एक सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में पले बढ़े ओम पुरी ने साल 1973 में नेशनल एंस्टीट्यूट ऑफ ड्रामा से कोर्स किया और मराठी नाटक ‘घासीराम कोटवाल’ पर बनी इसी नाम की फिल्म से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
उनके अचानक चले जाने पर इंडस्ट्री से जुड़े लोग काफी दुखी हैं और ट्विटर पर लगभग सभी कलाकार अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं।
ओमपुरी के साथ कई फिल्में कर चुकी शबाना आज़मी ने उनकी मृत्यु की खबर सुनने के बाद अपने ट्विटर अकाउन्ट पर लिखा, ‘आप हमें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए। हमारी मस्ती, हंसी और लड़ाइयां मेरे मन में रेखांकित है। आपको सभी हमेशा मिस करेंगे। ‘
Om Puri! You have left us all too early.. i am so so sorry..The fun the laughter the arguments so vividly etched in my mind..Will miss you
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) January 6, 2017
OM Puri undergoing postmortem at Cooper Hospital.Will be taken to Trishul around 3pm Funeral at Oshiwara electric crematorium around 6pm
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) January 6, 2017
अनुपम खेर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ओम पुरी जिस भी प्रोजेक्ट से जुड़ते थे उसका स्टेटस बढ़ा देते थे।
#OmPuri lent dignity to d medium he worked for. Whether it was stage, TV or cinema. He elevated status of the projects was associated with.
— Anupam Kher (@AnupamPkher) January 6, 2017
उन्होंने धारा से हटकर ‘भवनी भवई’, ‘सदगति’, ‘अर्ध सत्य’, ‘मिर्च मसाला’ और ‘धारावी’ जैसी फिल्मों से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। ओम पुरी ने मेन स्ट्रीम फिल्मों में भी जो किरदार किए, उन्हें अपनी अदायगी से यादगार बना दिया जैसे 1980 में आई फिल्म ‘आक्रोश’ में उनको एक शोषित दलित बनना, फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में जिम्मी के सेक्रेटरी का किरदार या फिल्म गुप्त में एक ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार। फिल्म ‘माचिस’ में सिख आतंकवादियों के सरगना की भूमिका भी ओम पुरी के यादगार किरदारों में से एक है।
अनुष्का शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ओम पुरी हर एक्टर की प्रेरणा हैं।
#OmPuri‘s talent and versatility has brought so many characters to life. An inspiration to many actors. May his soul rest in peace.
— Anushka Sharma (@AnushkaSharma) January 6, 2017
ओम पुरी को फिल्म ‘अर्ध सत्य’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। फिल्म में ओम पुरी ने सब इंस्पेक्टर अनंत वेलणकर की भूमिका में एक ऐसे इंसान का किरदार निभाया है जो समाज और सिस्टम में सदियों से चल रहे पुराने तौर तरीकों के खिलाफ आवाज़ उठाता है। ये फिल्म ओम पुरी के पहले अमिकाभ बच्चन को ऑफर की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे करने से मना कर दिया था। इसके बाद ये किरदार ओम पुरी के झोली में गई थी। अपने अनुभव पर बात करते हुए ओम पुरी ने कहा था, “मैं अमिताभ बच्चन का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने अर्ध सत्य करने से मना कर दिया।”
ओम पुरी अपने एक्टिंग करियर में हर माध्यम से जुड़े रहे। उन्होंने थिएटर, टीवी और फिल्में तीनों माध्यम में बेहतरीन प्रोजेक्ट्स किए। टीवी पर प्रसारित काकाजी कहिन और मिस्टर योगी ने दर्शकों के सामने उनके हास्य अंदाज को भी लोकप्रिय कर दिया।
एक्टर आयुष्मान खुराना ने उनकी टीवी से जुड़ी फिल्में और सीरियल का जिक्र करते हुए उन्हें अपने ट्वीट में याद किया है-
RIP #OmPuri saab. You’ve given us acting goals. You’ll always be immortal with such a fine filmography. Tamas, jaane bhi do yaaro, chachi420
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) January 6, 2017
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