अंग्रेजी में जैकफ्रूट के नाम से जाना जाने वाला कटहल पौष्टिकता से भरपूर होता है। अब इसके गुणों की पहचान पूरे विश्व में होने लगी है। कहा जाता है कि यह गेहूं और कॉर्न से सस्ता है यानी आर्थिक स्थिति से कमजोर लोगों के लिए यह पौष्टिक भोजन का उत्तम स्रोत है। यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर की बायोटेक्नोलॉजी की रिसर्च स्कॉलर श्यामला रेड्डी कहती हैं कि यदि कटहल के दस-बारह टुकड़े एक व्यक्ति खा ले तो उसे आधे दिन तक कुछ खाने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह एक ‘चमत्कारी फल है। ऊपर से सख्त व छोटे-छोटे कांटे की तरह उभरा होता है और छिलका छीलने पर अंदर से रेशेदार व गुठली सहित सफेद व हल्का पीलापन लिए होता है। इसमें विटामिंस, मिनरल्स के अलावा इलेक्ट्रोनिक्स, फाइटोन्यूट्रीएंस, कार्बोहाइड्रेट, फाईबर, फैट आदि पाया जाता है परंतु इससे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता। कहने का मतलब है कि कटहल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है :-
इसमें विटामिन सी होता है जो इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक) सिस्टम को बढ़ाता है, जिसकी वजह से खांसी, जुकाम, फ्लू आदि नहीं हो पाता। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता, इसलिए यह एक सुरक्षित खाद्य पदार्थ है।
शक्तिवर्धक :-
कटहल में अच्छी गुणवत्ता वाला कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी पाई जाती है। पके कटहल में चीनी पाई जाती है जो फ्रुक्टोज और अंसुक्रोज की तरह होती है और शरीर को तुरंत शक्ति प्रदान करती है। इसलिए यह एक हैल्थी फल है।
कैंसर से सुरक्षा :-
कटहल एंटीऑक्सीडेंट फाइटोन्यूट्रीयंस और फ्लेवोनोएड का अच्छा स्रोत है जो कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही ऑक्सीजन फ्री रेडिकल्स से भी बचाव करता है। कटहल विशेष रूप से फेफड़ों, आंतों और ओरल कैविटी कैंसर से बचाव करता है।
रक्तचाप को संतुलित रखता है :-
कटहल में पाया जाने वाला पोटेशियम शरीर के सोडियम के स्तर को संतुलित रखता है। इसके अलावा पोटेशियम की अधिक मात्रा शरीर के द्रव के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। इसकी वजह से रक्तचाप कम हो जाता है और हृदयाघात की संभावना भी कम हो जाती है।
पाचन तंत्र सुधारता है :-
कटहल में रेशा यानी फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पाचनतंत्र के लिए अच्छा है। इसके सेवन से कब्ज दूर होता है।
आंतों के कैंसर से बचाव :-
कटहल में पचाने वाली चर्बी पाई जाती है, जो आंतों को साफ करने में मदद करती है। इसके सेवन से आंतों के टॉक्सिन भी दूर होते हैं व कैंसर से सुरक्षा मिलती है।
आंखों के लिए भी उपयोगी :-
कटहल में विटामिन-ए पाया जाता है, जो आंखों के लिए फायदेमंद है। इसके सेवन से आंखों की देखने की क्षमता बढ़ती है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, इसलिए रेटिना को बिखरने से रोकता है इसलिए मोतियाबिंद से भी बचाव होता है।
त्वचा व बुढ़ापा रोकने की क्षमता :-
एंटीऑक्सीडेंट के कारण बुढ़ापे को दूर रखने में कटहल का सेवन मदद करता है। त्वचा में उम्र के हिसाब से झुॢरयों में कमी रहती है और त्वचा में नमी की मात्रा बरकरार रहती है। चर्म रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
हड्डियों को मजबूती देता है :-
कटहल कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत है। इसी कारण इससे ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों को मदद मिलती है।
खून की कमी को करे दूर :-
कटहल में विटामिन-ए, सी, ई, के, नायसिन, विटामिन बी-6 और खनिज जैसे मैगनीज, मैग्नेशियम, तांबा आदि तत्व पाए जाते हैं जो रक्त बनाने के लिए आवश्यक हैं। इस प्रकार कटहल के सेवन से खून की कमी को भी रोका जा सकता है।
कटहल को अपने भोजन का हिस्सा बनाएं और प्रतिदिन ना सही लेकिन हफ्ते में कम-से-कम दो बार इसका सेवन करके स्वस्थ रहें। पर कुछ लोगों में इनका सेवन सही नहीं है। गर्भवती महिलाओं, खून की गड़बड़ी वाले लोगों, कटहल से एलर्जी वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
