भाई दूज पर वास्तु अनुसार पूजा की थाली में रखनी चाहिए ये चीजें : Bhai Dooj Puja Samagri
भाई दूज की पूजा की थाली में कुछ सामग्रियों का रहना बेहद जरूरी है तभी फल की प्राप्ति होती है।
Bhai Dooj Puja Samagri: भाई दूज का पर्व हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहन भाई को तिलक करती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है जबकि भाई बहन को उपहार देता है और उसे दीर्घायु होने का आशीर्वाद देता है। इस शुभ दिन भाई को तिलक करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि किसी प्रकार की गलती होने के कारण पूजा में दोष लगता है। भाई दूज की पूजा की थाली में कुछ सामग्रियों का रहना बेहद जरूरी है तभी फल की प्राप्ति होती है।
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भाई दूज तिथि और मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है, जो इस साल 3 नवंबर, रविवार को पड़ रही है। भाई दूज की तिथि 2 नवंबर को रात 8:21 पर शुरू हो जाएगी और इसका समापन 3 नवंबर को 10:05 पर होगा। ऐसे में उदिया तिथि के अनुसार भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को ही मनाया जाएगा। भाइयों को तिलक करने का शुभ मुहूर्त 3 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक है।
वास्तु के अनुसार भाई दूज की सामग्री

भाई दूज के दिन पूजा की थाली में रोली, फूल, अक्षत, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूर्वा और केला आदि चीजें जरूर होनी चाहिए। इन वस्तुओं के बिना भाई दूज पर भाइयों को तिलक न करें।
किस तरह भाई दूज पर करें तिलक

- सबसे पहले बहनें भाई दूज के दिन सुबह ही तिलक की थाली तैयार कर लें।
- थाली में फल, फूल, कुमकुम, मिठाई, चावल और चंदन जरूर रखें
- इसके बाद भाई को एक चौकी या पटा पर बिठाएं। उसके सिर पर लाल रंग का रुमाल रखें।
- अब अपनी अनामिका उंगली से भाई के माथे पर कुमकुम या चंदन से तिलक करें। फिर तिलक के ऊपर चावल छिड़कें।
- फिर अपने हाथों से अपने भाई को मिठाई खिलाएं। भाई को इस दिन सूखा नारियल भी दिया जाता है। अब भाई की आरती उतारें और उसकी सफलता और लंबी उम्र की कामना करें।
