Virat-Anushka at Hanuman Garhi: क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा एक बार फिर अपनी भक्ति-भावना के चलते सुर्खियों में हैं। हाल ही में वृंदावन के आध्यात्मिक दौरे के बाद अब यह जोड़ी अयोध्या पहुंची, जहां उन्होंने श्रद्धा के साथ श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन किए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दोनों पारंपरिक अंदाज में नजर आए विराट बेज रंग के कुर्ता-पायजामे में और अनुष्का हल्के गुलाबी एथनिक परिधान में बेहद सुंदर लग रही थीं। दोनों के गले में सफेद सरोपे और अनुष्का के गले की फूलों की माला, उनकी सादगी और श्रद्धा को और निखार रही थी।
फैन पेज ने इंस्टाग्राम पर यह वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “विरुष्का ने श्री हनुमान गढ़ी मंदिर, अयोध्या में दर्शन किए।” इसके बाद से वीडियो और तस्वीरें इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
एक और वीडियो में देखा गया कि विराट और अनुष्का, सुरक्षा टीम और एक पुजारी के साथ मंदिर की सीढ़ियों से नीचे उतरते हैं। उनकी आंखों में भक्ति और चेहरे पर संतोष का भाव दिखाई देता है।
कुछ दिन पहले ही यह कपल वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मिलने श्री हित राधा केली कुंज, वराह घाट पहुंचे थे, जहां उन्होंने ‘एकांतिक वार्तालाप’ में भाग लिया। वहां महाराज जी ने जब उनसे पूछा, “प्रसन्न हो?”, तो विराट ने कहा, “जी, अभी ठीक हैं।” इस पर प्रेमानंद जी ने मुस्कराते हुए कहा, “ठीक नहीं, प्रसन्न रहो।” यह मुलाकात प्रेम और आत्मिक ऊर्जा से भरी हुई थी। इस साल जनवरी में भी विराट, अनुष्का, वामिका और अकाय वृंदावन पहुंचे थे और उन्होंने वही आशीर्वाद प्राप्त किया था।
हनुमान गढ़ी मंदिर, अयोध्या
श्री हनुमान गढ़ी मंदिर, अयोध्या का एक प्राचीन और अत्यंत पूजनीय मंदिर है, जो भगवान हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर अयोध्या के सबसे ऊंचे स्थानों में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मान्यता है कि भगवान राम के राज्य में हनुमान जी यहीं निवास करते थे और रामजन्मभूमि की रक्षा करते थे। मंदिर परिसर में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति को माँ अंजनी की गोद में बाल रूप में दर्शाया गया है।
अयोध्या के हृदय में बसी हनुमानगढ़ी सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और इतिहास का जीवंत प्रतीक है। करीब 10वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर उत्तर भारत में हनुमानजी के सबसे पूजनीय स्थलों में से एक है। यह मान्यता है कि रामलला के दर्शन से पहले भक्तों को हनुमानजी के चरणों में सिर नवाना चाहिए। मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को 76 सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं मानो हर सीढ़ी श्रद्धा की एक मंज़िल हो।
माता अंजनी की गोद में बाल हनुमान
मंदिर के गर्भगृह में एक अनुपम दृश्य देखने को मिलता है: माता अंजनी की गोद में विराजमान बाल हनुमान, जो न केवल भक्तों को मोह लेते हैं, बल्कि माँ-बेटे के प्रेम का अद्वितीय रूप भी दिखाते हैं।
जब भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे, तब हनुमानजी यहीं विराजमान हुए और रामकोट की सुरक्षा का दायित्व संभाला। तभी से यह स्थान “हनुमानगढ़ी” या “हनुमान कोट” के नाम से जाना जाने लगा।
52 बीघे में फैले इस भव्य मंदिर परिसर का संचालन रामानंदी संप्रदाय के बैरागी महंतों और निर्वाणी अनी अखाड़े द्वारा किया जाता है। इसकी पहुंच देश के अन्य तीर्थ स्थलों तक फैली है वृंदावन, नासिक, उज्जैन और पुरी में भी इसकी संपत्तियाँ, अखाड़े और बैठकें हैं।
राम जन्मभूमि के निकट स्थित यह मंदिर न केवल भक्तों की श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक आत्मा भी है जहां आज भी गूंजती हैं बजरंगबली के जयकारों की गूंज।
