‘‘कभी-कभी मुझे सांस लेने में तकलीफ होती है। क्या यह सामान्य है?”
गहरी सांस लें व शान्त हो जाएँ। दूसरी तिमाही की शुरूआत में अक्सर कई महिलाओं के साथ ऐसा हो सकता है। इसके लिए आप गर्भावस्था हार्मोन को दोषी ठहरा सकती हैं। इनसे आपके सांस की गहराई और बारंबारता बढ़ जाती है, इससे आपको काफी थकान हो सकती है। इससे शरीर की कैलीपरीज़ सूज जाती हैं जिनमें श्वसन तंत्र भी शामिल हैं। फेफड़ों व ब्रोकाइलटयूब की मासपेशियाँ शिथिल हो जाती हैं व सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। गर्भावस्था बढ़ने पर, गर्भाशय की वजह से भी ऐसा होता है। फेफड़ों का पूरा विस्तार नहीं हो पाता।
हालांकि इससे आपको थोड़ा असहज लग सकता है लेकिन इससे शिशु में कोई तकलीफ नहीं होती। उसके पास प्लेसेंटा में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा होती है। अगर आपको सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हो, होंठ व अंगुलियों के पोर नीले पड़ने लगें, छाती में दर्द हो या नब्ज तेज चले तो डॉक्टर से मिलने में देर न करें।
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