भारतीय स्थापत्य कला में वास्तु विज्ञान की काफी महत्ता है। यह भवन निर्माण का एक जीवनोपयोगी अंग है।वास्तु शास्त्र में भूमि क्रय से लेकर गृह प्रवेश तक के विभिन्न प्रकरणों एवं उनके नियमों का प्रतिपादन किया गया है जो विज्ञान सम्मत है। इसी प्रकार वास्तु दोषों के निवारण के लिए भी विभिन्न उपाय सुझाए गए हैं। यदि वास्तु दोषों के कारण आप रोग, धन हानि, असफलता, व्यापार में बाधा आदि समस्याओं से ग्रस्त हैं तो आप इन उपायों द्वारा लाभान्वित हो सकते हैं। ये ऐसे उपाय हैं जिसमें भवन आदि में किसी भी प्रकार की कोई तोड़-फोड़ करने की जरूरत नहीं पड़ती।
बीम का दुष्प्रभाव
यदि भवन में स्थितकिसी बीम के नीचे डाइनिंग टेबल या बेड अथवा ऑफिस में मेज-कुॢसयां रखी हों तो बीम के नीचे बैठने या लेटने वाला मनुष्य मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो जाता है।यदि बीम के नीचे बैठने या लेटने के अलावा कोई अन्य विकल्प न हो, तो निम्नलिखित उपायों द्वारा वास्तु दोष का निवारण कर आप तनाव रहित हो सकते हैं।
- बीम के दोनों और बांसुरी लगा देने से वास्तु दोष का शमन हो जाता है।बीम को सीलिंग टाइल्स से ढकने पर भी वास्तु दोष का निवारण हो जाता है।
- बीम के दोनों ओर हरे रंग के गणपति लगा दें, इससे भी वास्तु दोष दूर हो जाएगा।
ऊंचे भवन का दुष्प्रभाव
- यदि आपके मकान के आसपास कई बड़ी इमारतें हों और मकान के कोण को प्रभावित कर रही हों, तो गृह स्वामी तथा परिवार के सदस्यों को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ेगा। इसका समाधान निम्नलिखित उपायों से किया जा सकता है।
- मकान और इमारतों के बीच एक ऊंचा झंडा लगा दें।
- दिशा-सूचक यंत्र लगाएं जिसका ऐरो बड़ी इमारत की ओर हो।
- स्पॉट लाइट लगाएं जिसका प्रकाश आपके मकान की ओर हो।
- दोनों के बीच में अशोक आदि का कोई सीधा-ऊंचा वृक्ष लगाएं।
- पलंग पर काले मृग की खाल बिछाकर सोएं अथवा शयन कक्ष में शुद्ध देसी घी का दीपक जलाकर रखें।
फैक्ट्री का दुष्प्रभाव
यदि आपके भवन के सामने कोई कारखाना या फैक्टरी हो, तो यह शुभ संकेत नहीं है। इससे धन हानिहोती है तथा शरीर रोगग्रस्त हो जाता है।
इसका समाधान निम्नलिखित है:-
- भवन के सामने थोड़ी दूरी पर एक लैंप पोस्ट लगा दें, जिसका प्रकाश रात्रि में मार्ग को प्रकाशित करता रहे।
- मकान के किनारे बड़ा सा गुब्बारा लगा दें।
- मकान के आगे अशोक आदि के वृक्ष लगा दें।
धर्मस्थल आदि का दुष्प्रभाव
यदि भवन के सामने कोई बड़ा धर्मस्थल आदि हो, तो उसका दुष्प्रभाव भवन पर पड़ेगा और परिवार के सदस्यों को देवी विपदाओं का सामना करना पड़ेगा। ऐसे वास्तु दोष का निवारण निम्नलिखित रूप से किया जा सकता है:-
- अपने मकान के द्वार पर वास्तु दोष नाशक तोरण लगा दें।
- धर्मस्थल और मकान के बीच में कोई ऊंचा वृक्ष लगाएं।
- मकान की छत पर पानी की हौज बनवाएं। हौज के पानी में धर्मस्थल या इमारत का प्रतिबिंब दिखाई देते रहना चाहिए।
- कोई बड़ा गोलाकार आईना मकान की छत पर इस तरह लगाएं कि उसमें धर्मस्थल या इमारत की संपूर्ण छाया दिखाई देती रहे।
कोणवेध का दुष्प्रभाव
यदि सामने वाले भवन का कोण (कोना) आपके मकान के कोण को प्रभावित कर रहा हो तो यह कोणवेध कहलाता है। इसके फलस्वरूप भाग्य में बाधा आती है। कोणवेध का दुष्प्रभाव निम्नलिखित उपायों से दूर करें:-
- अपने मकान की छत पर दिशा सूचक यंत्र स्थापित करें। यंत्र का ऐरो सामने के भवन की ओर रहना चाहिए।
- मकान के द्वार पर सर्वमंगलकारी कौड़ी तोरण लगाएं।
- अपने मकान की छत के बाहरी भाग पर कोई षट्कोणीय आईना लगा दें।
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