Rishton ki dor
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Hindi Sad Story: भारती जी के अंदर आए अजीब से बदलाव को उनकी बेटी अवनि काफी समय से महसूस कर रही थी। अवनि हमेशा उन्हें सुपरवुमेन कहकर बुलाती थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस सुपरवुमेन की ताकत जैसे कहीं खो गयी थी।

भारती का जीवन बचपन से ही संघर्षों से घिरा हुआ था। सालभर की उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया और पिताजी उनकी शादी से ठीक पहले चल बसे।

शादी के साल भर बाद उन्होंने बेटे सचिन को जन्म दिया और जन्म के कुछ समय बाद ही उसे निमोनिया हो गया, डॉक्टर की लापरवाही से सचिन ने बिस्तर पकड़ लिया और 15 साल तक भारती और उनके पति ने बेटे की पूरी सेवा करी, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।

16 साल का पूरा होते ही सचिन ने अपनी आखिरी सांस ली, भारती और उनके पति दोनों ही कई दिनों तक अपनी सुध बुध खो बैठे थे, बड़ी मुश्किल से उन दोनों ने एक-दूसरे को संभाला।

Hindi Sad Story
family love

दिन और साल यूँ ही गुजरते चले गए, कुछ सालों बाद भारती महीने भर से बीमार चल रहीं थीं, डॉक्टर ने उन्हें कुछ जांच करवाने के लिए कहा और उसकी रिपोर्ट आने पर बताया भारती कैंसर से जूझ रहीं हैं।

अवनि और उसके पिता ने जल्द ही उनका का इलाज शुरू करवाया और लगभग साल भर बाद ही वो बिल्कुल स्वस्थ हो गईं।

कुछ साल तो हंसी-ख़ुशी बीते लेकिन आजकल भारती का मन न काम में लगता था और न ही उन्हें किसी से बात करना अच्छा लगता था। जो बात वो एक बार समझाने पर झट से समझ लिया करतीं थीं, आज वही बात समझने में उन्हें काफी समय लग जाता था।

उम्र के इस पड़ाव पर आकर भारती और उनके पति के बीच छोटी-छोटी बातों पर बहस होने लगी थी। बहस लड़ाई झगड़ों और कलेश का रूप लेने लगी थी। भारती को कुछ अच्छा नहीं लगता था और उनके पति ने अपने आपको मोबाइल में व्यस्त कर लिया था। दोनों के बीच अब नपी-तुली बातचीत होती थी। उनकी बेटी अवनि को महसूस हो रहा था कि पापा भी माँ के बर्ताव से थोड़ा नाराज़ रहने लगे हैं।

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माँ का ऐसा व्यवहार अवनि को ख़राब लग रहा था। उसने माँ को मनोचिकित्सक के पास ले जाने के लिए पापा से पूछा तो उन्होंने कहा डॉक्टर क्या करेंगे इसमें, अवनि फिर भी माँ को लेकर डॉक्टर के पास चली गई। 

डॉक्टर ने काफी बातें पूछीं और भारती से कहा अगले सेशन में आप अपने पति को भी ले कर आइयेगा।

जब अगली विजिट में डॉक्टर ने भारती के पति से बात करी तो उन्हें समझ आ गया ये सब क्यों हो रहा है। अवनि को बुलाकर डॉक्टर ने बताया तुम्हारी माँ के साथ-साथ पिताजी काफी गहरे डिप्रेशन में हैं और वो अपने मन की बात किसी से कह नहीं पा रहे हैं।

दोनों पति-पत्नी के बीच गहरी खाई जैसी दूरी आ गयी है। धीरे-धीरे समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। दोनों को एक दूसरे को समझने की जरुरत है।

अवनि को पछतावा हो रहा था, माँ के लिए सोचते-सोचते कब उसने पापा से दूरियां बना लीं पता ही नहीं चला। माँ के दुःख को आसानी से समझकर मैंने पापा के मन में चल रही उथल-पुथल को कैसे अनदेखा कर दिया। अब अवनि ने मन ही मन निश्चय कर लिया था, माँ और पापा का पूरा ख्याल रखेगी और जल्द ही दोनों को डिप्रेशन से बाहर निकाल लेगी। अवनि ने माँ-पापा का हाथ पकड़ा और दोनों को प्यार से देखा, माँ-पापा अवनि को देख कर मुस्कुरा दिए, जैसे समझ गए हों, अब उनके जीवन में खुशियां आने में बस थोड़ा ही समय बाकी है।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...