Book Fear

Book Fear: अक्सर छोटे बच्चे किताबों से डरने लगते हैं, खासतौर पर जब पढ़ाई को बोझ की तरह समझाया जाता है। ऐसा अक्सर तब होता है ,जब पढ़ाई बच्चों के लिए एक सख्त अनुशासन बन जाती है। इस तरह की पढाई में खेल या रुचि की कोई जगह नहीं होती। जब बच्चों से ज्यादा उमीदें लगायी जाती हैं और उन्हें बार-बार इसके लिए डांटा जाता है, तो उनके मन में किताबों और पढ़ाई को लेकर नकारात्मक भावना आ जाती है। इसके अलावा, जब शिक्षक या माता-पिता केवलअच्छे नंबर लाने पर ज़ोर देते हैं, तो बच्चा पढ़ाई से डरने लगता है। बच्चे को किताबों से जोड़ने के लिए जरूरी है कि हम पढ़ाई को एक सकारात्मक अनुभव बनाएं। सबसे पहले, हमें बच्चे की रूचि को समझना चाहिए और उसी के अनुसार उसे सरल और रोचक कहानियों की किताबें देनी चाहिए।

इस तरह बच्चा पढाई को बोझ नहीं समझेगा।

Book Fear
Happy Kids

हर माता-पिता के लिए यह जानना ज़रूरी है कि बच्चा के पढाई से डर के पीछे क्या वजह है। ऐसा संभव है, उसे कुछ विषय कठिन लगते हों, या किसी टीचर की डांट से डर लगता हो। कई बार बच्चे खुद पर  विश्वास नहीं कर पाते हैं। जब आप अपने बच्चे के डर को समझने की कोशिश करेंगे, तभी आप उसका डर पूरी तरह से निकाल पाएंगे।

Book Fear
Create fun

पढ़ाई को खेल की तरह लिया जाए तो बच्चा इसमें अपने आप ही रुचि लेने लगता है। माता-पिता पढ़ाई को खेल, कहानियों, चित्रों और विडियो के ज़रिए मजेदार बना सकते हैं। जैसे गणित सिखाने के लिए गिनती वाले खेल खेलें या विज्ञान समझाने के लिए छोटे-छोटे मज़ेदार प्रयोग कर के दिखाएं।

बच्चे को शुरुआत में स्कूल वाली किताबों की जगह कहानी, पिक्चर बुक या 3D किताबें दें जो उसकी रुचि से जुड़ी हुई हों। अगर बच्चा जानवरों में रुचि रखता है तो जानवरों और जंगल की कहानियों वाली किताबें दें। धीरे-धीरे बच्चे को किताबों से लगाव होगा और फिर एक दिन ऐसा भी आएगा आपका बच्चा पढ़ाई से भी डरना छोड़ देगा।

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Confidence is important

बच्चे को अगर एक साथ बहुत ज्यादा पढ़ने के लिए कहेंगे तो वह पहले से ही घबरा जाएगा। पहले शुरुआत में छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें। हर दिन कम से कम जैसे रोज़ 30 मिनट पढ़ने की आदत डलवाएं। फिर धीरे-धीरे समय और विषय भी बढ़ाएं। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बना रहेगा और उसे लगेगा कि वह पढाई बहुत आसानी से कर सकता है।

अगर रोज़ एक निश्चित समय पर पढ़ने की आदत डाली जाए तो  बच्चों को पढाई का समय समझ आने लगता है। ऐसे में वह खुद-ब-खुद पढ़ाई के लिए तैयार हो जाएगा। जैसे सोने से पहले 15 मिनट की किताब पढ़ने की आदत डालें। इससे उसका ध्यान भी बढ़ेगा और नींद भी बेहतर होगी।

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Praise them

जब बच्चा पढ़ाई में थोड़ा भी प्रयास करे, तो उसकी सराहना करें। यह जरूरी नहीं कि हर बार इनाम दें, कभी-कभी सिर्फ “वाह! तुमने बहुत अच्छा किया” कह देने से भी बच्चे का आत्मबल बढ़ता है।

बच्चे जो माता-पिता को करते हुए देखते हैं वही सीखते हैं। अगर आप खुद किताबें पढ़ते हैं, और पढ़ाई को महत्व देते हैं, तो बच्चा भी आपकी नकल करेगा। घर में पढ़ाई का एक सकारात्मक माहौल बनाएं।

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Stay Positive

पढ़ाई की आदत डालना एक दिन का काम नहीं है। इसके लिए समय और धैर्य के साथ एक नियम बना लेना चाहिए। अगर बच्चा किसी दिन नहीं पढ़ता, तो गुस्सा न करें। उसे समझाएं और हर दिन कुछ न कुछ जरूर पढ़ने के लिए कहें। ध्यान रखें कि वह धीरे-धीरे सही दिशा में बढ़ता रहे।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...