Summary : फौजी में शाहरुख को रोल उनकी मां के कारण मिला था

शाहरुख को पहली बार सीरियल फौजी में ही देखा गया था। उसमें उनका रोल छोटा रोल लेकिन यादगार बन गया था...

Shahrukh Khan Fauji Memories: बॉलीवुड में लोगों का दिल चुराने और इतिहास रचने से पहले शाहरुख खान ने 1988 में टीवी सीरीज़ ‘फौजी’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस शो में उन्होंने लेफ्टिनेंट अभिमन्यु राय का किरदार निभाया था। यह सीरीज युवाओं के एक ग्रुप की कहानी थी, जो मिलिट्री एकेडमी से होकर युद्ध के मैदान तक की चुनौतियों से जूझते हैं।

अब, इसी शो की एक एक्ट्रेस अमीना शेरवानी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि शाहरुख कैसे इस शो का हिस्सा बने और मज़ेदार बात ये है कि उनकी ‘बुरी शक्ल’ की वजह से उन्हें ये रोल मिला था! अमीना ने इसी सीरियल में किरन कोचर का किरदार निभाया था।

‘किन्तु परंतु’ नाम के पॉडकास्ट में अमीना ने बताया कि फौजी उनके लिए कितना खास शो था।उन्होंने कहा, “शाहरुख को शुरू में इस शो में लिया ही नहीं जाना था। लेकिन एक बातचीत ने सब बदल दिया वो बातचीत थी उनकी मां से। शाहरुख की मां लतीफ फातिमा ने मुझे कॉल किया था। वो बहुत ही अच्छी महिला थीं। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या उनके बेटे के लिए फौजी में कोई जगह है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा बहुत हैंडसम है। मैंने जवाब दिया कि अगर उनका बेटा वाकई हैंडसम है, तो फिर उसका बॉलीवुड में कोई भविष्य नहीं है। यहां लोग हीरोइनों से तो खूबसूरती की उम्मीद करते हैं, लेकिन हीरो अगर बंदर या जिराफ जैसे दिखते हों, तो वो ज्यादा चल जाते हैं। अगर लड़का बहुत हैंडसम हो, तो उसका करियर जल्दी खत्म हो सकता है।”

अमीना ने आगे बताया, “मैंने उन्हें बहुत समझाया लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। वो फिर भी शाहरुख को लेकर सेट पर आ गईं। जब मैंने शाहरुख को पहली बार देखा, तो तुरंत उनकी मां को फोन करके कहा, ‘मुबारक हो! आपके बेटे की शक्ल तो बिल्कुल बंदर जैसी है, ये बहुत बड़ा हीरो बनेगा। वो मेरी बात पर गुस्सा हो गईं, लेकिन फिर मैंने समझाया कि जैसे बंदर का चेहरा बहुत एक्सप्रेसिव होता है, वैसे ही शाहरुख का चेहरा भी बहुत ज़्यादा भावपूर्ण है। मुझे नहीं लगता कि शाहरुख पारंपरिक मायनों में हैंडसम हैं, लेकिन उनके चेहरे पर बहुत एक्सप्रेशन है, वो ‘इलास्टिक’ फेस है।”

अमीना बताती हैं, “जब मैंने शाहरुख को बंदर कहा, तो उसने भी तुरंत जवाब दिया – तू भी तो बंदरिया लगती है! शाहरुख शुरू से ही बहुत टैलेंटेड थे। फौजी से पहले वो थिएटर कर चुके थे, वो भी बैरी जॉन जैसे बड़े आर्टिस्ट के साथ। जो बच्चे थिएटर से आते हैं, उनमें हमेशा अलग ही टैलेंट होता है। शाहरुख बहुत वर्सेटाइल एक्टर थे। और अब उनके करियर को देखिए .. उन्होंने क्या-क्या नहीं किया!”

फौजी ही वो नींव थी, जिसने शाहरुख को बॉलीवुड का ‘किंग खान’ बना दिया। आज, वही ‘बंदर जैसा एक्सप्रेसिव चेहरा’ दुनियाभर के सबसे फेमस कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर कर चुका है। लगभग 30 साल के करियर में उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं और ग्लोबल आइकन बन गए।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...