गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह के बलिदान को याद किया जाता है। ईसाई मजहब का यह प्रमुख त्योहार है। ईसाई मान्यता के अनुसार गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। इस त्योहार में ईसाई मजहब के लोग व्रत रखते हैं और चर्च में विशेष प्रार्थना करते हैं। क्रिश्चियन समुदाय के लोगों द्वारा इस त्यौहार को शोक के रूप में मनाया जाता है। इस बार गुड फ्राइडे 10 अप्रैल को मनाया जा रहा है।  ईसाई मान्यता के अनुसार गुड फ्राइडे ईस्टर को पड़ने वाला फ्राइडे होता है,ईसाई धर्म में इस दिन का बहुत महत्त्व है आइए जानें कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे और क्या है इसका  महत्त्व –

मान्यताओं को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे का पर्व इसलिए मनाते हैं क्योंकि आज ही के दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए लोग इस दिन उनके बलिदान को याद करते हैं। वे प्रेम और शांति के मसीहा थे। लेकिन दुनिया को करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत करके सूली पर लटका दिया था। कहा जाता है कि वह दिन फ्राइडे ही था  हालांकि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद यानी रविवार को पुनः जीवित हो उठे थे और इसे ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है। 

कैसे मनाया जाता है 

गुड फ्राइडे के दिन ईसाई  लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं। इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर उनका स्मरण करते हैं। इस दिन दान-धर्म के कार्य भी किए जाते हैं। हालांकि इस साल पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रभाव से ग्रस्त है और हमारे देश में भी लॉक डाउन की स्थिति है इसलिए लोग चर्च नहीं जा सकेंगे और इस बार  गुड फ्राइडे की रौनक थोड़ी कम  रहेगी।

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