पोष्टिकता से भरपूर-ओट्स: Oats Benefits
Oats Benefits

Oats Benefits: ओट्स यानी जौ का दलिया। यह बाजार में आसानी से उपलब्ध खाद्य प्रदार्थ है। ओट्स एक बढ़िया नाश्ता है। ओटमील पौष्टिकता से भरपूर आहार है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन्स, विटामिन्स, मिनरल्स की उपलब्ध्ता है। इसके बहुत सारे लाभ हैं यह न सिर्फ हमें स्वस्थ बनाये रखता है बल्कि इसके कई अन्य फायदे भी हैं कौन से हैं वह फायदे? आइए लेख से जानें-

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1. कैल्शि‍यम, पोटैशि‍यम, मैग्नीशि‍यम और विटामिन-बी से भरपूर ओट्स आपके नर्वस सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होता है और आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
2. ओट्स में पाया जाने वाला इनोसिटॉल रक्त में वसा के स्तर को नियंत्रित करता है, और उसे बढ़ने नहीं देता। यह शरीर में उपस्थित अतिरिक्त वसा को भी कम करता है।
3. ओट्स पेट संबंधी रोगों में भी काफी लाभ देता है। यह कब्ज को दूर कर, पेट खराब होने की समस्या से निजात दिलाने में सहायक है।
4. प्रतिदिन अपने नाश्ते या खाने में ओट्स को शामिल करने से डायबिटीज की समस्या में लाभ होता है, क्योंकि यह इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।
5.आपकी त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए भी ओट्स आपकी मदद कर सकता है। इससे बना फेसपैक चेहरे पर लगाने से त्वचा कोमल और स्वस्थ बनती है।
6. ओट्स के चोकर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो जल्दी पेट भरने के साथ-साथ आपके शरीर में ऊर्जा संचार करता है, और यह वजन कम करने में बेहद लाभप्रद है।
7. कैंसर से बचाव के लिए ओट्स का प्रयोग किया जा सकता है। इसके प्रयोग से हृदय रोग होने का खतरा भी कम होता है क्योंकि यह हृदय की धमनियों में वसा को जमने से रोकता है।
8. शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण होने वाली समस्याओं जैसे चक्कर आना, दिल घबराना जैसी समस्याओं में ओट्स फायदेमंद है, क्योंकि इसकी प्रकृति ठंडी होती है।
9. रूखी त्वचा या एक्जिमा जैसी तकलीफ में भी ओट्स सहायक होता है। ओटमील बाथ लेने से त्वचा की जलन समाप्त होती है और रूखापन भी खत्म हो जाता है।
10. ओट्स को दूध में मिलाकर बनाए गए स्क्रब का प्रयोग करने से त्वचा की चमक बढ़ जाती है, और त्वचा लबे संमय तक जवां और खूबसूरत दिखाई देती है।
11. जई से बनी हुई दलिया में लो फैट के साथ लो कैलोरी पायी जाती है। इसलिए इसे पचाने में आसानी होती है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन होने के कारण ये कोलेस्ट्रॉल कम कर कंट्रोल में रखता है।
12. शुगर को नियंत्रित करने के लिए ओट्स खाना चाहिए।
द्य आमतौर पर बुढ़ापा आने पर स्मरण शक्ति कम होने लगती है। ऐसे में प्रतिदिन ओटमील खाना फायदेमंद हो सकता है।
13. ओटमील खाने से पेट में जमा हुआ पित्त खत्म होता है साथ ही अच्छे से पच जाने की वजह से यह पेट साफ करके कोलेस्ट्रॉल को ठीक रखता है।
14. अगर आप रोजाना जई का सेवन करते हैं तो आप दिल के रोगों से बचे रह सकते हैं।
द्य ओट्स खाने से उच्च रक्तचाप की परेशानी कम होती है क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।
15. ओट्स में फाइबर होने की वजह से यह आंत और मलाशय के लिए काफी फायदेमंद होता है। ओट्स उनके लिए बहुत लाभदायक है जो लोग अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित हैं। ओट्स रोज खाने से कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल जाता है।
16. साबुत अनाज में ओट्स खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ओट्स में मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
17.जिनकी त्वचा रूखी रहती है या शरीर में खुजली व जलन रहती है उन लोगों के लिए ओटमील बहुत फायदेमन्द रहता है। ओट्स त्वचा को नमी प्रदान करता है।

अजवायन का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में ही नहीं, अपितु जरूरत पड़ने पर दवा के रूप में भी किया जा सकता है। आयुर्वेद में अकेली अजवायन को ही सौ प्रकार के अन्न पाचन की क्षमता वाला बताया गया है।
गुण- यह पाचक, रुचिकारक, तीक्ष्ण, गरम, चरपरी, कड़वी, हल्की, तिक्त, पित्तकारक, शूल, वात, कफ, उदर आनाह, गुल्म, प्लीहा तथा कृमि इनका नाश करने वाली है। यह उष्ण वीर्य होती है, अत: गरम प्रकृति वालों के लिए हानिकारक होती है। सिर्फ दवा के रूप में उचित मात्रा के अनुसार लेने पर हानि नहीं करती।
उपयोग- अजवायन का उपयोग दवा के रूप में खासतौर पर उदर एवं पाचन से संबंधित विकारों तथा वात रोगों को दूर करने में बहुत गुणकारी है। इसमें लाल मिर्च की तेजी, चिरायते की तिक्तता, राई की कटुता तथा हींग और लहसुन की वातनाशक विशेष गुणवत्ता होती है। अत: यह गुणों का भंडार है। यह उदर शूल, गैस, वायुगोला, पेट फूलना, वात-प्रकोप आदि रोगों को दूर करने के लिए अचूक, लाभकारी है।
अजवायन के घरेलू आजमाए हुए कुछ प्रयोग निम्न प्रकार के हैं-
अरुचि- अजवायन का बारीक चूर्ण 5 ग्राम और जरा सा सेंधानमक जल के साथ फांक लें। इससे अरुचि दूर होती है।
अजीर्ण- अजवायन 5 ग्राम, 3 छोटी हरड़ और जरा सी भुनी हुई हींग, इन तीनों का चूर्ण करके जल के साथ फांकने से अजीर्ण दूर होता है।
मंदाग्नि- अजवायन, कालीमिर्च और काला नमक समभाग में लेकर चूर्ण करके इसे 3 से 5 ग्राम मात्रा में गर्म जल से लेने पर मंदाग्नि नष्ट होती है।
उदरशूल- अजवायन जल में पीसकर थोड़ा गर्म करके पेट पर लेप करने पर तथा अजवायन और काला नमक को अदरक के रस में मिलाकर सेवन करने से उदरशूल और अफारा तुरंत नष्ट होता है।
उदर कृमि- केवल अजवायन का चूर्ण ही 5 ग्राम की मात्रा में म_े के साथ लेने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
शीतपित्ती- अजवायन चूर्ण 5 ग्राम और गुड़ 10 ग्राम मिलाकर खाने और अजवायन का चूर्ण गेरु में मिलाकर शरीर पर मलने से शीतपित्ती में तुरंत लाभ होता है।