कई नौकरियां ऐसी होती हैं जहां अधिकतर मां बनने वाली महिलाएं अपने अजन्मे शिशु को पूरा पोषण व सुरक्षा दे सकती हैं, जो कि उन महिलाओं के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है, जो नौकरी व गर्भावस्था दोनों साथ-साथ संभालना चाहती हैं। फिर भी कुछ जॉब ऐसे हैं, जो दूसरों की तुलना में अधिक सुरक्षित माने जाते हैं। यदि कुछ सावधानियां रखी जाएं तो आप काम करने के माहौल को अपने हिसाब से ढाल सकती हैं। अपने मामले में डॉक्टर की राय लेकर ही आगे बढ़ें।
ऑफिस का काम :- हर कोई जानता है कि लगातार मेज पर काम करने वालों की गर्दन,पीठ, टांगों व सिर में कितना दर्द होता है, फिर गर्भवती महिला के लिए तो यह परेशानी और भी बढ़ जाती है। शिशु को तो कोई नुकसान नहीं होता लेकिन मां के शरीर को तकलीफ झेलनी पड़ती है। यदि आप बैठकर काफी समय तक काम करती हैं तो बीच-बीच में उठकर चहलकदमी करें। अपने बाजू फैलाएं। कुर्सी में बैठे-बैठे ही गर्दन व कंधे अकड़ाएं। कुर्सी के पास ही कोई छोटा स्टूल रख लें, ताकि सूजे हुए पांव वहां रखकर आराम दिया जा सके। अपनी पीठ को कुशन से सहारा दें।
कंप्यूटर से सुरक्षा :- शुक्र है कि कंप्यूटर स्क्रीन व लैपटाप गर्भवती महिला के लिए हानिकारक नहीं होते! हां, कम्प्यूटर के सामने कई घंटे बिताने से सिर चकराना, सिर दर्द,कलाई में मोच व बाजू में अकड़न की शिकायत हो सकती है। ऐसी कुर्सी इस्तेमाल करें जिससे पूरी पीठ को आराम मिल सके। मॉनीटर भी सही ऊंचाई पर पड़ा हो। उसकी टॉप का आंखों के साथ लेबल हो और यह एक बाजू की दूरी पर हो। ऐसा स्क्रीन इस्तेमाल करें, जिससे ‘कारपल टर्निंग सिंड्रोम’ का डर न रहे। जब भी की-बोर्ड पर हाथ रखें तो वे आपकी कुहनियों से नीचे होने चाहिए।
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कार्य :- हर हैल्थ केयर प्रोफेशनल की सबसे पहली प्राथमिकता यही होती है कि वह स्वयं स्वस्थ रहे लेकिन अगर आप मां बनने वाली हैं तो यह और भी जरूरी हो जाता है। सबसे पहले तो आपको उपकरण स्टरलाइज़ करने वाले कैमिकलों से स्वयं को व शिशु को बचाना होगा (जैसे एथलीन ऑक्साइड व फॉरमलडिहाइड) कुछ एंटीकैंसर दवाएं, हेपेटाइटिस बी व एड्स जैसे कुछ संक्रमण व रेडिएशन आदि। कम डोज़ वाली एक्स-रे के साथ काम करने वाले तकनीशियनों को रेडिएशन का खतरा नहीं होता। सिफारिश की जाती है कि जो महिलाएं संतान उत्पन्न करने की आयु में हैं वे अधिक डोज वाले रेडिएशन के संपर्क में आने से पहले, विशेष प्रकार का उपकरण पहनें ताकि वे सुरक्षित रह सकें। आपको काम के हिसाब से सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिए थे फिर कोई दूसरी सुरक्षित नौकरी खोज लेनी चाहिए।
निर्माण कार्य :- यदि आप ऐसी जगह काम करती हैं जहां काफी भारी और खतरनाक मशीनरी बनती है, तो आपको अपने बॉस से ड्यूटी बदलने के बारे में बात करनी चाहिए। आप उत्पाद की सुरक्षा के बारे में उनके निर्माणकर्ता से भी जानकारी ले सकती हैं। किसी फैक्ट्री में क्या बनता है और वे लोग उसे कैसे बनाते हैं, इन बातों पर भी काफी कुछ निर्भर करता है।
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भारी शारीरिक श्रम :- यदि कोई गर्भवती महिला भारी समान उठाने, शारीरिक श्रम करने या घंटों खड़े रहने का काम करती है तो प्रीटर्मलेबर का खतरा बढ़ जाता है। आपको बॉस से आग्रह करना चाहिए कि आपको 20 से 28 सप्ताह तक किसी ऐसी जगह काम पर लगा दें। जहां भारी शारीरिक श्रम न हो। डिलीवरी के बाद आप अपने काम पर लौट सकती हैं।
भावनात्मक रूप से तनावमुक्त कार्य :- कई बार कार्यक्षेत्र में तनाव का भी गर्भवती महिला पर बुरा असर पड़ता है। आपको तनाव की मात्रा घटाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।या तो मेटरनिटी लीव जल्द ले लें या किसी कम तनाव वाली जगह नौकरी करें। ऐसा करना हमेशा संभव नहीं होता; अगर यह आर्थिक रूप से और भी जरूरी है तो नौकरी छोड़ने से बचाव और परेशानी बढ़ा जाएंगे। आपको नियमित व्यायाम, ध्यान व स्वास्थ्य क्रियाओं से तनाव घटाना सीखना होगा। अपने बॉस से बात करें कि जरूरत से ज्यादा काम,दबाव व तनाव आपकी गर्भावस्था के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप सेल्फ-इंपलॉयड हैं तो काम का बोझ घटाना थोड़ा मुश्किल होगा क्योंकि आप स्वयं ही बॉस हैं, लेकिन यहाँ तो थोड़ा ध्यान देने में ही अक्लमंदी है।
दूसरे कार्य :- अध्यापिकाएं व समाज सेविकाएं छोटे बच्चों के साथ रहने के कारण ऐसे संक्रमणों की चपेट में आ सकते हैं। जो गर्भावस्था पर असर डालते हैं जैसे चिकनपॉक्स,फिफ्थ डिसीज़ व सीएमवी। पशुओं के साथ काम करने वाले या मांस बेचने वाले ‘टॉक्सोप्लाज़मोसिस’ से ग्रस्त हो सकते हैं (हालांकि यदि उनमें प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो चुकी है तो शिशु को कोई खतरा नहीं है) यदि ऐसी जगह काम करती हैं जहां किसी भी तरह के इंफेक्शन की पूरी-पूरी संभावना है, तो अपनी ओर से पूरा ध्यान रखें। समय-समय पर हाथ धोएं, दस्ताने व मास्क आदि पहनें।
फ्लाइट अटेंडेंट या पॉयलटस् के लिए प्रीटर्म लेबर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है।हाई-एल्टीट्यूड वाली फ्लाइट में सूर्य के रेडिएशन के संपर्क में आने के कारण ऐसा होता है।उन्हें कम दूरी की यात्राएं करनी चाहिए या प्रेगनेंसी के दौरान ग्राउंड वर्क करना चाहिए।कलाकारी फोटोग्राफी, कैमिस्ट, कॉस्मेटीशियन, व ड्राईक्लीनिंग के काम में लगी गर्भवती महिलाएं कई तरह के कैमिकलों के संपर्क में आ सकती हैं। ऐसे में पूरी सावधानी बरतें या फिर कुछ समय के लिए वह स्थान छोड़ दें।
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