dharam ji
dharam ji

Summary: धर्मेंद्र की अपनी आवाज़ में ‘इक्कीस’ की आखिरी कविता ने फैंस को किया इमोशनल

बॉलीवुड के दिग्गज धर्मेंद्र की अंतिम फिल्म ‘इक्कीस’ में उनकी अपनी आवाज़ में एक भावुक कविता दिखाई गई है, जिसमें वह अपने गाँव लौटने की यादों को साझा करते हैं। फैंस ने इसे देखकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और इसे बेहद इमोशनल बताया।

Dharmendra Ikkis Poem: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने हमेशा ही अपने गाँव और मिट्टी से जुड़े रहने की भावनाओं को अपनी फिल्मों और निजी जीवन में व्यक्त किया। अब उनकी यह भावनात्मक जुड़ाव उनके अंतिम फिल्म प्रोजेक्ट, ‘इक्कीस’ में एक खूबसूरत कविता के रूप में सामने आया है। इस कविता को सुनते ही फैन्स भावुक हो उठे और सोशल मीडिया पर इसे देखकर कई लोगों की आंखें नम हो गईं।

मड्डॉक फिल्म्स, जो कि फिल्म ‘इक्कीस’ के निर्माता हैं, ने हाल ही में धर्मेंद्र की आवाज में इस कविता का वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया। कैप्शन में लिखा गया, “धर्मा जी सच्चे मिट्टी के बेटे थे और उनके शब्द उस मिट्टी की आत्मा को व्यक्त करते हैं। यह कविता एक यर्निंग है.. एक दिग्गज से दूसरे दिग्गज के लिए श्रद्धांजलि। हमें यह अमूल्य कविता देने के लिए धन्यवाद।”

वीडियो में धर्मेंद्र के किरदार को उनके गाँव लौटते हुए दिखाया गया है। वह अपने पुराने घर, बचपन के दोस्तों और यादों के बीच समय बिता रहे हैं। कविता का शीर्षक ‘अज भी जी करदा है, पिंड अपने नु जानवा’ है, जिसका अर्थ है, ‘मुझे अभी भी अपने गाँव लौटने की इच्छा है’।

कविता में धर्मेंद्र अपने घर लौटने की इच्छा व्यक्त करते हैं। वह बताते हैं कि कैसे वह गांव के तालाब में नहाना चाहते हैं, पशुओं के साथ समय बिताना चाहते हैं और अपने दोस्तों के साथ कबड्डी खेलना चाहते हैं, जैसे कि बचपन में किया करते थे। उनका कहना है कि गांव का जीवन, यानी ‘पिंड वाली जिंदगी’, किसी भी अन्य जीवन से अनमोल है। कविता के अंत में धर्मेंद्र अपनी मां को याद करते हुए भावनाओं को और भी गहरा बनाते हैं।

फैंस ने वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और लिखा, “इतना भावुक करने वाला!” एक अन्य ने कहा, “इसने मेरी आंखें नम कर दीं।” बहुत से लोग धर्मेंद्र को याद कर रहे हैं और उन्हें एक असली बॉलीवुड लीजेंड बता रहे हैं।

धर्मेंद्र ने 24 नवंबर को 89 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे और नवंबर की शुरुआत में उन्हें कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। उनका निधन न केवल उनके परिवार और फैन्स के लिए बल्कि पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है।

‘इक्कीस’ धर्मेंद्र की फिल्मी करियर की अंतिम प्रस्तुति होगी, जो छह दशकों से अधिक समय तक चले उनके अभिनय सफर का समापन है। यह फिल्म सरीराम राघवन द्वारा निर्देशित की गई है और द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल की वीरता पर आधारित युद्ध ड्रामा है। अरुण खेतरपाल भारत के सबसे युवा परम वीर चक्र विजेता थे। फिल्म में अगस्त्य नंदा मुख्य भूमिका में हैं, साथ ही जयदीप अहलावत, सुहासिनी मुलाय, सिकंदर खेर और राहुल देव भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म 25 दिसंबर को थिएटर में रिलीज होने वाली है।

धर्मेंद्र की कविता और उनके गाँव लौटने की भावना ने दर्शकों के दिलों में उनके प्रति सम्मान और भावनाओं की गहराई को और बढ़ा दिया है। यह अंतिम फिल्म न केवल उनकी अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन है, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन और जड़ से जुड़े रहने की भावना का भी प्रतीक है।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...