सावधान! क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के चक्कर में हो सकते हैं कंगाल: Credit Card Scam
Credit Card Scam and Fraud

Credit Card Scam: देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों को पता भी नहीं चलता और चंद मिनटों में उनके साथ अपराध हो जाता है। साइबर ठग आए किसी न किसी वारदात को अंजाम देते हैं। कभी फेक जॉब ऑफर्स, कभी फेक लोटरी तो कभी फर्जी एजेंट बन। ऐसे में अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट की बढ़ाना चाहते हैं तो आपके सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि साइबर ठग क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की आड़ में आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं। इसलिए किसी भी ठगी से बचने के लिए आपका जागरूक होना जरुरी है। आज इस लेख में हम आपको इस तरह की ठगी से बचने के तरीकों के बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं।

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Credit Card Scam:कैसे लोगों को जाल में फंसाते हैं ठग?

ओटीपी और बैंक से जुड़ी धोखाधड़ी आजकल आम हो चुकी है। लापरवाही और अज्ञानता के चलते आये दिन लोग साइबर क्राइम के शिकार बन रहे हैं। किसी भी बैंकिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए आपकी थोड़ी सी सतर्कता की जरुरत है। इसलिए किसी भी अनजान नंबर पर भरोसा करने से पहले उसकी जांच परख जरूरी है। क्योंकि ठग आपको शिकार बनाने से पहले आपका विश्वास जीतते हैं। इसलिए कसी के भी साथ अपनी निजी जानकारियां, ओटीपी और कोड शेयर न करें।

कैसे होती है ठगी?

Credit Card Scam
Credit Card Scam

क्रेडिट कार्ड से जुड़े इस फ्रॉड को अंजाम देने के लिए ठग लोगों को फोन कॉल कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का ऑफर्स देते हैं। ठग बैंक का अधिकारी बन आपको कॉल कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाए जाने की बात कहता है। वह आपसे जुड़ी कुछ ऐसी जानकारियां साझा करता है, जिससे आप उसपर आसानी से भरोसा कर लेते हैं। लिमिट को अपडेट करने के लिए आपके पास एक कोड आता है, जिसे ठग आपसे पूछता है। जैसे ही कोड ठग तक पहुंचता है, वह आपके साथ धोखाधड़ी को अंजाम देता है। और आप अपने हज़ारों और लाखों रुपए गंवा देते हैं।

ठगी से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं?

  • उस अनजान नंबर से आए फ़ोन कॉल पर भरोसा न करें, जो आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की बात कहता है।
  • अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स और ओटीपी नंबर किसी के साथ शेयर न करें।
    अगली किसी भी ट्रांजेक्शन होने से पहले अपने बैंक में कॉल कर अकाउंट, कार्ड और UPI सर्विस को बंद करवाएं।
  • मेल, लेटर या बैंक में जाकर बैंक को घटना की जानकारी दें।
  • इस तरह की धोखाधड़ी के बाद तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर सूचित करें।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...