Study Astrology: बच्चों के जीवन में शिक्षा को महत्त्वपूर्ण माना गया है। पौराणिक काल में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुलों में भेजा जाता था। गुरुकुल में रहकर बच्चे वेदों, पुराणों का ज्ञान प्राप्त कर विशेष सिद्धियां प्राप्त करते थे। वेदों पुराणों में लिखे मंत्रों के निरंतर जाप और अभ्यास के कारण बच्चों के मन में एकाग्रता बनी रहती थी जिसके कारण बच्चों का मन पढ़ाई में लगा रहता था। आधुनिक युग में बच्चों का ध्यान पढ़ाई से ज्यादा अन्य चीजों में रहता है। जिसके कारण पढ़ाई के प्रति उनकी रुचि कम होने लगती है। कुछ बच्चे बहुत पढ़ाई करते हैं लेकिन उनका परिणाम अच्छा नहीं आता तो कुछ बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता। ज्योतिषशास्त्र और वास्तुशास्त्र में कुछ ऐसे मंत्र और उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाने से पढ़ाई के लिए एकाग्रता बढ़ेगी और सफलता भी प्राप्त होगी।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि मंत्रों के जाप से बच्चे के मन में पढ़ाई के लिए रुचि पैदा होती है। पढ़ाई के प्रति बच्चों के मन में रुचि जगाने के लिए बच्चों को रामचरितमानस में लिखी चौपाई “गुरु गृहन गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब आई।” का जाप 11 बार करना चाहिए। इस चौपाई के जाप से पढ़ते समय बच्चों का मन अन्य चीजों की तरफ नहीं भटकता। पढ़ाई शुरू करने से पहले “ऊं नमो भगवती सरस्वती वाग्वादिनी ब्रह्मीणी ब्रह्मस्वरूपिणी बुद्धिवादिनी मम विद्या देहि-देहि स्वाहा।” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से देवी सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पढ़ा हुआ सब याद रहता है।
कुछ बच्चे पढ़ना चाहते हैं, लेकिन पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते तो ऐसे बच्चों को “ॐ शारदा माता ईश्वरी, मैं नित सुमरि तोय, हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से मन के विकार दूर होते हैं और बच्चे के मन में पढ़ाई के प्रति एकाग्रता उत्पन्न होती है। जिन बच्चों को सब याद रहता है लेकिन परीक्षा के समय घबराहट होती है, ऐसे बच्चों को “शारदायै नमस्तुभ्यं, मम ह्रदये प्रवेशिनी, परीक्षायांसमुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से बच्चे का मन शांत होता है और वह परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता है।
इन उपायों से भी बढ़ती है पढ़ाई में रुचि

वास्तुशास्त्र के अनुसार, बच्चों के कमरे में मोरपंख रखने से बच्चों के मन से नकारात्मकता दूर होती है। पढ़ाई करते समय बच्चों का मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए, यदि ऐसा संभव न हो तो उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके पढ़ाई करनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चे की बुद्धि तेज होती है। बच्चों के स्टडी रूम में उगते सूरज की तस्वीर लगाने से बच्चे के मन में सकारात्मकता बढ़ती है। पढ़ते समय बच्चे की पीठ खिड़की की तरफ होनी चाहिए, ऐसा करने से बच्चे को ऊर्जा मिलती है।
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