ब्लैक गोल्ड है काले गेहूं! डायबिटीज में जीभर कर खा सकते हैं आप इसकी रोटी: Black Wheat Benefits
Black Wheat Benefits

Overview:

गेहूं की रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स करीब 62 होता है। यही कारण है कि जब आप इसकी रोटी खाते हैं तो ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में काले गेहूं की रोटी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

Black Wheat Benefits: डायबिटीज से पीड़ित लोग अक्सर गेहूं की रोटी खाने से कतराते हैं। कारण है गेहूं के आटे का हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट। ये दोनों ही ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं। गेहूं की रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स करीब 62 होता है। यही कारण है कि जब आप इसकी रोटी खाते हैं तो ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में काले गेहूं की रोटी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। इसी के साथ काले गेहूं के सेवन के कई अन्य फायदे भी हैं। हालांकि इसे खाने के कुछ नुकसान भी हैं, जिस पर गौर करना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं काले गेहूं के फायदे और नुकसान।

पोषक तत्वों का भंडार है काले गेहूं

काले गेहूं को ब्लैक वीट और ब्लैक राई भी कहा जाता है।
Black wheat is also called black wheat and black rye.

काले गेहूं को ब्लैक वीट और ब्लैक राई भी कहा जाता है। यह काले दिखने वाले गेहूं के दाने पोषक तत्वों का भंडार होते हैं। इसमें हाई फाइबर के साथ ही प्रोटीन, विटामिन ई, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये सभी तत्व सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। इनसे इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे आप कई बीमारियों से बच पाते हैं।

आंतों की सेहत के लिए अच्छा

काले गेहूं में फाइबर बहुत ज्यादा होता है। वहीं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मात्र 55 होता है। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए काले गेहूं की रोटी एक अच्छा विकल्प है। यह आपकी आंतों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से कब्ज, अपच, ब्लोटिंग जैसी परेशानियां दूर होने में मदद मिलती है। फाइबर के कारण आंतें अच्छे से साफ हो पाती हैं।

सूजन करता है कम

काले गेहूं एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। इसके कारण यह आपके हृदय की सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। यह कई हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मददगार होता है। मैग्नीशियम से भरपूर होने के कारण यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है, जिससे हार्ट सेहतमंद रहता है। इन गेहुंओं में एंथोसायनिन नाम का एक पिगमेंट होता है। इससे सूजन कम होने में भी मदद मिलती है। यह ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है। एंथोसायनिन आंखों के लिए भी अच्छा होता है।

वेट लॉस में हो सकता है मददगार

काला गेहूं न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार है, बल्कि यह वेट लॉस में भी सहायक है। इस गेहूं में फाइबर के साथ ही प्रोटीन भी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। ऐसे में इसे खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। जिससे आप कम कैलोरी खाते हैं। साथ ही ओवरईटिंग से भी बच जाते हैं। जिंक और विटामिन ई से भरपूर होने के कारण यह आपकी स्किन और बालों दोनों के लिए अच्छा है।

ज्यादा सेवन से हो सकती है परेशानी

वैसे तो काले गेहूं बहुत पौष्टिक हैं। लेकिन कई बार इसके ज्यादा सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इस गेहूं में बहुत ज्यादा फाइबर होता है। जिसके कारण इसे ज्यादा खाने से अपच, गैस और एसिडिटी की समस्या होने का डर रहता है। इसे खाने से पहले आपको एलर्जी टेस्ट करवा लेना चाहिए। कई बार लोगों को यह सूट नहीं करता है।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...