होली में सिंथेटिक रंगों के इस्तेमाल न करने का संकल्प लें। जहां तक संभव हो, सुरक्षित, अविषैले और प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें क्योंकि रसायन रहित रंगों को धोना आसान है। इसके अलावा, ये आपकी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।घर पर किस तरह से आप बना सकती हैं नैचुरल रंग आइए जानें-
- टेसू के फूलों को पानी में डालकर छोड़ दें, रात भर ऐसे ही भिगोकर रख दें। इसे बाद में छानकर इसी पानी से होली खेलें। टेसू के फूल पिला रंग छोड़ते हैं। टेसू फूल का बोटैनिकल नाम बुटिआ मोनोस्पेर्मा है।
- मेहंदी के पाउडर को बेसन या मक्की के आटे में मिलाकर इसे सूखे हरे रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
- हल्दी को दोनों गीले और सूखे रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। सूखे कलर के लिए आप हल्दी को बेसन के साथ मिला सकते हैं। आप इसे पानी में मिलाकर उबालकर एक रात के लिए छोड़ दें।
- चुकंदर को पानी में उबाल लें। इससे आपको एक गहरा मजेंटा रंग मिल जायेगा। इस पानी को ठंडा करके इस्तेमाल करें। आप चाहे तो चुकंदर का जूस निकालकर उसमें थोड़ा पानी मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अगर आप लाल रंग चाहती हैं तो अनार के छिलकों को उबालने से आपको लाल रंग का पानी मिलेगा।
- लाल चंदन का पाउडर सूखे और गीले रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
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