कान में सनसनाहट का घरेलू इलाज
कान में सनसनाहट या भिनभिनाहट या सीटी जैसी कुछ बजने की जो आवाज़ आती रहती है उसको टिनिटस कहते हैं।
Tinnitus Home Remedy: कान हमारे शरीर का बेहद संवेदनशील अंग है, इसलिए जरा सी भी तकलीफ़ सहन नहीं हो पाती है। कई बार कान में दर्द के अलावा दूसरी समस्याएं भी हो जाती हैं। इन्हीं में से एक है कान में सनसनाहट या सीटी जैसी आवाज़ आना। ये आवाज़ें अचानक से आने लगती हैं और इतना परेशान कर देती है कि हम अपना कोई भी काम सही तरह से नहीं कर पाते हैं। इसका असर शरीर के दूसरे अंगों पर भी दिखने लगता है। यहाँ तक कि इस वजह से चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और अवसाद जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं । इसलिए जल्दी ही इसका उपचार करना जरूरी है।
क्या है कान में सनसनाहटहोने का मतलब?

कान में सनसनाहट या भिनभिनाहट या सीटी जैसी कुछ बजने की जो आवाज़ आती रहती है उसको टिनिटस कहते हैं। ये आवाजें समस्या की गंभीरता के अनुसार कभी कम या फिर कभी ज्यादा हो सकती हैं। आम तौर पर टिनिटस सुनने की नस में खराबी के कारण हो सकती है। यह समस्या कुछ दिनों तक चल सकती है या लंबे समय तक भी रह सकती है टिनिटस के कारण व्यक्ति इतना परेशान हो जाता है कि कई बार उसके दिमाग पर भी इसका असर दिखने लगता है और उसकी दैनिक प्रतिक्रियाएं भी इस वजह से प्रभावित हो जाती हैं।
कई बार लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि यह आवाज़ बाहर से नहीं कान के अंदर से आ रही है। टिनिटस की समस्या होने पर कानों के भीतर लगातार शोर सुनाई देता रहता है और इससे कान में दर्द और सुनने की शक्ति भी कमजोर हो सकती है। यह स्थिति रात में सोते समय और भी गंभीर हो सकती है।
क्यों आती है कान सेआवाज़?
कान से आवाज़ आने यानी कि टिनिटस की कई वजह हो सकती हैं । कान के ईयर सेल्स डैमेज होने की वजह से यह समस्या हो सकती हैं। कई बार कान में चोट लगने की वजह से यह समस्या हो सकती है या फिर ज्यादा शोरगुल या तेज़ आवाज़ में गाने सुनने या टीवी देखने से भी यह समस्या हो सकती है। 90-100 डेसिबल से ज्यादा स्तर में संगीत सुनने से कानों के नाजुक पेशियों को क्षति पहुंचने का नतीजा होता है।

कान में सनसनाहट की समस्या कई बार हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से भी उत्पान हो सकती है। कई बार संक्रमण की वजह से भी कान में आवाज़ आने की समस्या हो सकती है। अगर हम बहुत समय तक कान की ठीक से सफ़ाई नहीं करते हैं तो इसमें मोम जमा होता जाता है और इस वजह से भी कान में टिनिटस की समस्या पैदा हो सकती है।
कान में सनसनाहट को कैसे करें दूर?
कान में आवाज़ आने की यह समस्या कई बार तो अपने आप ही धीरे धीरे कम होते होते ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार आवाज़ ठीक नहीं होती और बल्कि तेज़ होती जाती है। कई बार इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना पढता है। अगर लंबे समय तक या फिर तीव्र टिनिटस की समस्या होने पर डॉक्टर से जाँच जरूरी है। अगर आवश्यकता हो तो श्रवणयंत्र का इस्तेमाल भी टिनिटस से राहत दे सकता है।हालांकि दवाइयों की जगह घर में ही कुछ घरेलु नुस्खे अपनाकर हम इस समस्या से बहुत हद तक निजात पा सकते हैं। इनमे से कुछ घरेलू इलाज़ या थेरेपी हैं जिन्हें इसके इलाज़ के लिए अपनाया जा सकता है –
जिंकगो
जिंकगो कान में सनसनाहट या टिनिटस के उपचार के लिए में एक बेहतर औषधि है। कई बार किसी वजह से खून का सही तरह से सर्कुलेशन नहीं होने से हाईब्लड प्रेशर के कारण भी कानों में तरह तरह की आवाज़ आने लगती हैं। ऐसे में जिंकगो का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि यह खून के बहाव को ठीक करने में लाभदायक साबित होता है और इससे कान में होने वाली आवाज भी कम हो हो जाती है।
इसमें एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं, जो कान में किसी संक्रमण की वजह से आवाज़ आने की समस्या से छुटकारा दिलाता है। प्रितिदन जिंकगो के रस की 3 से 4 बूंद को पानी में डालकर दिनभर में 3 बार पीने से कुछ दी दिनों में आवाज आने की समस्या से आराम मिल जाएगा।

एप्पल साइडर विनेगर
कई बार कान में आवाज़ की वजह फंगल इन्फेक्शन भी हो सकता है। ऐसे में एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग बहुत लाभकारी हो सकता हैं क्योंकि इसमें एंटी फंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसके सेवन से दर्द निवारक गुण होते हैं। एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से टिनिटस की समस्या दूर हो सकती है।

अदरक
अदरक औषधीय गुणों की वजह से कई तरह की समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक होती है दर्द निवारक गुण होने की वजह से इसके सेवन से टिनिटस के कारण होने वाले कान दर्द में आराम दिलाता है।अदरक का एक टुकड़ा लेकर उसको एक कप पानी में 10 मिनट तक उबालें इसे छान लें और इसमें एक चम्मच शहद मिला लें हर दिन इसको पीने से कान में दर्द और आवाज़ आने की समस्या में आराम होता है।
आप अदरक को कच्चा भी चबा सकते हैं दरअसल, कच्चे अदरक का टुकड़ा चबाने से कान पर दबाव पड़ता है और टिनिटस की वजह से काम में आवाज़ आने की समस्या में आराम होता है।

तुलसी
तुलसी कान में आवाज़ या टिनिटस की समस्या को दूर करने के लिए एक रामबाण औषधि है। इसमें एंटी बैक्टेरियल गुण पाए जाते हैं जो कान में टिनिटस पैदा करने वाले बैक्टेरिया को ख़त्म में मदद करते हैं। तुलसी की पत्तियों को लेकर मिक्सी में पीस लें और इसे पतले कपड़े से छानकर इसका रस निकाल लें। इसको हल्का गरम करके 2-3 बूंद दिन में 2 बार कान में डालते रहें।

लहसुन
लहसुन का उपयोग करने से शरीर में खून का संचार बढ़ता है क्योंकि इसके एंटी बैक्टेरियल गुण टिनिटस की समस्या से राहत दिलाते हैं। सब्ज़ियों में लहसुन का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा तिल के तेल में लहसुन को कुचलकर डालें और इसे गर्म करें और ठंडा होने पर इसके 2-3 बूंद कान में डाल दें और हर दिन रात में सोने से पहले इसका प्रयोग जरूर करें।

धनिया
यदि आपके कानों से बार-बार आवाज आ रही है या सीटी जैसा महसूस हो रहा है तो आप धनिया की चाय से इस समस्या को दूर कर सकते है। धनिया की चाय के अलावा आप साबुत धनिये का उपयोग भी कर सकते हैं

इसके अलावा कान में सनसनाहट की आवाज़ आने पर कुछ और उपाय या थेरेपी भी काम आ सकती हैं जानते हैं इनके बारे में-
तेज़ आवाज और शोर से बचें
शोरगुल की वजह से भी कई बार टिनिटस की समस्या हो सकती है। यदि आप ऐसी स्थिति या स्थान पर हैं जहां तेज आवाज आती है, तो इससे बचने के लिए इयरप्लग का उपयोग करें। तेज़ आवाज़ में टीवी देखने या गाना सुनने से बचें और अगर ईयरफोन या हेडफोन लगाकर काम करें , तो वॉल्यूम को एक नंबर पर सेट कर लें। आवाज़ या शोर-शराबे वाली स्थितियों से एकदम दूरी नहीं बनाएं क्योंकि इससे हमारी ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है और यह भी कान से आवाज़ आने या टिनिटस का एक कारण बन सकती है।

ज्यादा नमक का इस्तेमाल नहीं करें
कई लोग खाने में नमक का उपयोग ज्यादा करते हैं यहाँ तक कि ऊपर से भी नमक डाल लेते हैं। लेकिन, यह बिलकुल भी सही नहीं है क्योंकि नमक रक्त को गाढ़ा करता है और इससे रक्त का प्रवाह मुश्किल हो जाता है और रक्तचाप बढ़ जाता है। खाने में नमक का सेवन कम करने से कान में आवाज आना कम हो सकती है। अगर आपको पहले से ही रक्तचाप की समस्या है तो इसका ध्यान रखें जिससे रक्तचाप हमेशा नियंत्रण में रहे।

सिगरेट और शराब से बनाएं दूरी
कई बार कान में झींगुर जैसी आवाज़ या टिनिटस की वजह निकोटीन और शराब जैसे उत्तेजक पदार्थ भी हो सकते हैं। इसके अलावा कैफीन का ज्यादा सेवन भी कान में इस तरह की समस्या पैदा कर सकता है, इसलिए इन पदार्थों के सेवन से दूरी बनाकर रखें।
वजन नियंत्रित रखें

वजन बढ़ने की वजह से भी कई तरह की समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। वजन ज्यादा होने से ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है और यह भी कान में आवाज़ आने का कारण बन सकता है, इसलिए आप अपना वजन नियंत्रित रखें।
एक्सरसाइज

हम सभी जानते हैं कि शरीर को फिट रखने के लिए हर दिन एक्सरसाइज करना जरूरी है। एक्सरसाइज से कानों से आने वाली इस आवाज को भी दूर किया जा सकता है। आप चाहें तो इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं क्योंकि इसके लिए कुछ ख़ास एक्सरसाइज हो सकती हैं । नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से दिमाग की कार्य क्षमता तो मजबूत होती ही है बल्कि रक्त वाहिकाएं भी तंदुरुस्त बनती है।
संगीत

अगर आपको बार-बार कान से सीटी या भिनभिनाहट जैसी आवाज आए तो आप अपने बैकग्राउंड में अपनी पसंद के हल्के म्यूजिक को चला सकते हैं। इससे आपका ध्यान कानों से आने वाली तरह तरह की आवाज से हट जाएगा और चल रहे म्यूजिक पर चला जाएगा। ऐसा करने से धीरे धीरे कानों से आने वाली आवाज बंद हो सकती है। हालांकि व्यक्ति को ज्यादा तेज म्यूजिक का इस्तेमाल नहीं करना है।
FAQ | क्या आप जानते हैं
क्यों आती है कान में आवाज़?
कान में आवाज़ किसी नस में खराबी या ईयर प्लग में खराबी होने से आ सकती है। इसके अलावा शोर या रक्तचाप बढ़ना भी इसकी वजह हो सकता है।
कान से आवाज़ आने को क्या कहा जाता है?
कान से आवाज़ आने को टिनिटस कहा जाता है।
क्या टिनिटस का कोई इलाज है?
हाँ, समय रहते इसको कुछ घरेलू उपचारों से ठीक किया जा सकता है और जरूरत होने से डॉक्टरों से सलाह लेना भी जरूरी है।
क्या तेज़ आवाज़ में गाना सुनने से टिनिटस हो सकता है?
जी हाँ, ज्यादा तेज़ आवाज़ में गाने सुनने से टिनिटस की समस्या हो सकती है।