इन दिनों मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम और जाली दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी वाले लोन के बारे में सुनने को काफी मिल रहा है। आप इससे परेशान न हों, इसके लिए जरूरी है कि आप इसके बारे में विस्तार से जानें और सावधानी बरतें।

मनी सर्कुलेशन / पोंजी / मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम धोखाधड़ी

 

एमएलएम / चेन मार्केटिंग / पिरामिड स्ट्रक्चर स्कीम सदस्यों के नामांकन / जोड़ने पर आसान या तुरंत धन का वादा करती हैं।

ये स्कीम न केवल ज्यादा रिटर्न को सुनिश्चित करती हैं, बल्कि भोले- भाले लोगों के विश्वास को हासिल करने के लिए वादे के अनुसार शुरुआत के कुछ इंस्टॉलमेंट भी भरती हैं। इस तरह से मौखिक प्रचार के जरिए अधिक निवेशकों को आकर्षित करती हैं।

ये स्कीम चेन या ग्रुप में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए उत्साहित करती हैं, जिसके लिए प्रोडक्टस की बिक्री से कमिशन की बजाय नामांकित व्यक्ति को कमिशन का भुगतान किया जाता है।

इस मॉडल के कारण, स्कीम कुछ समय बाद अस्थिर हो जाती है, जब स्कीम से जुड़ने वाले लोगों की संख्या कम होना शुरू हो जाती हैं। इस तरह से, धोखेबाज स्कीम को बंद कर देते हैं और लोगों द्वारा निवेश किए गए धन को लेकर गायब हो जाते हैं।

पोंजी या एमएलएम स्कीम में निवेश करने के दौरान बरतने वाली सावधानी  

रिटर्न जोखिम के अनुसार समान अनुपात का होता है। जितना अधिक रिटर्न, उतना अधिक जोखिम। इसलिए, यदि कोई स्कीम असामान्य रूप से (जैसे हर साल 40 से 50 प्रतिशत) रिटर्न दे रही है, तो यह संभावित धोखाधड़ी और सावधानी बरतने का पहला संकेत है।

हमेशा ध्यान दें कि माल या सेवा की असल बिक्री के बिना लाभ का कोई भी भुगतान या कमिशन या बोनस या प्रतिशत संदिग्ध है और इससे धोखाधड़ी हो सकती है।

मल्टी लेवल मार्केटिंग या चेन मार्केटिंग या पिरामिड स्ट्रक्चर स्कीम चलाने वाले निकाय द्वारा दिए जाने वाले हाई रिटर्न के वादों से जनता को नहीं लुभाना चाहिए।

मनी सर्कुलेशन या मल्टी लेवल मार्केटिंग या पिरामिड स्ट्रक्चर के अंतर्गत धन स्वीकार करना प्राइज़ चित एण्ड मनी सर्कुलेशन (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत एक संज्ञेय अपराध है। इस तरह के ऑफर के सामने आने वाले जनता के सदस्यों को तुरंत राज्य पुलिस में शिकायत दर्ज करनी चाहिए।  

जाली दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी वाला लोन

 

जाली दस्तावेज धोखाधड़ी वह धोखाधड़ी है, जिसमें कोई व्यक्ति या निकाय जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके फाइनेंशियल संस्था से किसी प्रकार की सेवा का लाभ उठाते हैं।

इस तरह की धोखाधड़ी एनबीएफसी कर्मचारी या एनबीएफसी की ईमेल आईडी की प्रामाणिकता को वेरीफाई किए बिना निकायों के साथ केवाईसी (नो योर कस्टमर) से संबंधित दस्तावेजों को शेयर करते समय होती है।

पीड़ित लोगों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे पहचान पत्र, बैंक अकाउंट डीटेल आदि की चोरी करके और फाइनेंशियल संस्था से लाभ पाने के लिए इस जानकारी या क्रेडेंशियल का इस्तेमाल करके पहचान की चोरी के आधार पर धोखाधड़ी लोन भी स्वीकृत किए जाते हैं।

सावधानी

किसी भी निकाय से लोन काए लाभ लेते हुए ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए। फिर चाहे केवाईसी और अन्य व्यक्तिगत दस्तावेज प्रदान करने हों, जिसमें लोन के वितरण के बाद एनएसीएच फॉर्म शामिल हैं।

इस तरह के दस्तावेज केवल निकाय के अधिकृत व्यक्ति या निकाय के प्रामाणित ईमेल आईडी के साथ ही शेयर किए जाने चाहिए।

साथ ही, लोन की स्वीकृति ने होने और लोन के बंद हीने पर, ग्राहक को ग्राहकों द्वारा निकाय को दिए गए दस्तावेजों को सही करने के लिए निकायों से अनुरोध करना चाहिए।

 

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