Sleeping Position in Pregnancy
Sleeping Position in Pregnancy

Overview:प्रेगनेंसी में किस पोजीशन में सोना है सबसे सेफ

सोते समय इंसान अपने आराम के अनुसार करवट बदलता है और अपनी मनचाही पोजीशन में सोता है लेकिन प्रेगनेंसी के समय में ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता। प्रेग्नेंट महिला को सोने के लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कि प्रेगनेंसी में किस पोजीशन में सोना बच्चे के लिए सबसे सेफ माना जाता है।

Sleeping Position in Pregnancy: प्रेगनेंसी का अहसास एक औरत के जीवन में सबसे खुबसूरत अहसास होता है। वहीं एक प्रेगनेंसी अपने साथ कई तरह की परेशानी भी साथ लेकर आती है और हर महिला को इन परेशानियों से होकर गुजरना ही पड़ता है। ज्यादातर वे महिलाएं इस समय में ज्यादा परेशान होती है जो पहली बार माँ बनने जा रही होती है। पूरी प्रेगनेंसी में एक माँ अपने बच्चे को सेफ रखने की चिंता में ही परेशान रहती है कि वो क्या खाएं, क्या पियें और कैसे सोये जिससे बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़े। सोते समय इंसान अपने आराम के अनुसार करवट बदलता है और अपनी मनचाही पोजीशन में सोता है लेकिन प्रेगनेंसी के समय में ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता। प्रेग्नेंट महिला को सोने के लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कि प्रेगनेंसी में किस पोजीशन में सोना बच्चे के लिए सबसे सेफ माना जाता है।

Also read: लव लाइफ में मिठास लाने के लिए उठाएं ये 5 स्टेप्स, रिश्तों में आएगी नई जान

sleeping position in pregnancy

यूँ तो प्रेगनेंसी के 9 महीने कई तरह की जटिलताओं से भरे हुए होते है उसमें से शुरू के 3 महीनों को बहत अहम् माना जाता है क्योंकि इस समय में बच्चा बहुत कमजोर होता है और गर्भपात होने की संभावना इस समय में सबसे ज्यादा होती है लेकिन सोने के लिए ये समय सबसे सेफ माना जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार प्रेगनेंसी के शुरूआती 3 महीनों में प्रेग्नेंट महिला किसी भी पोजीशन में सो सकती है। इस समय में आप सीधा, करवट लेकर या फिर पेट के बल भी आराम से सो सकती है इससे बच्चे पर बिल्कुल भी असर नहीं पड़ता है ऐसा इसलिए क्योंकि भ्रूण प्यूबिक मोड में होता है पेट के बल भी लेटने से आपके गर्भाशय पर कोई दवाब नहीं पड़ता है। इसलिए इस शुरुआत के तीन महीने अपने पसंद की किसी भी पोजीशन में सो सकती है।

प्रेग्नेंट महिला का सोने के लिए परेशानी का सफ़र प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही यानी चौथे महीने से शुरू होती है। इस महीने से आपको पेट के बल सोने के लिए मना किया जाता है और सीधा लेटने के लिए भी माना किया जाता है। इस अवस्था से गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है और समय के साथ साथ इसका दवाब कमर रीढ़ की हड्डी, और पेट की आँतों पर पड़ना शुरू हो जाता है। जब आप पेट के बल उल्टा लेटते है तो गर्भ पर दवाब पड़ता है जिससे बच्चे को नुकसान हो सकता है। वहीँ जब आप सीधे लेटते है तो गर्भाशय पर खिंचाव पड़ता है जिससे प्लेसेंटा से बच्चे तक पहुँचने वाला ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन में रूकावट होने का डर होता है।

sleeping position in pregnancy

प्रेगनेंसी के दौरान चौथे महीने की शुरुआत होते ही आपको करवट लेकर ही सोना चाहिए। वहीं डॉक्टर्स के अनुसार बायीं यानी लेफ्ट करवट लेकर सोना बच्चे के लिए सबसे अच्छी और सेफ पोजीशन मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस पोजीशन में सोने से बच्चे तक ऑक्सीजन और ब्लड का फलों अच्छा बना रहता है और भरपूर मात्रा में पहुँचता है। लेकिन आप अगर दूसरी करवट में भी सोती है तो भी ये स्थिति भी बच्चे के लिए सेफ मानी जाती है।

pregnancy pillow

प्रेगनेंसी के समय में जैसे जैसे प्रेगनेंसी बढ़ती है पेट बढ़ता है वैसे वैसे ही सोने में परेशानियां ज्यादा होनी शुरू हो जाती है। इसलिए आप प्रेगनेंसी के समय में सोते समय पैरों के बीच में तकिये को रखकर सोयें। ऐसा करने से आपके पेल्विक एरिया जिसमें युटेरस, ब्लैडर, वजाईना होता है उस पर दवाब कम पड़ता है और आपको आराम मिलता है। वहीं आज के समय में प्रेगनेंसी तकिये मार्किट में उपलब्ध है आप आराम के लिए इसका भी इस्तेमाल कर सकती है।                  

गायत्री वर्मा को मीडिया क्षेत्र में 7 वर्षों का अनुभव है। वे पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी के साथ बतौर डिजिटल कंटेंट राइटर फ्रीलांस रूप में जुड़ी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर प्रभावशाली लेखन की दक्षता रखने वाली गायत्री, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स...