मेरे 5 साल के बेटे को ऑटिज़्म डाइग्नोस हुआ है, ये बात सुन कर मैं टूट गयी हूं। जब डॉक्टर ने बताया तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैंने अपने बच्चे के लिए जो सपने देखे थे, वो चकनाचूर हो जाएंगे। उसकी सूरत देखती हूं तो रोना आता है। मेरे बच्चे की क्या गलती है जो उसे ऐसी बीमारी हुई। खुद को कोसती हूं कि शायद मेरी ही किसी गलती के कारण ऐसा हुआ। मेरे पति मानने को तैयार ही नहीं कि उसे ऑटिज़्म है। कृपया हमारी मदद करें।
— सुचेता, मेरठ
जब किसी जोड़े को गर्भ का पता चलता है, तभी से वो अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के सपने सजाने लगते हैं। ऐसे में यदि बच्चे के ऑटिज़्म की खबर मिले तो माता पिता पर पहाड़ ही टूट जाता है। माता पिता को कुछ समय इस खबर को स्वीकारने में लगाना चाहिए। आप अपने बच्चे की सहायता तभी कर सकते हैं, जब आप स्वयं मानसिक रूप से शांत हों। किसी भी तरह अपने दिल को हल्का करें। खुलकर बात करें और दुख बाटें। डॉक्टर से बात कर अपने मन में आ रहे सभी सवालों के जवाब लें। आत्मग्लानि होना स्वाभाविक है, इसमें आपकी, आपके पति की या आपके बच्चे की कोई गलती नहीं है। सभी के जीवन में चुनौती आती है।
