हालांकि शिशु डिलीवरी के लिए तैयार नहीं है लेकिन आपको तो अपना शरीर तैयार करना है। पेल्विक की मांसपेशियाँ ही गर्भाशय व मूत्राशय आदि अंगों को सहारा देती हैं। इन्हें इसी तरह बनाया गया है कि शिशु बाहर आ सके। यही मांसपेशियाँ हंसते या खांसते समय मूत्र का रिसाव भी रोकती हैं। यही मांसपेशियाँ आपकी यौन संतुष्टि का भी माध्यम बनती हैं। कीगल व्यायामों की मदद से आप बड़ी आसानी से इन मांसपेशियों का व्यायाम कर सकती हैं।

दिन में तीन बार कीगल व्यायाम दीर्घकालीन व अल्पकालीन लाभ देते हैं। गर्भावस्था व उसके बाद वाली परेशानियाँ भी आसानी से दूर हो जाती हैं। प्रसव के बाद योनि को सही आकार में आने में भी समय नहीं लगता। आपके योनि व गुदा के आसपास की मांसपेशियों को इस तरह सिकोडें मानो आप मूत्र का प्रवाह रोक रही हों। 10 सेकंड तक रुकें, फिर इन्हें ढीला छोड़ दें। कीगल करते समय आपका पूरा ध्यान इसी हिस्से की मांसपेशियों पर होना चाहिए।

यदि पेट जांघों व नितंबों की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं तो इसका मतलब कि आप पूरी तरह केंद्रित नहीं हो पा रहीं। आप दुकान में खरीददारी करते समय या किसी लाइन में इंतजार करते समय भी यही व्यायाम कर सकती हैं। इससे पेल्विक फ्रलोर की मांसपेशियाँ मजबूत होंगी। इसे सेक्स के दौरान भी करें। एक नया ही आनंद आएगा। हर सफल मम्मा के पीछे एक पापा होते हैं। वे घर के काम में हाथ बंटाते हैं। रात को शिशु के साथ जागते हैं यदि वे व्यस्त हों तो आप परिवार के किसी अन्य सदस्य या सहेली की मदद ले सकती हैं।