हो सकता है कि आपके पीरियड एक ही दिन की देरी से हों, या फिर तीन सप्ताह हो चुके हों या फिर आपको पहले ही लग रहा हो कि कोई गड़बड़ है या फिर आपने पीरियड न होने की वजह से अंदाजा लगा लिया हो। हो सकता है कि आपको गर्भधारण के स्पष्ट लक्षण दिखने लगे हों। हो सकता है कि आप पिछले छह महीनों से यही कोशिश कर रही थीं या हो सकता है कि आपने दो सप्ताह पहले गर्भनिरोधक के बिना संबंध स्थापित कर लिए हों या फिर आप अभी तक सक्रिय रूप से कोशिश न कर रही हों चाहे परिस्थितियाँ कोई भी क्यों न हों, आप जरूर यही सोच कर हैरान हो रही होंगी क्या मैं गर्भवती हूं? चलिए, हम बताने में मदद करते हैं ।
नरम स्तन व निप्पल :- आप जानती ही होंगी कि पीरियड से पहले किस तरह स्तन को छूने से भी पीड़ा होती है? गर्भधारण से पहले वक्षस्थल काफी नरम हो जाता है। कई महिलाओं में हल्के संवदेनशील, भरे-भरे, छूने पर दुखने वाले स्तन, गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं। एक बार गर्भावस्था आरंभ हो जाए तो स्तनों के आकार में बदलाव आने के साथ-साथ और भी कई तरह के परिवर्तन आते हैं।
स्तनाग्रों का गहरापन :- निप्पलों के आसपास का काला हिस्सा और भी गहरा होने लगता है। गर्भावस्था के दौरान ऐसा होना स्वभाविक ही है। साथ ही इनका आकार भी बढ़ जाता है। त्वचा के रंग में बदलाव आने का अर्थ है कि आपके शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोंन्स ने अपना काम करना शुरू कर दिया है।
गूज़ बम्प ? :- नहीं, सचमुच नहीं, पर निप्पलों के आसपास वाले गहरे हिस्से पर हल्के गूमड़ से उभर आते हैं (मोंटगूमरी टयूबरकल्स)। दरअसल ये वे ग्रंथियां होती हैं जो तेल का स्राव करती हैं और आपके निप्पल व आस-पास के हिस्से को तैलीय बना देती हैं। यह सब इसी बात की तैयारी है कि आपको अपने शिशु को स्तनपान कराना होगा। शरीर आने वाले समय के लिए स्वयं को तैयार कर रहा है।
ध्ब्बे :- जब भ्रूण गर्भाशय में अपनी जगह बनाता है तो कई महिलाओं को हल्का स्राव होता है। यह आपके पीरियड से कुछ दिन पहले हो सकता है, यह रंग में हल्का गुलाबी होता है (लाल नहीं)।
बार-बार शौच (मूत्र) जाने की इच्छा :- आपको बार-बार शौच (मूत्र) की इच्छा होती है? गर्भधारण के दो-तीन सप्ताह के बाद आपको बहुत जल्दी-जल्दी शौच (मूत्र) के लिए जाना पड़ता है।
थकान :- इतनी थकान महसूस होती है कि पूरा शरीर हार जाता है। ऊर्जा समाप्त हो जाती है और पूरे शरीर में आलस छाया रहता है। आपका शरीर आने वाले समय के लिए तैयार हो रहा है।
उबकाई आना :- पहली तिमाही में उबकाई की वजह से भी बार-बार बाथरूम भागना पड़ सकता है। गगर्भधारण के फौरन बाद, कई महिलाओं को उबकाई व उल्टी (माॅर्निंग सिकनेस) की शिकायत हो जाती है। वैसे आमतौर पर यह छठे सप्ताह के आसपास शुरू होती है।
गंध के प्रति संवेदनशीलता :- नई गर्भवती महिलाओं की सूंघने की क्षमता काफी संवेदनशील हो जाती है। उन्हें हर अच्छी-बुरी गंध भी तेजी से पता लगने लगती है।
फूलना या ब्लौटिंग :- ऐसा लगता है कि पेट में कुछ फूल रहा है? हालांकि बाद में तो शिशु की वजह से पेट फूल ही जाएगा, लेकिन आरंभ में इसका हल्का सा एहसास महसूस होता है।
तापमान बढ़ना :- ‘बैसल बाॅडी तापमान’। यदि आप खास बैसल बाॅडी थर्मामीटर से सुबह का तापमान मापें तो आपको पता चलेगा कि शरीर का तापमान 1 डिग्री बढ़ गया है। यह गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ ही रहता है।हालांकि यह पक्का संकेत नहीं है लेकिन यह छोटा संकेत, उस बड़ी खबर का अंदाजा तो देता ही है।
पीरियड न होना :- यदि हमेशा आपके पीरियड सही समय पर होते हैं और इस बार नहीं हुए हैं तो प्रेगनेंसी टेस्ट से पहले ही प्रेगनेंसी होने का अंदाजा लगा सकती हैं।
ये भी पढ़ें
पिता बनना चाहते हैं तो याद रखें ये 10 बातें
प्रेगनेंसी के लिए एन्जॉय करें सेक्स लाइफ
मां बनना है तो ओव्यूलेशन का रखें ख्याल
आप हमें फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस और यू ट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकती हैं।
