प्यार जब छलछलाकर रोमानियत भरे पलों में बदल जाए तो नज़दीकियां तक और नज़दीक हो जाना चाहती हैं। देखने का अंदाज़, छूने का ढंग, सब बदल जाता है। अगर ये एहसास एक-साथ दो दिलों में धड़क उठा है, तब तो बात और है, लेकिन अगर एक पर छाया है खुमार और दूसरा है धड़कनों की इस रफ्तार से बेपरवाह-बेज़ार तो थोड़ा छिपाना भी होगा, बहुत कुछ बताना भी होगा। थोड़ा इतराना भी होगा और बहुत लुभाना भी होगा। रोमानियत के अपने चरम तक पहुंचने से पहले तक का ये सफर ही उन तमाम लम्हों से भरा होता है, जिस पर चलने का मज़ा मंजि़ल पर पहुंचने के बाद होने वाले एहसास से भी कहीं बढ़कर होता है। जब सफर इतना हसीन हो तो क्यों न कुछ ऐसा करें आप भी कि आपका वह साथी, जो अभी तक आपके दिल की बात नहीं समझ पा रहा है, उसे आपके ये कुछ जताते, कुछ छिपाते इशारे खींच लाएं।
स्पर्श में होता है बहुत जादू
‘जब मेरी पत्नी रोमांटिक मूड में आती है तो अपने बालों का जूड़ा कुछ इस तरह से बांध लेती है कि वे बार-बार खुलकर उसके कंधों पर बिखरने लगते हैं। कुछ हल्का-हल्का गुनगुनाने भी लगती है। बिना मांगे ही चाय बना लाती है और प्याला कुछ इस ढंग से छूते और देखते हुए पकड़ाती है कि उसके दिल की बात समझना मेरे लिए ज़रा भी मुश्किल नहीं रह जाता। एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत पीयूष जब ये कहते हैं तो उनकी मुस्कुराहट और आंखों की चमक में जैसे वही लम्हे झलक उठते हैं और ज़ाहिर हो जाता है कि प्यार-भरे पलों में किसी को कैसे लुभाया जा सकता है, इसका कोई सेट पैरामीटर नहीं होता। सभी से जुड़े इस जज़्बात का इज़हार भी सभी के लिए अलग-अलग होता है। मायने सिर्फ़ एक-दूसरे में समा जाने के ही खास नहीं होते, बल्कि किसी के उन्माद भरे भाव से छूकर महज़ चाय का प्याला भर थमा देना भी बेहद $खास हो जाता है। स्पर्श बहुत मायने रखता है इन लम्हों में, क्योंकि ‘मुझे तुमसे प्यार है। ये सिर्फ़ ज़बान से ही नहीं कहा जाता।
पर्सनल हाइजिन को न करें नज़रअंदाज़
‘कभी-कभी छोटी सी मुलाकात प्यार बनते-बनते रह जाती है, सांस की बदबू से। एक जाने-माने टूथपेस्ट ब्रांड का ये ऐड याद है आपको? छोटी सी इस एडवरटाइज़मेंट में बहुत बड़ी बात कह दी गई थी। नज़दीकी भरे पलों का खुमार मिनटों में हवा कर सकती है सांसों की बदबू। प्यार भरे ये रिश्ते चाहे नए बने हों या पुराने हों, पर्सनल हाइजिन का ध्यान रखना बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी होता है। बदबू चाहे सांसों की हो या पसीने की या प्राइवेट पार्ट की, इस नज़दीकी रिश्ते में दूरी का कारण बन सकती है। खासतौर पर जब बात शादीशुदा जोड़ों की हो तो इसकी अहमियत और बढ़ जाती है, क्योंकि समय के साथ बहुत से कपल्स की लव-लाइफ थोड़ी फीकी पड़ जाती है। बहुत से ऐसे लोग हैं कि किसी को अपनी वाइफ के कपड़ों से आती किचेन के मसालों की बदबू से दिक्कत होती है तो किसी को अपने पति के पसीने की बदबू नाकाबिले-बर्दाश्त लगती है। इस बदबू को उन्माद भरे पलों में तो शायद उतनी अहमियत न दी जाए, लेकिन बाद में ये आगे बनने वाले रोमानी पलों की फ्रीक्वैंसी को कम ज़रूर कर सकती है। सो आपका लव-पार्टनर चाहे नया हो या पुराना, इस बात को इग्नोर न करें। बहुत ही अच्छा होगा, अगर आप इंटिमेट होने जा रहे हैं तो उससे पहले बाथ ज़रूर ले लें। अगर ये बाथ साथ-साथ हो तो पानी में भी आग लग सकती है।
चॉकलेट ऐसे भी खाई जाती है
‘मेरे पति को मीठा खाना बहुत पसंद है, लेकिन जब जिस दिन वे मिठाई की बजाय डार्क चॉकलेट या चॉकलेट सॉस लाकर मेरे हाथों में गहरी आंखों से मुस्कुराते हुए पकड़ा देते हैं तो मैं समझ जाती हूं कि जनाब का मूड क्या है और वाकई उस दिन मेरी खैर नहीं होती। शर्माते हुए जब ये बात स्नेहा की ज़बान पर आती है तो हम समझ जाते हैं कि मुहब्बत का ज़ायका डार्क चॉकलेट या आइसक्रीम से भी बढ़ाया जा सकता है। ज़रा कल्पना करके देखिए, चॉकलेट या आइसक्रीम एक और खाने वाले दो। कई बार दिल का रास्ता पेट से होकर भी जाता है। अगर आप रोज़-रोज़ गुलाबजामुन खा-खाकर थक गए हैं तो किसी दिन बिरयानी भी ट्राई कीजिए, यानी अगर आपकी लव-लाइफ काफी समय से एक जैसे ढर्रे पर चल रही है तो कुछ ऐसा अलग-अलग सा कीजिए, जो न उन्होंने सोचा हो, न ही आपने। बस एक नए रास्ते पर दोनों एक-दूजे का हाथ थामे निकल पडि़ए और हर वह तरीका अपनाइए, जो इस सफर की खूबसूरती बढ़ा दे। आखिरकार एक-दूसरे के होंठों से लिपटी डार्क चॉकलेट सॉस या आइसक्रीम की कीमत उन उन्माद भरे लम्हों के मुकाबले ज़्यादा तो नहीं होती, जो आपके जीवनसाथी की यादों में देर तक ज़ायका भरे रखे।
फिज़ाओं में भी भर दीजिए रोमानियत
चाहे कोई पहाड़ी वादी हो या समंदर का किनारा हो, ये न हो अगर तो कभी घर का ही कोई अपना कोना सही, उसी को बना दीजिए ऐसा कि आपके पार्टनर का मूड भी उसी रंग में रंगता जाए, जिसकी खुमारी आप पर है छाई। चाहे भीनी-भीनी खुशबू हो, धीमा-धीमा रोमानी संगीत हो, थोड़ा-सा उजाला हो और थोड़ा सा अंधेरा हो, कम नहीं होता ये दिल के जज़्बात का इज़हार। प्यार एक अलग ही दुनिया में ले जाता है, लेकिन उस दुनिया के रास्ते अपने जाने-पहचाने रास्तों से होकर भी तो निकाले जा सकते हैं। ज़रूरत बस थोड़े से जतन की है। फूलों की वादियां न सही, गुलदस्ते में सजे फूलों की कशिश भी किसी को लुभा सकती है, अगर सलीके से प्यार ज़ाहिर हो रहा हो तो।
जंगली होना भी बना सकता है पालतू
रोमानियत भरी नज़दीकी में जो लुत्फ नर्मो नाज़ुक अंदाज़ का होता है, वाइल्ड होने का नशा उससे ज़रा भी कम नहीं होता। कई बार यही आपकी लव-लाइफ में एक पैशन और ताज़गी भर सकता है। दरअसल, ह्रश्वयार के रास्ते इतने पेचीदा होते हैं कि किस पल क्या भा जाए, कहना मुश्किल है। किसी को रोमानियत में सजी-संवरी सेज भाती है तो किसी की हसरत काउच या टेबल पर ही उमड़ आती है। कभी साथ-साथ आटा गूंद कर तो देखिए, इसके ज़रिये भी मुहब्बत में गुंथा जा सकता है। जिस पल आप अपने पार्टनर के साथ हैं, उन पलों में किसी और पल की सोच को हावी न होने दें। कोई शिकवा, कोई शिकायत या ज़रूरी से ज़रूरी बात भी उस पल उन लम्हों के प्रति समर्पण से ज़्यादा ज़रूरी नहीं होती।
याद रखिए, रोमानियत एक ऐसा जज़्बा है, जो अगर पूरे समर्पण के साथ जिया जाए तो समाधि से कम नहीं होता और ज़ाया कर दिया जाए तो इसकी कड़वाहट पूरे रिश्ते पर असर डाल सकती है। सो कुछ पल के लिए भूल जाइए हर पल को… और इसी ख्याल में खो जाएं कि कैसे अपने जीवनसाथी को लुभाएं
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