Mumbai To China Parcel Fraud
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Overview: 19 दिनों के डिजिटल अरेस्ट में एक इंजीनियर मे गवाए 10 करोड़ रुपए

19 Days Of Digital Arrest: रोहिणी के एक रिटायर्ड इंजीनियर ऑनलाइन घोटाले का ताजा शिकार बन गए हैं, जिन्होंने 19 दिनों में 10 करोड़ रुपये की बड़ी रकम गंवा दी। यह घटना "डिजिटल अरेस्ट" घोटालों के बढ़ते खतरे और ऑनलाइन सतर्कता के महत्व की याद दिलाती है। हाल ही में एक रिटायर्ड इंजीनियर के साथ ठगी का एक नया तरीका सामने आया है। रिटायर्ड इंजीनियर को एक कॉल आता है, जिसमें उनके नाम का एक पार्सल आने की बात कही जाती है। इसके बाद शुरू होता है ठगी का खेल। आइए जानें पार्सल के नाम पर आनलाइन फ्रॉड कैसे किए जा रहे है?

Mumbai To China Parcel Fraud: रोहिणी के एक रिटायर्ड इंजीनियर ऑनलाइन घोटाले का ताजा शिकार बन गए हैं, जिन्होंने 19 दिनों में 10 करोड़ रुपये की बड़ी रकम गंवा दी। यह घटना “डिजिटल अरेस्ट” घोटालों के बढ़ते खतरे और ऑनलाइन सतर्कता के महत्व की याद दिलाती है। हाल ही में एक रिटायर्ड इंजीनियर के साथ ठगी का एक नया तरीका सामने आया है। रिटायर्ड इंजीनियर को एक कॉल आता है, जिसमें उनके नाम का एक पार्सल आने की बात कही जाती है। इसके बाद शुरू होता है ठगी का खेल। आइए जानें पार्सल के नाम पर आनलाइन फ्रॉड कैसे किए जा रहे है?

कैसे हुआ घोटाला?

रोहिणी के 77 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर ने हाल ही में खुलासा किया कि उनके साथ ये घोटाला 25 सितंबर को शुरू हुआ, जब उन्हें एक कूरियर कंपनी से कॉल आया। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बाचतीच में बताया, “मैं आमतौर पर अनजान नंबरों से कॉल नहीं उठाता, लेकिन दुर्भाग्य से, मैंने उस दिन कॉल उठाया।”

कैसे करते हैं डिजिटल अरेस्ट?

Bengaluru Police commissioner b dayananda caution people against fake digital arrest scam Spread awareness
Bengaluru Police commissioner b dayananda caution people against fake digital arrest scam Spread awareness

कॉल करने वाले ने कूरियर कंपनी के प्रतिनिधि बनकर बात करते हुए इंजीनियर को एक संदिग्ध पार्सल के बारे में बताया, जो मुंबई से आया था और चीन के लिए भेजा गया था। इंजीनियर ने पार्सल के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया, फिर उसे मुंबई पुलिस के एक कथित अधिकारी के साथ कॉल पर जोड़ा गया। इसके बाद पीड़ित को एक वीडियो कॉल आया, जिसमें उसने मुंबई पुलिस के लोगो के सामने एक व्यक्ति को बैठे देखा।

अधिकारी ने कथित पार्सल घोटाले के बारे में बताया और सत्यापन के लिए पीड़ित के बैंक विवरण मांगे। फिर कॉल को दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसने खुद को एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी बताया, जिससे पीड़ित पर और दबाव बढ़ गया।

अकेले कमरे में करते हैं वीडियो कॉल

पीड़ित ने बताया, “उसने मुझे एक खाली पर्सनल कमरे में जाने को कहा ताकि कोई मेरी बातें न सुन सके और मुझसे कई सवाल पूछे। फिर, उसने मुझे दस्तावेज दिखाए, जिनमें से एक में मेरा आधार विवरण था और दूसरे में मुझे देश न छोड़ने का आदेश था।” पीड़ित ने यह भी बताया कि कॉल के दूसरी तरफ मौजूद अधिकारी ने उसे चेतावनी दी कि वह अपने बच्चों या किसी और को इस घटना के बारे में न बताए, साथ ही धमकी दी कि उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उसने कहा, “उन्होंने दावा किया कि मेरा फोन निगरानी में है।”

ऐसे लूटे 10 करोड़ रुपए

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अगले दिन पीड़ित का संपर्क प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति से हुआ। अधिकारी ने पीड़ित को मामले में सहायता का आश्वासन दिया, जिससे पीड़ित का भरोसा और भ्रम और गहरा हो गया। अगले 19 दिनों में, घोटालेबाजों ने पीड़ित पर अपना नियंत्रण बनाए रखते हुए, उसे तीन किस्तों में 10.3 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।

पीड़ित के भाई ने लगाया दिमाग

14 अक्टूबर को, घोटालेबाजों ने एक नया मोड़ पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि पीड़ित के भाई को जांच में फंसाया गया था। इससे पीड़ित पर और दबाव पड़ा, जिससे उसे अपने भाई को शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सौभाग्य से, भाई ने घोटाले को पहचान लिया और पीड़ित को आगे भुगतान बंद करने के लिए मना लिया। उन्होंने रोहिणी जिला पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा, “मेरे पास अपने परिवार और पुलिस के साथ घटना के बारे में बात करने का समय था, लेकिन मैं डरा हुआ था। यहां तक ​​कि मेरी पत्नी भी डरी हुई थी।”

मेरा नाम निक्की कुमारी है। मैं पिछले 2 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मैंने अब तक कई बड़े मीडिया हाउस के साथ फ्रीलांसर के तौर पर काम किया है। मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मुझे...