सनातन धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता का विशेष महत्व है, जिसमें मानव जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डाला गया है। गीता मानव जीवन के लिए अनमोल है, जोकि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्‍ण ने उपदेश के रूप में अर्जुन को दिया था। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष मार्गशीर्ष शुक्‍ल एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है, इस बार ये 8 दिसम्बर को है। वैसे ये तो आप सब जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत की रणभूमि में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, पर क्या आप ये जानते हैं कि श्री कृष्ण को गीता का ज्ञान कहां से मिला था। जी हां, आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि श्रीकृष्ण ये अनमोल ज्ञान कहां से मिला था।
विदीत है कि इसमें 18 अध्याय हैं, जिसमें पहले 6 अध्यायों में कर्मयोग, अगले 6 अध‍यायों में ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्‍यायों में भक्तियोग का ज्ञान निहीत है।
 
बात करें श्री कृष्ण के श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान की तो आपको बता दें ऐसा पौराणिक मान्यता है कि श्रीकृष्ण को गीता का ज्ञान स्वयं ईश्वर यानि कि काल पुरुष ने दिया था।दरअसल, जब श्री कृष्ण गीता का ज्ञान देते थें तो वो महायोगी अवस्था में होते थें और उसी दौरान काल पुरुष अर्जुन के प्रश्नों का उत्तर देते थे। 

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