भागदौड़ वाली जिंदगी ने सफलता का स्वाद चखाया है तो कई शारीरिक परेशानियां भी दी हैं। एसिडिटी इन्हीं परेशानियों की लिस्ट में टॉप पर आती है। हर दूसरे शख्स को एसिडिटी की दिक्कत है ही। ‘कुछ गलत खा लिया होगा’ कहने वाले कई बार ये समझ ही नहीं पाते हैं कि आखिर ये गलत है क्या। दरअसल एसिडिटी गलत खाने के साथ खानपान के गलत तरीकों का नतीजा भी होती है। शारीरिक बदलावों को ऐसे समझें कि एसिडिटी तब होती है, जब पेट के गेस्ट्रिक ग्लैंड में एसिड का स्त्राव ज्यादा हो जाता है। जिसकी वजह से गैस बनती है तो पेट में दर्द भी होता है। मगर कई घरेलू उपाय इस दिक्कत से आसानी से छुटकारा दिला सकते हैं। इनको इस्तेमाल करना कठिन नहीं है और इनका कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता है। एसिडिटी के इन घरेलू उपायों को जन लीजिए-
खानपान की गलत आदत-
  • लंबे समय तक भूखे रहना
  • दोनों खानों के बीच में लंबा अंतर
  • चाय और कॉफी ज्यादा पीना 
  • शराब का सेवन 
आंगन की तुलसी-
तुलसी एक ऐसा पौधा है, जो आस्था का प्रतीक तो है ही प्रभावी जड़ीबूटियों का काम भी करता है। इसकी पत्तियों से एसिडिटी में तुरंत आराम मिलना मानो तय ही होता है। जैसे ही आपको एसिडिटी का पहला लक्षण दिखे आप तुलसी की कुछ पत्तियां खा लें। या फिर कुछ पत्तियों को एक कप पानी में उबालने के बाद थोड़ी देर धीमी आंच पर पकने दें। इसको धीरे-धीरे-धीरे करके पीएं। 
सौंफ करेगी मदद-
अक्सर होटल में खाना खाने के बाद सौंफ दी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि खाना आसानी से पच जाए और एसिडिटी बिलकुल न हो। सौंफ की चाय भी बनाई जा सकती है। कब्ज में ये चाय बहुत मदद करती है। दरअसल ऐसा इसमें मौजूद खास तेलों की वजह से होता है। 
दालचीनी का असर-
दालचीनी वैसे तो गरम मसालों का जरूरी हिस्सा है। लेकिन ये अकेले आपकी दवा का काम भी कर सकती है। ये पाचन क्रिया को ठीक करके पेट को आराम देती है। इसके लिए आपको दालचीनी की चाय बनानी होगी। ये एक ऐसा मसाला है, जो गैस्ट्रोइन्टेस्टनल ट्रैक्ट के संक्रमण को भी खत्म करता चलता है। इसमें ढेरों स्वास्थ्यवर्धक फायदे हैं, जो पेट के साथ पूरे शरीर का ख्याल रखते हैं। 
छाछ पसंद है या नहीं-
आयुर्वेद में छाछ को सात्विक फूड माना गया है। भारी खाना खाने के बाद जब भी लगे कि दिक्कत हो रही है तो इलाज के लिए कुछ भी खाने से पहले एक गिलास छाछ पीकर जरूर देखिएगा, ये ड्रिंक आपके लिए रामबाण का काम करेगी। धनिया पत्ती और काली मिर्च के साथ इसका असर दोगुना हो जाता है। 
गुड़ की मिठास-
अपने देखा होगा अक्सर बड़े बुजुर्ग खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन करते हैं। इसमें मैग्नेशियम की मात्रा अच्छी होती है, जिसकी वजह से ये पाचन तंत्र को अच्छा कर देता है। ये शरीर के नॉर्मल तापमान को मेनटेन करने में भी मदद करता है इसलिए इसको खाने से पेट में ठंडक बनी रहती है। 
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