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हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल द्वितीया तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर 2025 को रात 08.16 बजे होगी। वहीं इसका समापन 23 अक्टूबर 2025 को रात 10.46 बजे होगा। ऐसे में 23 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस त्योहार से एक पौराणिक कथा जुड़ी है।
Bhai Dooj Katha: दीपोत्सव के पांच दिनों के त्योहारों में शामिल है भाई बहन के प्यार का त्योहार भाईदूज। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल द्वितीया तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर 2025 को रात 08.16 बजे होगी। वहीं इसका समापन 23 अक्टूबर 2025 को रात 10.46 बजे होगा। ऐसे में 23 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस त्योहार से एक पौराणिक कथा जुड़ी है।
भाई बहन के प्यार का त्योहार

मान्यता के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी का नाम छाया था। उनकी दो संतानें थीं पुत्र यमराज और पुत्री यमुना। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थीं। वह अक्सर उनसे कहती कि एक दिन उनके घर आकर भोजन करें। लेकिन यमराज अपने कामों में इतने व्यस्त रहते कि हर बार बात को टाल देते।
स्नेह और प्यार का बंधन
एक दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर यमुना ने ठान लिया कि इस बार भाई को जरूर बुलाना है। उन्होंने यमराज को वचन दिलवाया कि वे उसी दिन उनके घर भोजन करने आएंगे। यमराज ने सोचा मैं तो मृत्यु का देवता हूं, मुझे कौन अपने घर बुलाना चाहेगा? लेकिन बहन का स्नेह सच्चा है, उसे ठुकराना उचित नहीं।
आग्रह नहीं ठुकरा पाए यमराज
ऐसा सोचकर यमराज यमुना के घर पहुंचे। जाते समय उन्होंने नरक में रहने वाले जीवों को भी मुक्त कर दिया। जब यमुना ने अपने भाई को घर के दरवाजे पर देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने स्नान कर पूजा की, यमराज का स्वागत किया और स्वादिष्ट व्यंजनों से उनका सत्कार किया। यमराज बहन के इस प्रेम से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा, बहन, मांगो क्या वरदान चाहती हो? यमुना ने मुस्कुराते हुए कहा, भैया आप हर साल इसी दिन मेरे घर आया करें। और जो बहन इस दिन अपने भाई का आदर-सत्कार करे, उसे कभी यमराज का भय न हो।
यमराज ने दिया बहन को वचन
यमराज ने बहन की बात मान ली और ‘तथास्तु’ कहकर उन्हें सुंदर वस्त्र और गहने उपहार में दिए। फिर वे यमलोक लौट गए। तभी से भाई दूज मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई। इस दिन बहनें अपने भाइयों की पूजा कर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। माना जाता है कि इस दिन जो भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति स्नेह और आदर दिखाते हैं, उन पर यमराज की कृपा बनी रहती है। इसलिए भाई दूज को ‘यम द्वितीया’ भी कहा जाता है।
पूजा की थाली में जरूर रखें ये
भाई दूज पर बहनों और भाइयों को अपना रिश्ता मजबूत करने के लिए कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। इस दिन बहनों को अपने भाई को पान भेंट करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से बहनों को अखंड सौभाग्य मिलता है। इसी के साथ बहनों को यमराज के नाम का चौमुखी दीपक अपने घर के बाहर जरूर जलाना चाहिए। इससे भाई सुरक्षित रहते हैं। भाई दूज पर यमुना स्नान करना भी शुभ माना जाता है। बहनों को पूजा की थाली में चावल, सुपारी, चांदी का सिक्का, नारियल, घी का दीपक और मीठा जरूर रखना चाहिए।
