Hindi Motivational Story: पीटर एक आई.टी. इंजीनियर था और दफ़्तर में उसका पहला दिन था। कंपनी के मालिक ने सभी नए कर्मचारियों से कहा, आज मैं आप सबको एक कहानी सुनाता हूँ। एक गधा था। वह अन्य गधों के मुकाबले कई गुना ज्यादा मेहनती और चुस्त था। उसका मालिक उससे बहुत प्रेम करता था। बाकि के गधे उससे बहुत जलते थे।
वे बड़े आलसी और कामचोर थो। वे उस गधे को समझाते थे कि वह इतना काम ना करे। लेकिन वह गधा सिर्फ़ अपने काम से मतलब रखता था। उसे बाकी गधों से ना कोई मुकाबला करना था और ना ही यारी। बाकी गधे उसका काम ख़राब करने का मौका नहीं छोड़ा करते थे। लेकिन वह उनकी बातों पर कभी ध्यान नहीं देता था। एक बार उन सभी गधों ने एक षडयंत्र किया। उन्होंने चट्टानों के बीच एक काफी गहरा गड्ढा खोद दिया और उसे गधे को धोखे से उस गड्ढे में धकेल दिया। गधे के मालिक ने गधे को निकालने के सारे उपाय कर डाले, पर सफलता नहीं मिली। अंततः उसने यह फैसला लिया कि वह अपने गधे को घुट-घुट कर मरते नहीं देख सकता, इसलिए उसे उसी गड्ढे में दफना देगा। बाकी गधों को यह सुनकर ख़ुशी हुई। उन्होंने गड्ढे में मिट्टी डालने शुरु कर दी। वे गधे बिना नीचे देखे, गधों की तरह उस गड्ढे में मिट्टी डालते गए। लेकिन गड्ढा भर गया और वह गधा बाहर निकल आया। मालिक ने गधे से पूछा, तुम कैसे बचकर निकल आए? गधा बोला, मेरे दोस्तों ने इसमें बहुत मदद की। वह मिट्टी डालते थे तो मेरे पीठ पर गिरती थी। मैं उसे झाड़कर नीचे गिरा देता था। इस तरह से गड्ढा भरता गया और मैं ऊपर आ गया।
कंपनी मालिक ने पीटर और उसके साथियों से कहा, हम सब परेशानियों से गुज़रते हैं। लेकिन यह हम पर निर्भर है कि हम उन्हें ऊपर चढ़ने की सीढ़ी बनाएँ या नीयती को कोसते रहें। नज़रिया बदलने से परेशानियाँ भी सफलता की सीढ़ी बन जाती है।
ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Naye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)
