पुनर्जन्म की कहानियां सुनाती हैं बॉलीवुड की ये 5 फिल्में, आज भी हैं लोकप्रिय: Films Based on Reincarnation
Films Based on Reincarnation

Films Based on Reincarnation: बॉलीवुड में हमें न जाने कितनी ही ऐसी कहानियां देखने को मिलती हैं जो कभी हमें भावुक कर देती हैं तो कभी हम हंसने पर मजबूर हो जाते हैं तो कभी हमारे अंदर आक्रोश पैदा हो जाता है। कभी कुछ कहानियां एकदम दिल को किसी पुरानी याद में डाल देती हैं तो कभी आने वाले भविष्य के लिए उत्सुक बना देती हैं। हर कहानी का अपना एक श्रोता होता है फिर ये कहानियां बड़े परदे पर दिखायी जाती हैं इसलिए यहाँ ये कहना मुनासिब होगा कि हर कहानी का अपना एक दर्शक होता है जो उसके पात्रों के साथ खुद को जोड़ पाता है।

Also read : OTT Family Series: ओटीटी पर मौजूद फैमिली के लिए बेस्‍ट सीरीज

इसी तरह कोई कहानी प्रसिद्ध होती है फिर वो प्रेम कहानी हो , देशभक्ति पर हो , डरावनी हो या फिर पुनर्जन्म की कहानी। इन्हें बहुत पसंद किया जा रहा है। इनमें भी पुनर्एजनम की कहानियों को दर्कशक बहुत पसंद करते हैं। तो चलिए जानते हैं उन कहानियों के बारे में जो पुनर्जनम के राज़ को सबके सामने ज़ाहिर करती हैं। इस विषय पर बात करते हुए न जाने कितनी ही कहानियां ज़हन में आ रही हैं। जानेंगे उन फिल्मों के बारे में जो ऐसी कई कहानियां बताती हैं जिसने न जाने कितनी बार अपने दर्शकों को हैरान किया है।

Films Based on Reincarnation
KARZ

फिल्म ‘क़र्ज़’ 1980 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म को काफी लोकप्रियता मिली थी। फिल्म की कहानी पुनर्जन्म को बयां करती है, कहानी में पुराने जनम के रिश्ते को दिखाया गया है कि आखिर कैसे मॉन्टी को अपने पुछले जनम के बारे में बहुत कुछ याद रहता है और ये यादें उसे क्यों परेशान करती हैं ये फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। । ‘क़र्ज़’ का निर्देशन सुभाष घई ने किया था। फिल्म में ऋषि कपूर , टीना मुनीम और सिमी ग्रेवाल जैसे कलाकार नज़र आए थे। फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। फिल्म की कहानी काफी रोचक थी। दर्शकों ने फिल्म को काफी पसंद किया था। ‘क़र्ज़’ ऋषि कपूर के करियर की एक बेहतरीन फिल्म मानी जाती थी।

KARAN ARJUN
KARAN ARJUN

फिल्म करण अर्जुन उन फिल्मों की फेहरिस्त में आती है जिसे एक न एक बार तो हर किसी ने देखा है। फिल्म की कहानी एक बेबस माँ की कहानी है जिसके सामने उसके बेटे करण और अर्जुन की हत्या कर दी जाती है लेकिन उसका विश्वास होता है कि उसके बेटे ज़रूर लौटेंगे। करण अर्जुन का दूसरा जन्म होता है जिसमें उन्हें पुराने जन्म से सम्बंधित सपने हमेशा सताते हैं फिर उन्हें सच का पता चलता है। गरीब परिवार पर अमीर ज़मींदार के शोषण की ये कहानी दर्शकों को काफी पसंद आयी थी। फिल्म ‘करण अर्जुन’ 1995 में रिलीज़ हुई थी जिसका निर्देशन राकेश रोशन ने किया था। फिल्म में राखी गुलज़ार , शाहरुख़ खान , सलमान खान , काजोल , ममता कुलकर्णी और अमरीश पुरी जैसे कलाकार नज़र आए थे।

NEEL KAMAL
NEEL KAMAL

फिल्म ‘नीलकमल’ 1968 में रिलीज़ हुई थी। इसका निर्देशन राम माहेशवरी ने किया था। फिल्म की कहानी में पुनर्जन्म के प्रेम को दिखाया है। कहानी में राजकुमारी नीलकमल के पिता एक मूर्तिकार को दीवार में ज़िंदा चुनवा देते हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि मूर्तिकार चित्रसेन एक बेहद खूबसूरत मूर्ति बनाता है जिससे प्रसन्न होकर राजा उसकी इच्छा पूछते हैं लेकिन मूर्तिकार चित्रसेन राजा से उसकी बेटी मांग लेता है जिससे राजा क्रोध में आकर उसे दीवार में चुनवा देता है। नीलकमल अगले जनम में सीता नाम की लड़की बनती है जिसे अक्सर चित्रसेन की आवाज़ सुनाई देती है और रातों को नींद में चल देती है। पुनर्जन्म पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों ने बहुत प्रेम दिया। फिल्म में वहीदा रहमान , मनोज कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में नज़र आए थे।

MILAN
MILAN

फिल्म ‘मिलन’ 1967 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म ‘मिलन’ का निर्देशन अदुर्थी सुब्बा राव ने किया था। फिल्म में नूतन , सुनील दत्त , जमुना , प्राण और लीला मिश्रा जैसे कलाकार नज़र आए थे। फिल्म के गाने भी काफी लोकप्रिय हुए थे। ये फिल्म गोपीनाथ और राधा देवी के पुनर्जन्म की कहानी को बयां करती है जिसमें उनके बिछड़ने की फिर दोबारा एक होने की कहानी को दिखाया गया है। इस प्रेम कहानी को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। ‘मिलन’ फिल्म मोगा मानसुलु की रीमेक थी। इसका निर्देशन भी अदुर्थी सुब्बा राव ने किया था।

MADHUMATI
MADHUMATI

फिल्म ‘मधुमती’ 1958 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म ‘मधुमती’ का निर्देशन बिमल रॉय ने किया था। फिल्म की कहानी मधुमती और आनंद की है जो कि पूर्व जन्म में बिछड़ गए थे। कारोबार का मालिक राजा उग्रनारायण मधुमती का क़त्ल कर देता है। आनंद बीमार हालत में इधर उधर मधुमती को ढूंढता है और उसकी हमशक्ल उसे मिल जाती है। फिर वो एक नाटक के ज़रिये उग्रनारायण से मधुमती की लाश का पता लगा लेते हैं। जैसे ही मधुमती की लाश का पता चलता है वहां से मधुमती की आवाज़ आती है और दोनों ही हमेशा के लिए मुक्त हो जाते हैं। ये कहानी देवेंद्र सुना रहा है जो कि उसे तब याद आती है जब उसकी गाड़ी खराब हो जाती है और वो अपने दोस्त के साथ एक हवेली में रुका हुआ है। वो इस कहानी को अपने पुनर्जन्म की कहानी कहते हुए सुना रहा है। फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई थी कि इसे फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था।

सृष्टि मिश्रा, फीचर राइटर हैं , यूं तो लगभग हर विषय पर लिखती हैं लेकिन बॉलीवुड फीचर लेखन उनका प्रिय विषय है। सृष्टि का जन्म उनके ननिहाल फैज़ाबाद में हुआ, पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। हिंदी और बांग्ला कहानी और उपन्यास में ख़ास रुचि रखती...