बालकनी से ही सूर्य की प्राकृतिक ऊर्जा घर के अंदर आती है। क्‍या आप जानते हैं कि बालकनी का भी वास्तु के अनुरूप होना बहुत ज़रूरी होता है। आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ टिप्‍स-
 
  • पूर्वमुखी वाले घर में बालकनी उत्तर दिशा में होनी चाहिए। वहीं पूर्वमुखी घर में दक्षिण या पश्चिम दिशा में बालकनी कभी नहीं बनानी चाहिए। यदि आपका घर पश्चिम मुखी है तो बालकनी हमेशा उत्तर या पश्चिम दिशा में ही बनाना शुभ माना जाता है।
  • जिन लोगों का घर उत्तरमुखी है उन्‍हें अपने घर में बालकनी पूर्व या उत्तर दिशा में बनानी चाहिए। घर दक्षिणमुखी हो तो बालकनी को पूर्व या दक्षिण दिशा में बनाना शुभ फलदायी रहता है।
  • वास्‍तु के अनुसार, घर में बालकनी का चयन घर के मुख के आधार पर ही करना शुभ माना जाता है। बालकनी का फर्श आपके घर के फर्श से थोड़ा नीचे होना चाहिए। वास्तु में कहा गया है कि बालकनी दक्षिण दिशा से खुली नहीं होनी चाहिए।
  • बालकनी का आकार चौकोर या समकोण ही बेहतर रहता है। बालकनी में कोई भी भारी फर्नीचर दक्षिण-पश्चिमी, दक्षिणी या पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा की ओर छोटे पेड़-पौधे लगाने चाहिए। इससे उन पर सूर्य की तेज किरणें सीधी नहीं पड़तीं। वास्‍तु के अनुरूप बालकनी बनानी है तो कभी भी बालकनी में टीन या किसी भी प्रकार के एस्‍बैस्‍टॉस का प्रयोग न करें क्‍योंकि इससे बालकनी में गर्मी बढ़ जाती है।

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