आज के इस भागा-दौड़ी के युग में कुछ व्यक्तियों के पास अपनी जन्म कुंडली है तो बहुत से ऐसे भी हैं जिनके पास जन्म कुंडली नहीं है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने जन्म की तारीख तक ज्ञात नहीं है। ऐसे में वे अपनी जन्म कुंडली भी नहीं बनवा पाते। लेकिन घबराने की बात नहीं है, ऐसे व्यक्ति जिनके पास स्वयं की जन्म कुंडली नहीं है वे लोग अपने हाथों की लकीरों से भी अपने भविष्य को जान सकते हैं। वे हाथों की लकीरों में बन रहे योगों की सहायता से अपने आने वाले कल को देख सकते हैं। तो आइये हम भी देखें अपने हाथों में अपने भविष्य को।

लक्ष्मी योग

यदि शनि वलय तथा बुध वलय हो और किसी एक रेखा से इन दोनों रेखाओं का आपस में संबंध होता हो, तो लक्ष्मी योग बनता है।

फल- जिसके हाथ में यह योग होता है वह व्यक्ति समाज में प्रशंसा प्राप्त करने वाला होता है। वह आॢथक दृष्टि से पूर्ण संपन्न होता है। ऐसे व्यक्ति में भाषण देने की अद्भुत कला होती है तथा वह शब्दों के माध्यम से लोगों को अपने पक्ष में करने की कला जानता है। ऐसा व्यक्ति गुणी, चतुर तथा ख्याति प्राप्त करने वाला होता है।

महालक्ष्मी योग

यदि हाथ में भाग्य रेखा अत्यन्त सीधी, स्पष्ट, पूरी लंबाई लिए हुए तथा मणिबन्ध से निकलने वाली हो और शनि पर्वत पर जाकर उसके मध्य बिन्दु को स्पर्श करती हो तथा सूर्य रेखा चन्द्र पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत के मध्य बिन्दु तक पहुंचती हो तो हाथ में महालक्ष्मी योग होता है।

फल- महालक्ष्मी योग रखने वाला व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। वह अतुल धन सम्पत्ति रखने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार के भोग और ऐश्वर्य को प्राप्त करते हैं। लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव ऐसे व्यक्तियों पर बनी रहती है।

राज्यलक्ष्मी योग

यदि हथेली में गुरु, शुक्र, बुध और चन्द्रमा के पर्वत पूर्ण विकसित हों तथा लालिमा लिए हुए हों तो उस व्यक्ति के हाथ में राज्यलक्ष्मी योग होता है।

फल- जिस जातक के हाथ में राजलक्ष्मी योग होता है। वह जीवन में अपने प्रयत्नों से बहुत अधिक उन्नति करता है, जीवन की सभी भौतिक इच्छाएं समय-समय पर पूरी होती है और वाहन सुख, भवन सुख तथा स्त्री सुख में किसी प्रकार की कोई न्यूनता नहीं रहती। उसका व्यक्तित्त्व अपने आप में भव्य और आकर्षण होता है।

भाग्योदय योग

जिस व्यक्ति के हाथ में मणिबन्ध से भाग्य रेखा प्रारंभ होकर मध्यमा के दूसरे पौर तक पहुंच जाती है, तो वह भाग्योदय योग बनाती है।

फल- जिसके हाथ में यह योग होता है, उसका भाग्योदय जीवन के प्रारंभ से ही हो जाता है और भाग्य के बल से ही वह जीवन में सभी दृष्टियों से सफलता प्राप्त करता है। वह अपना संपूर्ण जीवन सुख शान्ति से व्यतीत करता है।

महाभाग्य योग

यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा पूर्ण लंबाई लिए हुए हो, साथ ही सूर्य पर्वत अपने स्थान पर विकसित एवं पुष्ट हो, इसके अलावा चन्द्र और गुरु पर्वत सुदृढ़ हों, तो उसके हाथ में महाभाग्य योग होता है।

फल- जिसके हाथ में यह योग होता है, वह व्यक्ति उत्तम विचारों का धनी तथा समाज का नेतृत्व करने वाला होता है। उस व्यक्ति के संपर्क में जो भी व्यक्ति आता है, वह अपने आपको भाग्यशाली समझता है। आर्थिक दृष्टि से इसके जीवन में किसी प्रकार की कभी कमी नहीं रहती। मित्रों का इसके जीवन में पूरा पूरा सहयोग रहता है। बुढ़ापा बहुत अधिक सुखमय व्यतीत होता है और ऐसा व्यक्ति अपने ही प्रयत्नों से जीवन में सफलता प्राप्त करता है। यदि स्त्री के हाथ में यह योग हो, तो उसका विवाह अत्यन्त उच्चस्तर के व्यक्ति के साथ होता है। ऐसी स्त्री आचरणशील होती है और समाज में सम्मान प्राप्त करती है।

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