Jaya Ekadashi 2025 Rules
Jaya Ekadashi 2025 Rules

Saphala Ekadashi 2024 Date: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। खासकर वैष्णव संप्रदाय के लिए तो एकादशी का व्रत-पूजन उत्सव की तरह होता है। हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं। इस तरह से पूरे साल में 24 एकादशी पड़ती है, जिसके विभिन्न नाम और महत्व हैं। साल 2024 अब समाप्त होने वाला है और नए साल की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में जानते हैं साल 2024 की आखिरी एकादशी कौन सी है और इसका क्या धार्मिक महत्व है।

साल 2024 की आखिरी एकादशी की डेट

Saphala Ekadashi 2024 Date
Saphala Ekadashi 2024

साल 2024 की आखिरी एकादशी सफला एकादशी है, जोकि 26 दिसंबर 2024 को पड़ेगी। पंचांग के अनुसार सफला एकादशी का व्रत पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। सभी एकादशी की तरह यह एकादशी भी भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस एकादशी पर आप भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मीजी की भी पूजा कर सकते हैं।

सफला एकादशी का मुहूर्त

एकादशी का व्रत-पूजन करने के लिए तिथि के साथ ही मुहूर्त का भी ध्यान रखें। क्योंकि एकादशी व्रत-पूजन के लिए उदयातिथि मान्य होना भी जरूरी है। एकादशी तिथि 25 दिसंबर रात 10:29 पर शुरू होगी और 27 दिसंबर को रात 12:43 पर समाप्त होगी। ऐसे में 26 दिसंबर को उदयातिथि रहेगी, इसलिए इसी दिन सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा और पूजा की जाएगी। वहीं 27 दिसंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।

सफला एकादशी पर ध्यान रखने वाली बातें

Saphala Ekadashi 2024 Puja vidhi
Saphala Ekadashi 2024 Puja vidhi

एकादशी व्रत करने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दशमी तिथि से ही व्रत के नियम शुरू हो जाते हैं। व्रत रखने वाले जातक को दशमी तिथि के दिन यानी एकादशी से एक दिन पहले सात्विक आहार ही करना चाहिए। इसके बाद सफला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। इसके बाद एक चौकी में लाल या पीला कपड़ा बिछाकर श्रीहरि की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर भगवान को जल अर्पित करें। फिर तुलसी, पीले फूल, चंदन, माला, कुमकुम और नेवैद्य आदि अर्पित कर भगवान का पूजन करें। इस बात का खास ध्यान रखें कि भगवान विष्णु को पूजा में तुलसी पत्ते या तुलसी दल जरूर चढ़ाएं। तुलसी के बिना श्रीहरि की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके बाद घी का दीप जलाएं, सफला एकादशी की व्रत कथा पढ़ें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और भगवान की आरती करें। इस दिन निराहार व्रत रखकर अगले दिन व्रत का पारण करना चाहिए।

हर काम में सफलता दिलाती है सफला एकादशी

धार्मिक मान्यता है कि सफला एकादशी के दिन श्रदधापूर्वक व्रत रखने वाले साधक को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती है. साथ ही पाप कर्मों का नाश होता है। भगवान विष्णु को एकादशी तिथि बहुत प्रिय है, अगर आप श्रीहरि को प्रसन्न कर आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इसका सबसे सरल और श्रेष्ठ उपाय है एकादशी व्रत। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...