Precautions of obesity: ज्यादातर मामलों में मोटापा सीधे-सीधे कोई बीमारी नहीं, बल्कि भोजन को लेकर हमारी अस्वास्थ्यकर पसंद और आरामतलब लाइफस्टाइल का परिणाम है। कमर चौड़ी हो जाना, कपड़े छोटे होना, ज़रा सा काम करते ही सांस फूलने लगना और आत्मविश्वास की कमी जैसी तमाम बातें एक मोटे इंसान की जिंदगी का हिस्सा बन जानती हैं। मोटापा से हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की बीमारियां, फैटी लिवर आदि जैसी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
दुनिया की बड़ी आबादी ऐसे देशों में रहती है, जहां कम वजन की तुलना में मोटापा ज्यादा लोगों की जान लेता है। हमारे आसपास इस परेशानी से पीडि़त हर व्यक्ति यह समझे कि कुछ बदलाव से मोटापे से बचा जा सकता है। हेल्थियंस की वरिष्ठ पोषण सलाहकार सौम्या शताक्षी का कहना है कि कुछ आसान से सुझावों को अमल में लाकर मोटापे से बचा जा सकता है। ये सुझाव निम्नलिखित हैं-
 
क्रैप यानी सीआरएपी से दूर रहें
अगर आप मोटापे को दूर रखना चाहते हैं, तो कुछ चीजों को सख्ती से ना बोलना होगा। क्रैप में ऐसी ही चीजें आती हैं। सी यानी कार्बोनेटेड ड्रिंक आर यानी रिफाइंड शुगर (सफेद चीनी) यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर पी यानी प्रोसेस्ड फूड।
वैसे तो ये सारी चीजें जीभ को अच्छी लगने वाली हैं, लेकिन निश्चित रूप से सेहत और आपकी कमर के लिए अच्छी नहीं हैं। इसलिए ध्यान रहे कि क्रैप से दूर ही रहना है।
 
नाश्ता कभी नहीं भूलें
नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है इसलिए हमेशा दिन को एक सेहतमंद शुरुआत देना याद रखें। दिन का पहला खाना छोड़ देने से आपकी भूख बढ़ जाती है, जो फास्ट फूड की ओर से आपके लगाव को बढ़ाती है। उन दिनों को याद कीजिए, जब आप भरपेट नाश्ता किए बगैर घर से निकलते हैं। उस दिन आप दिन के खाने में क्या खाते हैं? सड़क किनारे की किसी दुकान से समोसा या एक पैकेट चिप्स, ऑफिस की कैंटीन से पेटीज या शायद आपने ऑनलाइन बर्गर ऑर्डर किया हो। खुद को भूखा रखना और खाना छोड़ देना स्मार्ट आइडिया नहीं है। यह आपके वजन पर बुरा असर डालता है।
 
अपने ड्रिंक पर ध्यान दें
प्राकृतिक पेय जैसे ग्रीन टी, दालचीनी या अदरक वाली चाय की ओर रुख करें, क्योंकि इनसे शरीर में चर्बी जमने की प्रक्रिया नियंत्रित होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। चाय में थोड़ा सा त्रिफला पावडर मिलाने की आदत डालें। यह आपके पाचन तंत्र को सही करता है और वजन कम करने में सहायक होता है। ज्यादा पानी पीने से भूख कम लगती है और आप कम खाते हैं। पानी शरीर की अशुद्धियों को दूर करता है और आपको डिटॉक्स करने में भी मददगार होता है। पैकेट वाले जूस की जगह पर ताजा फलों का जूस लें। प्यास बुझाने के लिए अपनी भारतीय परंपराओं की ओर जाएं। कोल्ड ड्रिंक की जगह पर लस्सी, म_ा, छाछ, आमपना, जलजीरा, नींबू पानी को वरीयता दें। इन प्राकृतिक और घर पर बने पेय पदार्थों में कोई अतिरिक्त प्रिजर्वेटिव नहीं मिला होता है और ये सेहतमंद भी होते हैं।
 
रसोई में कीजिए कुछ बदलाव
जंक फूड को हटाएं और स्वास्थ्यकर खाद्य जैसे- ताजा फल, सब्जी, दलिया और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को अपनी रसोई में जगह दें। अपने फल या सब्जी से बने सलाद का स्वाद बढ़ाने के लिए कम वसा वाले सलाद ड्रेसिंग का प्रयोग करें या आधा नींबू उस पर निचोड़ दें। इससे केवल स्वाद ही नहीं बढ़ेगा बल्कि पाचन में भी यह मददगार होगा।
ज्यादा व्यायाम करें
एक सक्रिय यानी एक्टिव लाइफस्टाइल से आपकी जिंदगी में कई सेहतमंद साल जुड़ जाते हैं। वहीं आलस वाली लाइफस्टाइल से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं मिल जाती हैं। अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसी शारीरिक गतिविधियों को शामिल कीजिए, जिन्हें करना आपको बहुत पसंद हो। जहां संभव हो, वहां लिफ्ट की जगह पर सीढिय़ों का इस्तेमाल करें और काम के बीच-बीच में थोड़ा सा ब्रेक लेकर कुछ देर चहलकदमी कर लें। रोजाना साइक्लिंग, वॉकिंग और अपने पालतू जानवर के साथ कुछ देर घूमना अपनी आदत में शुमार करें।
 
खाने का कौर छोटा करें और खाना खूब चबाएं
खाते समय कौर छोटा रखना कम कैलोरी के सेवन में मददगार हो सकता है। इससे आपके खाने की मात्रा भी नियंत्रित होती है। इसके अलावा हर कौर को अच्छे से चबाकर खाने से पाचन में मदद मिलती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है, साथ ही कैलोरी का सेवन कम होता है।
 
घर का खाना खाने का संकल्प लें
बाहर खाने न सिर्फ जेब पर भारी पड़ता, बल्कि इससे आपकी कमर पर अतिरिक्त चर्बी भी जमती है। जब आप बाहर खाते हैं, तो उस भोजन में पडऩे वाली सामग्रियों पर आपका नियंत्रण बहुत कम होता है और निश्चित रूप से ऐसा होने पर आपके लिए यह ध्यान रखना मुश्किल होगा कि आपका भोजन कितना सेहतमंद है। कोशिश कीजिए कि दिन में कम से कम दो बार घर पर ही खाना खाएं और इस खाने में अपने ईटिंग प्लान का पूरा ख्याल रखें।