अगर आप डॉग लवर हैं तो क्या आप अपने पेट डॉग से अपनी पर्सनल प्रॉब्लम शेयर करते हैं? क्या आप उसे आपने दिन के बारे में बताते हैं? क्या आप उन्हें बेबी जैसे क्यूट नाम से बुलाते और गुड मॉर्निंग और गुड नाइट भी विश करते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो इस खबर को पूरा पढ़े।  
दूसरे भले ही आपकी इस आदत को अजीब कहें लेकिन पेट डॉग से किसी इंसान की तरह बात करना बुद्धिमान होने की निशानी है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि यह  शिकागो यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी का कहना है। 
रिसर्चेस से सामने आया है कि पेट से बात करना एक प्रक्रिया है जिसे ऐंथ्रोपोमॉर्फिजम के नाम से जाना जाता है।
ऐंथ्रोपोमॉर्फिजम किसी चीज को या किसी दूसरी जीवित चीजों को मनुष्यों वाले इमोशंस या इंटेशन से ट्रीट करना है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐंथ्रोपोमॉर्फिजम मनुष्यों को इस ग्रह का बेहद स्मार्ट जीव बनाता है।
2011 में हार्वर्ड की एक स्टडी के मुताबिक जो लो अपने पालतू जानवरों का साथ पसंद करते और उनसे बातें करते हैं वे दूसरों की अपेक्षा ज्यादा बुद्धिमान होते हैं।
स्टडीज का कहना है कि ऐंथ्रोपोमॉर्फिजम से आपके पेट भी स्मार्ट बनते हैं। इससे आपके पेट डॉग को शब्दों को साथ भावनाएं समझने में भी मदद मिलती है। इससे वे हमारे इमोशंस आसानी से समझते हैं।
कुत्ते पहले जानवर थे जिन्हें पाषाण काल में पाला जाना शुरू हुआ। इसलिए अगर आप अफने पेट से बात करना और उसके साथ वक्त बिताना पसंद करते हैं तो यह सिर्फ आपे इमोशनल कोशेंट और बुद्धिमत्ता की निशानी है।