जानिए इन 5 राज्यों की विंटर स्पेशल रेसिपी
सर्दियों के मौसम में राज्यों के पकवानों की अपनी विशेषता है।
winter recipes Indian: सर्दियों के मौसम में तरह-तरह के पकवानों का स्वाद लेने का अपना ही आनंद है। खास बात तो यह है कि भारत के हर राज्य में सर्दियों में बनाए जाने वाले पकवानों की अच्छी खासी फेहरिस्त है। सर्दियों के मौसम में राज्यों के पकवानों की अपनी विशेषता है। पंजाब में जहां मक्के की रोटी और सरसों का साग ठंड के मौसम में बड़े चाव से खाए जाते हैं, वहीं राजस्थान में बाजरे की राब घर-घर में सर्दियों के मौसम में बनती हुई मिलेगी। गुजरात का उंधियू ठंड में काफी लोकप्रिय है तो बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में तिलगुड स्वास्थ्य विशेषता के कारण चलन में हैं।
महाराष्ट्रियन थालपीठ यूं तो सालभर पसंद किया जाता है लेकिन ठंड में डाइटीशियन इसके सेवन की विशेष राय देते हैं। आप इन राज्यों की इन रेसिपी को घर पर आसानी से बना सकते हैं और अपने घरवालों को हर राज्य के विशेष पकवानों का स्वाद दे सकते हैं।
उंधियू (गुजरात)
पहला चरण
मेथी मुठिया बनाना:
- मेथी की पत्तियां कटी हुई – 2 कप
- हरा धनिया कटा हुआ – 1 कप
- गेहूं का आटा – ½ कप
- बेसन – ½ कप
- अदरक-लहसुन का पेस्ट – 2 टीस्पून
- चीनी – 3 टेबलस्पून
- मिर्च पाउडर – 1 टीस्पून
- सोडा – एक चुटकी
- तेल – 3 टेबलस्पून
- नमक स्वादानुसार
- डीप फ्राई करने के लिए तेल
- पानी – 1 टेबलस्पून या आवश्यकतानुसार
विधि
- एक बोल में तेल को छोड़कर सभी सामग्रियों को मिलाएं।
- पानी में, थोड़ा-थोड़ा करके तब तक मिलाएं जब तक कि सभी सामग्रियां डो बनाना जैसी न हो जाएं। मध्यम आंच पर डीप फ्राई करने के लिए तेल गरम करें। अपनी हथेली को तेल से चिकना करें और अंडाकार बॉल्स बनाएं। मठरी को डीप फ्राई करें और एक तरफ रख दें।
दूसरा चरण
- आलू कटे हुए – 1 कप
- कच्चे केले कटे हुए – 1 कप
- कंद छिले और कटे हुए – 1 कप
- यम (सूरन) कटे हुए – ¾ कप
विधि
- आलू, केला, कंद और सूरन को सिर्फ एक सीटी के लिए उबालें।
- अब डीप फ्राई या शैलो फ्राई करें। नमक छिड़क कर अलग रख दें।
तीसरा चरण
- सुरती पापड़ी – 1½ कप
- ताजा तुवर दाना – ½ कप
- हरा चना – ½ कप
- अजवाइन – 1 टीस्पून
विधि
- नमक और अजवाइन के साथ तुवर दाना, हरा चना और सुरती पापड़ी के साथ प्रेशर कुक करें। इसे अलग रख दें।
चौथा 4
- छोटे बैंगन – 12
- ताजा कटा नारियल – 1 टीस्पून
- लाल मिर्च पाउडर – 1 टीस्पून
- धनिया पाउडर – 1 टेबलस्पून
- बेसन – 1 टेबलस्पून
- हल्दी पाउडर – 1 टीस्पून
- चीनी – 1 टेबलस्पून
- नीबू का रस – 1 टीस्पून
- नमक स्वादानुसार
विधि
- बैंगन को छोड़कर सभी सामग्रियों को एक बोल में मिला लें। बैंगन को काट लें और तने को रखते हुए क्रिस-क्रॉस (4 स्लिट्स) में काट लें। बैगन को स्टफ़िंग मसाला के साथ स्टफ़ करें।
- माइक्रोवेव प्रूफ ग्लास बोल को ग्रीस करें और बैंगन अरेंज करें। कुछ तेल छिड़कें और इसे 7-8 मिनट के लिए माइक्रोवेव करें।
अन्य सामग्री:
- तेल – 3 टेबलस्पून
- हींग – 2 टीस्पून
- अजवायन – 1 टीस्पून
- टमाटर प्यूरी – 4-5
- उंधियू मसाला पाउडर या गर्म मसाला पाउडर – 3 टेबलस्पून
- चीनी – 1 टेबलस्पून
- नमक स्वादानुसार
- गार्निशिंग के लिए धनिया और कटा हुआ नारियल का उपयोग करें।
फ़ाइनल असेम्बलिंग
- पैन में तेल गरम करें और उसमें अजवायन और हींग डालें। तुवर दाना, हरा चना डालकर मिलाएं।
- अब इसमें एक-एक करके सुरती पापड़ी, भरवा बैंगन, यम, आलू, केला, कंद मिलाएं। बचा हुआ स्टफ़िंग मसाला, टमाटर प्यूरी डालें और अच्छी तरह मिलाएं। इसे 5 मिनट तक पकने दें।
- अब इसमें उंधियू मसाला, नमक, चीनी और तली हुई मुठिया डालें। सब कुछ अच्छी तरह से मिलाएं। इसे फिर से 5-6 मिनट तक पकने दें।
- धनिया पत्ती और नारियल के साथ गार्निश करें। ठंड के दिनों में पुड़ी और जलेबी के साथ इस गुजराती डिश को सर्व करें। उंधियू गुजरात का खास और लोकप्रिय भोजन है जिसे ज्यादातर ठंड के मौसम में बनाया जाता है।
बाजरे की राब (राजस्थान)
सामग्री
- बाजरे का आटा – 2 टेबलस्पून
- दही – 1/2 कप
- अजवाइन – 1/8 टीस्पून
- जीरा – 1/8 टीस्पून
- नमक – 1/4 टीस्पून
विधि
- दही को 2 कप पानी के साथ फेंट लें। नमक, जीरा और अजवायन डालें।
- अब बाजरे के आटे को अच्छी तरह मिला लें और गुठलियां न पड़ने दें। गैस पर एक पैन रखें और उसमें यह लिक्विड डालें।
- इसे लगभग 6-7 मिनट तक गाढ़ा होने तक चलाते रहें। अब एक और कप पानी डालें और धीमी आंच पर चलाते रहें। आटे को अच्छी तरह से पका लेना चाहिए ताकि स्वाद कच्चा ना रहे।
- जब मनचाहा गाढ़ापन मिल जाए तो गैस से उतार लें। सर्विंंग ग्लास या बाउल में डालें और थोड़ा सा भुना जीरा पाउडर छिड़कें। बाजरे का राब ठंड के दिनों में गर्माहट देने का काम करता है और राजस्थान के घरों में सर्दियों में खूब बनाया जाता है।
मक्की की रोटी और सरसों का साग (पंजाब)
सरसों का साग बनाने के लिए
सामग्री
- सरसों की पत्ती – 300 ग्राम
- पालक – 100 ग्राम
- टमाटर – 3
- हरी मिर्च – 2
- अदरक का टुकड़ा – 1 इंच
- सरसों का तेल – 2 टेबलस्पून
- जीरा – 1/2 टीस्पून
- हींग – 1 चुटकी
- हल्दी पाउडर – 1/4 टीस्पून
- धनिया पाउडर – 1 टीस्पून
- मक्के का आटा – 2 टेबलस्पून
- लाल मिर्च पाउडर – 1/4 टीस्पून
- नमक – 1 टीस्पून
- पानी
विधि
- सरसों की पत्ती, पालक को बारीक काट लेंगे। इसे थोड़ा पानी डालकर कुकर में एक सीटी आने तक उबाल लेंगे। उसके बाद इसे मसलकर और बारीक कर लेंगे।
- इसी बीच टमाटर, हरी मिर्च, अदरक का पेस्ट बना लें।
- अब कड़ाही लें। इसमें सरसों का तेल डालकर गर्म होने देंगे।
- तेल में जीरा, हींग, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर डालकर हल्का भुनेंगे। अब इसमें मक्के का आटा डालेंगे।
- थोड़ा भुनने के बाद टमाटर, हरी मिर्च और अदरक का पेस्ट डाल दें। इन्हें अच्छे से मिलाते रहे।
- मसाला भुनकर तैयार होने पर उबली सब्जियां डाल दें। अब इसमें लाल मिर्च और नमक डालकर पकने दें।
- फिर एक कप पानी डाल दें। इसमें हरा धनिया भी डाल दें। 10 मिनट तक ढंककर पकने दें। इसे दो-दो मिनट में खोलकर इसे हिलाते रहें। सरसों का साग तैयार।
मक्की की रोटी बनाने के लिए
सामग्री
- मक्की का आटा – 2 कप
- घी – 1/2 कप
- पानी – 2 कप
विधि
- एक बर्तन में मक्की का आटा लेंगे। थोड़ा पानी डालकर इसे गूंथेंगे। अब थोड़ा-थोड़ा आटा निकालकर पानी डालते हुए सॉफ्ट कर लेंगे।
- जितनी बड़ी रोटी बनानी है उतना लोई निकाल लेंगे। एक हाथ की अंगुली से किनारे को संभालते हुए रोटी को बढ़ाते जाएंगे।
- दोनों हाथों की हथेली से रोटी को बड़ी करते जाएंगे। रोटी तवे पर डालेंगे। एक साइड सिकने के बाद पलट दें। अब इसे सीधे गैस की आंच पर चिमटे की सहायता से दोनों और सेकेंगे। रोटी पर घी लगा दें।
तिलकुट (बिहार)
- घी – 2 टेबल स्पून
- तिल – 3 कप
- गुड़ – 2 कप
- पानी – 1/2 कप
विधि
- एक कड़ाही में 2 मिनट के लिए तेल गर्म करें और फिर तिल डालें। थोड़ा ब्राउन होने तक लगातार चलाते हुए भूनें। लगातार हिलाते रहें क्योंकि तिल बहुत जल्दी जल जाते हैं और कड़वे हो जाते हैं।
- तिल को एक बाउल में निकाल लीजिए। पूरी तरह से ठंडा होने के बाद इन्हें पीस लें। ध्यान रहे कि उतना ही पीसें कि यह दरदरा पाउडर बन जाए।
- एक नॉन स्टिक पैन में पानी उबालें लें। पानी उबलने लगे तब उसमें गुड़ डाल दें। जब पानी में गुड़ पूरी तरह से घुल जाए, तो इसे एक जाली से छान लें ताकि सारी अशुद्धियाँ निकल जाएं।
- चाशनी को वापस पैन में डाल दें और धीमी आंच पर तब तक चलाते रहें जब तक एक गाढ़ा पेस्ट न बन जाए। ध्यान रहें कि यह पेस्ट पतला न हो।
- चाशनी को बीच-बीच में तिल के साथ मिलाएं। गुड़-तिल के इस मिश्रण को एक प्लेट में निकाल लें और हाथ पर थोड़ा घी लगाएं और इन्हें अपने मनमुताबिक आकार दें। तिल और गुड़ का यह कॉम्बिनेशन वैसे भी सर्दियों में स्वास्थ्य लाभ देता है।
थालीपीठ (महाराष्ट्र)
सामग्री
- ज्वार का आटा – 2 कप
- बेसन – 1/4 कप
- गेहूं का आटा – ¼ कप
- भिगोया हुआ पोहा – ¼ कप
- हल्दी – 1 टीस्पून
- तिल – 2 टीस्पून
- प्याज बारीक कटा – 1
- लहसून की कलियां – 6
- हरी मिर्च – 3-4
- खड़ा धनिया – 1 टीस्पून
- जीरा – 1 टीस्पून
- हरा कटा हुआ धनिया
- नमक स्वादानुसार
विधि
- एक बर्तन में ज्वार, बेसन और गेहूं का आटा ले लें। इसके बाद भिगोए हुए पोहे लेकर मिक्स कर लें। इसमें हल्दी और तिल मिला दें।
- एक मिक्सर में लहसून, धनिया, हरी मिर्च, जीरा, नमक लेकर बारीक पीस लें। इस मिश्रण को आटे में मिला दें। अब इसमें बारीक कटा हुआ प्याज, बारीक कटा हरा धनिया डालें। इसके बाद कोई भी हरी सब्जी हो तो वह भी बारीक काटकर मिला दें।
- अब पानी डालते हुए आटा अच्छा गूंथ ले। यह न ज्यादा टाइम ना ज्यादा सॉफ्ट हो। एक गीले कपड़े के ऊपर रखकर एक लोई रखकर इस पर तेल लगा दें और हाथ और अंगुलियों की मदद से ही रोटी का शेप दे। इसमें अंगुलियों से थोड़ा छेद कर दें। अब गरम तवे पर रखकर तेल डालें। इसे ढंककर सेकें। दोनों साइट अच्छे से धीमी आंच पर सेंके। थालीपीठ तैयार है।