समीक्षा का अब तक का सफर
समीक्षा भटनागर ने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) से कत्थक डांस में पीएचडी किया है। धारावाहिक ‘वीरा’,’ अड़ोस-पड़ोस’ और ‘जाने क्या होगा रामा रे’ में अभिनय किया है। इसके अलावा मधुर भंडारकर की फिल्म’ कलेंडर गर्ल्स’ में एक केमिओ की भूमिका निभाई थी।बतौर मुख्य अभिनेत्री फिल्म,’लव के फंडे’ इनकी पहली फिल्म है।वैसे इस फिल्म में चार मुख्य नायिकाएं है।यह फिल्म जुलाई में रिलीज़ होने जा रही है।
जानिए क्या कहना है समीक्षा का
आपने फिल्म लाइन में आने के पहले क्या-क्या किया है और क्या आपके परिवार का भी कोई फिल्म लाइन में है?
फिल्म लाइन में मेरे परिवार का कोई नहीं है। मैंने इंग्लिश में बी ए किया है। उसके बाद इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) से कत्थक डांस में पीएचडी किया। और दिल्ली में डांस क्लासेस चलाती थी और स्कूलों में उनके प्रोग्राम में की कोरिओग्रफी करती थी। क्युंकि मेरी माँ कुसुम भटनागर भी क्लासिकल डांसर है और उनकी इच्छा थी कि मैं भी क्लासिकल डांसर बनूँ। इसलिए मैं उनकी बात मानकर क्लासिकल डांसर बनी। लेकिन मेरी इच्छा थी कि मैं फिल्म लाइन में अपना कैरियर बनाऊँ फिर दिल्ली में मुझे कई मॉडलिंग के ऑफर मिले थे।उसके बाद मैंने फिल्म लाइन में काम करने के लिए मुंबई आ गयी। यहां आकर धारावाहिक ‘वीरा’,’ अड़ोस-पड़ोस’ और ‘जाने क्या होगा रामा रे’ मे काम किया और मधुर भंडारकर की फिल्म’कलेंडर गर्ल्स’ में एक केमिओ की भूमिका निभाई। अब बतौर अभिनेत्री फिल्म,’लव के फंडे’ पहली फिल्म कर रही हूँ ।
फिल्म,’लव के फंडे‘ में आपका क्या रोल है?
फिल्म में जस्सी नामक एक ग्लैमरस लड़की का रोल किया है,जो विवाहित है और एक कंपनी में काम करती है। जो आधुनिक विचार रखती है और प्रैक्टिकल सोचती है।
इसमें क्या आपके क्लासिकल डांस का स्कोप भी है या कोई फिल्म क्लासिकल डांस किया है ?
नहीं। ऐसा जरुरी नहीं कि आपको एक है फिल्म में सब कुछ करने को मिले। इसमें कोई क्लासिकल डांस नहीं। इसमें फन,मस्ती,इमोशन और रोमांस है। एक सफल फिल्म के सारा मसाला इस फिल्म में है।

आप फिल्म, टीवी या क्लासिकल डांस किसमें अपना कैरियर बनाना चाहती है ?आज की तारीख में आप यह ऐसा नहीं सोच सकते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आपको कब और कैसा मौका मिलता है ? क्लासिकल डांस की वजह से फेस इक्सपेरशन, बॉडी लैंग्वेज इत्यादि में मुझे काफी फायदा हुआ और इससे एक्टिंग भी बेहतर हुई है। मुझे जो अच्छा ऑफर मिलता है,मैं उसे स्वीकार कर लेती हूँ।
आजकल फिल्मों में ज्यादातर अभिनेत्रियों से फिल्मों में अंगप्रदर्शन (एक्सपोज) कराया जाता है। क्या आपको इस तरह का ऑफर मिले तो फिल्म में एक्सपोज करेंगी?
यह निर्भर करता है कि फिल्म में एक्सपोज की ज़रूरत कहाँ तक है? हाँ। यदि वैलिड है तो डेफिनेटली मैं करुँगी। जहाँ तक मेरी लिमिट है और मैं कम्फर्टेबल हूँ। बेवज़ह मैं फिल्म में एक्सपोज नहीं करुँगी।
भविष्य की क्या योजनाएं है ?
ज्यादा सोचने से कुछ नहीं होता है। जो भगवान देगा, वह सर आँखों पर। सब कुछ भगवान् के हाँथ में है। मैं चाहती हूँ ,लोग फिल्म,’लव के फंडे’ को देखे और पसंद करे। और अपनी राय दे कि उनको फिल्म कैसी लगी?
फिल्म स्टारकास्ट-
इसके निर्माता फ़ाएज़ अनवार और प्रेम प्रकाश गुप्ता है और इसके लेखक- निर्देशक इन्दरवेश योगी है।
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