Hindi Motivational Story: बहुत पुरानी बात है। किशनगढ़ राज्य में विक्रमादित्य राजा का राज हुआ करता था। राजा ने एक बार अपने राज्य के लोगों की परीक्षा लेनी चाही। एक दिन उसने सुबह जाकर रास्ते में एक बड़ा-सा पत्थर रखवा दिया। अब तो सड़क से जो कोई भी निकलता उन्हें बड़ी परेशानी हो रही थी। लेकिन कोई भी पत्थर हटाने की कोशिश नहीं कर रहा था। राजा यह सब छुपकर देख रहा था। कुछ देर बाद उसके राज्य के मंत्री और अन्य धनी लोग भी वहाँ आए, लेकिन किसी ने भी पत्थर हटाने की कोशिश नहीं की बल्कि सभी राजा को ही गालियाँ दे रहे थे। रास्ते में इतना बड़ा पत्थर पड़ा है और राजा इसे हटवा क्यों नहीं रहा है? कुछ देर बाद वहाँ एक गरीब किसान आया, जिसके सिर पर सब्जी का गट्ठर रखा हुआ था। जब वह पत्थर के पास से गुज़रा तो उसे लगा कि पत्थर की वजह से लोगों को काफ़ी परेशानी हो रही है। उसने सिर से गठरी उतारी और पत्थर को पूरी ताकत से हटाने में जुट गया। वह पत्थर बहुत बड़ा था लेकिन किसान ने हार नहीं मानी और कुछ ही देर में रास्ते से पत्थर हटा दिया। जैसे ही वह वहाँ से चला उसने देखा कि पत्थर वाली जगह पर एक थैला पड़ा था जोकि राजा ने पत्थर के नीचे छुपा दिया था। किसान ने थैला खोला तो देखा कि उसमें सोने के सिक्के थे और एक पत्र था जिसमें लिखा था, “पत्थर हटाने वाले को राजा की ओर से ईनाम।” अब तो किसान ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा था।
हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी अपनी सोच को नकारात्मक नहीं बनाना चाहिए क्योंकि जो लोग प्रयास करते हैं वे ही अपने जीवन में सफल हो पाते हैं और जो दूसरों के सहारे बैठे रहते हैं वे कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं।”
ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Naye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)
