गमला हमें अक्सर घर के अंदर बालकनी अथवा घर की छत पर दिखा जाते हैं। मिट्टी के गमलों को पौधों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। यह हवा और पानी दोनों को ही अच्छे से अब्ज़ॉर्ब कर लेते हैं। मिट्टी के गमलों से एयर पास होती रहती है और जब बाहर की हवा गमले के अंदर जाती हैं तो जड़ को ऑक्सीजन मिलती है। यदि पौधें में ओवर वाटरिंग हो जाए तो भी मिट्टी वाला गमला पानी सोख लेता है। इस तरह के गमलों की एक ही ख़ामी होती है कि यह बहुत ही नाज़ुक होते हैं। यह एक हल्की सी ठोकर में भी टूट जाते हैं लेकिन यदि आप यह चाहते हैं कि आपका पौधा स्वस्थ रहे और तेज़ी से ग्रो करे तो उसे मिट्टी के गमले में ही लगाएं।
