Vahana of Hanumanji: हनुमानजी को संकटमोचन कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के हर संकट को दूर कर देते हैं और हमेशा उनकी रक्षा करते हैं। हनुमानजी को संकटमोचन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने रामायण काल में भगवान श्री राम के संकटों को दूर करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि हनुमान जी अगर नहीं होते तो प्रभु श्री राम माता सीता का पता कभी भी नहीं लगा पाते, क्योंकि राम के अवतार में वे मनुष्य देह की सीमाओं से बंधे हुए थे। हनुमानजी के बारे में ऐसी कई बातें हैं जो उनके भक्तों को नहीं पता है, जैसे अगर कोई आपसे पूछे कि हनुमानजी का वाहन क्या है? तो शायद आप भी इसका जवाब नहीं दे पाएंगे। आइए आज हनुमानजी के वाहन के बारे में ही विस्तार से जानते हैं।
क्या है हनुमानजी का वाहन

हर देवी या देवता का कोई न कोई अपना वाहन जरूर होता है, जिस पर सवार होकर वे आकाश व धरती पर गमन करते हैं, जैसे माता लक्ष्मीजी का वाहन उल्लू है, भगवान विष्णुजी का वाहन गरुढ़, माता सरस्वती का वाहन हंस, कार्तिकेय का मयुर, माता दुर्गा का वाहन शेर है, इसी तरह से सभी देवी-देवताओं की अपने-अपने खुद के वाहन हैं। ‘हनुमत्सहस्त्रनामस्तोत्र’ के 72 वें श्लोक के अनुसार ‘वायुवाहन:’ को हनुमानजी का वाहन बताया गया है। इसका अर्थ यह है कि ‘वायु’ हनुमानजी का वाहन है। हनुमानजी वायु की सवारी करते हैं और वायु पर सवार होकर ही अति तेज गति से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। एक बार हनुमानजी ने प्रभु श्रीराम और लक्ष्मणजी को अपने कंधे पर बैठाकर उड़ान भरे थे।
हनुमानजी भूतों की सवारी भी करते हैं

आपने अपने जीवन में हनुमान चालीसा तो अवश्य ही पढ़ा होगा, इसमें एक पंक्ति आती है ‘ भूत पिसाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावें ‘ इस पंक्ति का अर्थ यह है कि जहाँ पर भी हनुमानजी का नाम लिया जाता है वहां कभी भी भूत पिसाच आस-पास भी नहीं भटकते हैं। कुछ प्रचलित मान्यताओं और जनश्रुतियों में यह भी कहा गया है कि हनुमानजी भूतों की सवारी भी करते हैं। उनके सामने कोई भी नकारात्मक शक्ति टिक नहीं पाती है। वे भूत-प्रेत, ब्रह्म राक्षसों के सिर पर पैर रख कर सवारी करते हैं।
हनुमानजी को खुश करने के बेहद सरल उपाय

- हनुमानजी को प्रसन्न करना बेहद आसान है, इसके लिए आप प्रति शनिवार के दिन हनुमान मन्दिर जाएं और हनुमानजी के कंधों से सिन्दूर लेकर टिका लगाएं। ऐसा करने से नजर दोष का प्रभाव समाप्त होता है और सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं।
- शनिवार के दिन शाम के समय हनुमानजी को केवड़े का इत्र और गुलाब फूल की माला चढ़ाएं।
- हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शाम के समय हनुमानजी के मंदिर में रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
- हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शाम के समय हनुमान मंदिर में सरसों तेल या शुद्ध घी का दीपक जलाएं और वहीँ बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
