Ayurvedic Oils: प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और तेलों का विशेष स्थान है। शरीर, मन और आत्मा की समग्र देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल सदियों से उपयोग में लाए जाते रहे हैं। चाहे बालों की देखभाल हो, त्वचा की चमक बढ़ानी हो या मानसिक तनाव को दूर करना हो—इन तेलों में छुपे हैं कई चमत्कारी गुण। आइए जानते हैं ऐसे ही 8 आयुर्वेदिक तेलों के बारे में जो आपके जीवन में स्वास्थ्य और सुकून भर सकते हैं।
ब्राह्मी तेल
ब्राह्मी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे मानसिक शांति और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसका तेल बालों की जड़ों को पोषण देता है, तनाव और चिंता को कम करता है, और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। नियमित रूप से सिर पर ब्राह्मी तेल की मालिश करने से दिमाग शांत रहता है और मानसिक थकान दूर होती है।
तिल का तेल
तिल का तेल ‘रसायन’ की श्रेणी में आता है और आयुर्वेद में इसे बहुत सम्मान प्राप्त है। यह शरीर को भीतर से मजबूत करता है, हड्डियों को मजबूती देता है, त्वचा को पोषण देता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
नारियल तेल
नारियल तेल गर्मी में ठंडक देने वाला और त्वचा की नमी को बनाए रखने वाला माना जाता है। यह बालों की जड़ों को मज़बूती देता है, डैंड्रफ कम करता है और बालों में चमक लाता है। त्वचा पर लगाने से यह रूखापन और खुजली को दूर करता है।
भृंगराज तेल
बालों के झड़ने और समय से पहले सफेद होने की समस्या से जूझ रहे हैं? भृंगराज तेल आपके लिए एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। यह तेल बालों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है और बालों की जड़ों को मज़बूती देता है। यह नींद को भी बेहतर करता है और मानसिक तनाव को कम करता है।
अश्वगंधा तेल
अश्वगंधा तेल एक शक्तिवर्धक और तनाव नाशक तेल है। यह नसों को शांत करता है, मांसपेशियों की जकड़न को कम करता है और मानसिक थकावट से राहत दिलाता है। यह तेल मालिश के लिए आदर्श है, खासकर थकावट भरे दिन के बाद।
नीम का तेल
नीम अपने एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है। नीम का तेल त्वचा के संक्रमण, पिंपल्स, एक्ज़िमा और डैंड्रफ जैसी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है। यह त्वचा को शुद्ध करता है और संक्रमण से बचाव करता है।
अर्जुन तेल
अर्जुन की छाल से बना यह तेल हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने, हृदय को बल देने और रक्तसंचार को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे छाती पर मालिश के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कपूरादि तेल
कपूर, तिल और अन्य औषधीय तत्वों से बना कपूरादि तेल खासतौर पर सर्दी-खांसी, जुकाम और सांस की तकलीफ में राहत देता है। यह वायुमार्गों को खोलता है और थकान दूर करता है। छाती और पीठ पर मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है।
