बच्चों में बढ़ती मोबाइल की लत से लगातार हो रहें हैं 6 गंभीर नुकसान
बच्चों के लिए स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली का चुनाव करें,
Mobile Addiction in Kids: आजकल बच्चों को समय बिताने के लिए घर पर रह कर या तो ऑनलाइन गेम्स खेलना बहुत पसंद आता है या फिर मोबाइल रील्स और शॉर्ट्स देखने में उनका पूरा समय बीत जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों के लिए ढेर सारी चीजें मौजूद है। खासतौर पर रील्स या शॉट्स ,ये रील्स कहने को तो कुछ सेकंड्स के होते हैं, लेकिन इन्हें इतना आकर्षक बनाया जाता है कि बच्चे इनमें घंटों उलझे रहते हैं। लें क्या आप जानते हैं, बच्चे अगर इस तरह के वीडियो बहुत ज़्यादा देखते हैं तो इससे उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक असर होने लगता है। बच्चों में मोबाइल रील्स और शॉर्ट्स की लत एक गंभीर परेशानी का कारण बन सकती है। इसके लिए माता-पिता को समय पर जागरूक होने की आवश्यकता है।
बच्चों के लिए स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली का चुनाव करें, जहां डिजिटल मनोरंजन हो पर एक सीमा तय होनी चाहिए।
सुरक्षा

सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। अगर आप अपने बच्चे को बिना किसी निगरानी इस तरह की वीडियो देखने की आज़ादी दे देते हैं, तो बच्चे उस वीडियो में दिखाए जाने वाले कंटेंट के बारे में ठीक तरह से नहीं समझ पाते हैं। कई तरह के अनुपयुक्त कंटेंट से बच्चे प्रभावित होने लगते हैं। कई बार बच्चों की पर्सनल जानकारी भी सोशल मीडिया पर साझा हो सकती है, जो उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।
शारीरिक स्वास्थ
ऐसी वीडियो के दौरान बच्चे घंटों तक शारीरिक गतिविधि के बिना बस बैठे रहते हैं। ऐसी जीवनशैली से बच्चों में मोटापा, आलस, पीठ दर्द, शरीर दर्द, गर्दन का दर्द आदि पनपने लगता है। लम्बे समय तक एक जगह बैठे रहने से बच्चे आराम करने के आदि हो जाते हैं।
भावनात्मक प्रभाव
इस तरह की रील्स देखने पर बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ पर काफी गहरा असर पड़ता है। इनमें दिखाई जाने वाली जानकारी से बच्चे प्रभावित होते हैं और उनका मन बेचैन रहने लगता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को डिप्रेशन, अकेलापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान बच्चे वास्तविक दुनिया और डिजिटल दुनिया के बीच का अंतर समझ ही नहीं पाते हैं, जिससे उनके मानसिक विकास में परेशानी आने लगती है।
सोशल स्किल्स

मोबाइल रील्स और शॉर्ट्स के जरिए बच्चों को डिजिटल दुनिया में खो जाने का मौका मिलता है, जिससे उनके सोशल स्किल्स पर काफी असर पड़ता है। बच्चे घर,स्कूल या कहीं बाहर जाने पर किसी से भी सही तरह से बात करना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में बच्चे दूसरों के साथ सही तरह से घुलमिल नहीं पाते हैं।
पढ़ाई पर असर
ये लत बच्चों की पढ़ाई पर भी काफी नकारात्मक असर डालती है। इस तरह के वीडियो इतने आकर्षक होते हैं की बच्चे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पाते हैं। मोबाइल पर घंटों बर्बाद करने की वजह से बच्चे अपने अध्ययन में समय नहीं दे पाते हैं।
समाधान अपनाएं

बच्चों में मोबाइल रील्स और शॉर्ट्स की लत को रोकने के लिए माता-पिता की भूमिका बहुत अहम है। बच्चों को स्क्रीन टाइम लिमिट सेट करने के लिए कहें, समय से ऊपर हो जाने पर प्यार से उन्हें समझाएं। माता पिता बच्चों को अलग-अलग तरह की गतिविधियों जैसे आउटडोर गेम , म्यूजिक या कला में भाग लेने के लिए निरंतर प्रेरित करते रहें। बच्चों के साथ बैठकर अपने बचपन की बातें साझा करें, हर दिन अपने बच्चों के लिए कम से कम 20 मिनट जरूर निकालें।
