Sawan Kalashtami Date 2024: कालाष्टमी का व्रत भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित होता है और यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में भक्तगण उपवास रखकर और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर भैरव देवता की कृपा प्राप्त करते हैं। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होने के कारण सावन की कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इस दौरान श्रद्धालु विशेष रूप से भैरव बाबा की आराधना करते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहे। सावन की कालाष्टमी पर भैरव देवता की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
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कब है सावन माह की कालाष्टमी
कालाष्टमी व्रत 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त इस प्रकार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 27 जुलाई 2024 को रात 9 बजकर 19 मिनट से होगा और इसका समापन 28 जुलाई को रात 7 बजकर 27 मिनट पर होगा। इस वर्ष सावन की कालाष्टमी का व्रत 27 जुलाई 2024 को रखा जाएगा। भक्तगण इस दिन उपवास रखकर और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर भैरव देवता की आराधना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
रवि योग में मनाई जाएगी कालाष्टमी
सावन माह की कालाष्टमी इस वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन रवि योग का संयोग भी बन रहा है। 27 जुलाई 2024 को सावन की कालाष्टमी के दिन रवि योग प्रातः 05 बजकर 40 मिनट से दोपहर 1 बजे तक रहेगा। रवि योग एक अत्यंत शुभ योग माना जाता है, जिसमें सूर्य का प्रभाव बहुत अधिक रहता है। इस समय के दौरान किए गए सभी शुभ कार्य सफल होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
रवि योग का महत्व
रवि योग को हिंदू ज्योतिष में एक अत्यंत महत्वपूर्ण योग माना जाता है। यह योग तब बनता है जब सूर्य और चंद्रमा एक विशिष्ट स्थिति में होते हैं, जिससे इस समय के दौरान किए गए सभी कार्य सफल होते हैं और सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं। रवि योग के दौरान की गई पूजा और अनुष्ठान अत्यंत फलदायी होते हैं, क्योंकि इस समय में सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
सावन कालाष्टमी व्रत का महत्व
सावन माह की कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन कालभैरव बाबा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। कालभैरव को संकटों से रक्षा और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है, इसलिए इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। सावन की कालाष्टमी पर व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके जीवन में स्थिरता आती है।
