भारतीय टेलीविजन पर कितने ही सीरियल आएं, लेकिन रामानंद सागर के ‘रामायण’ जैसी लोकप्रियता हासिल नहीं कर पाए, दशकों पहले आए इस शो में दीपिका चिखलिया ने सीता का किरदार निभाया था, जो कि घर-घर में मशहूर हो गया था, ये चरित्र इतना बलवान और दीपिका का अभिनय इतना सशक्त था कि लोग दीपिका को रीयल सीता समझने लगे थे और आलम ये था कि लोग सड़कों या इवेंट में अगर दीपिका को देखते थे तो लोग उनके पैर छूने लगते थे।

दीपिका चिकलिया को आज भी सीता के रूप में ही याद किया जाता है. वैसे तो टीवी पर कई हिरोइनों ने सीता का किरदार निभाया, लेकिन दीपिका जैसा जादू किसी का नहीं चला.’रामायण’ के खत्म होते ही दीपिका पर्दे से गायब हो गईं, हालांकि कुछ दिनों तक वो निरमा के एड के जरिए लोगों के बीच में चर्चित रहीं लेकिन फिर वो टीवी और एड कैनवस से गायब हो गईं, हालांकि बेइंतहा खूबसूरत दीपिका के बारे में जानने के लिए लोग आज भी परेशान रहते हैं

दीपिका ने 1983 में सुन मेरी लैला फिल्म से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में उनके हीरो थे राजकिरण. हिंदी के अलावा दीपिका ने साउथ की भी कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें कोई खास कामयाबी नहीं मिली. 1987 में दीपिका को वो किरदार निभाने का मौका मिला, जिसने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी. सीता के रोल में दीपिका हिंदुस्तान के हर घर में छा गईं. जो कामयाबी दीपिका को फिल्मों से नहीं मिली थी, वो सीता के रोल से मिली. दीपिका पूरे देश में मशहूर हो गईं. देश का बच्चा-बच्चा उन्हें पहचाने लगा.

रामायण के बाद

रामायण के बाद दीपिका ने विक्रम बेताल, लव कुश जैसे कई सीरियल में काम किया.1989 में दीपिका फिल्म घर का चिराग और खुदाई में नजर आईं, दोनों फिल्मों में राजेश खन्ना लीड रोल में थे. दीपिका को सीता के रोल का इतना बड़ा फायदा मिला कि 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीट पर वडोदरा से उनकी जीत भी हुई. हालांकि जल्द ही राजनीति से उनका मन ऊब गया और उन्होंने राजनीति छोड़ दी.

दीपिका ने कॉस्मेटिक कंपनी के मालिक हेमंत टोपीवाला से शादी कर ली और दीपिका चिकलिया से दीपिका टोपीवाला बन गईं. शादी के बाद दीपिका एक्टिंग छोड़कर अपने परिवार पर ध्यान देने लगीं. उनकी दो बेटियां हैं निधि और जूही. दीपिका आजकल अपने पति की कंपनी की रिसर्च और मार्केटिंग टीम को हेड करती हैं. ये कंपनी श्रृंगार बिंदी और टिप्स एंड टोज नेल पॉलिश बनाती है.