मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु रहा है। इसी जिज्ञासु प्रवृत्ति के कारण वह सदैव अपना भविष्य जानने के लिए इच्छुक रहता है। इसी जिज्ञासा को शान्त करने के लिए मानव ने अनेकों ऐसी प्रणालियां विकसित की जिनके द्वारा वह अपने भविष्य का अनुमान लगा सके और उनमें से एक प्रणाली है हस्तरेखा ज्ञान।