निर्देशक- अश्विनी अय्यर तिवारी
कलाकार- स्वरा भास्कर, रत्ना शाह, रिया शुक्ला और पंकज त्रिपाठी।
अवधि- 1 घंटे 36 मिनट
निर्देशन- फिल्म की कहानी आगरा की है और अश्विनी अय्यर तिवारी ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि फिल्म के सीन व सभी किरदार वास्तविक लगे। फिल्म के कई सीन अपको सोचने पर मजबूर कर देंगे, जैसे अपेक्षा का ये कहना कि अगर मैं मैट्रिक पास हो भी गई, तो तेरी हैसियत है मुझे इंजीनियर बनाने की। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप फिल्म में एंजॉय नहीं करेंगे।
कहानी- फिल्म की कहानी चंदा (स्वरा भास्कर) और उसकी बेटी अपेक्षा (रिया शुक्ला ) के इर्द-गिर्द घूमती है। चंदा दसवी फेल है और लोगों के घरों में काम करती है, लेकिन वो अपनी बेटी को शिक्षित करना चाहती है। लेकिन अपेक्षा की सोच है कि जैसे चपरासी का बेटा चपरासी ही बनता है, वैसा ही भविष्य उसका भी होगा और इसलिए वो क्लास में सबसे पीछे बैठना, और पढ़ाई न करने पर भी खुश है। फिर चंदा खुद पढ़ाई शुरू करती है और अपेक्षा पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है, यही है फिल्म की कहानी।
कलाकार- ये फिल्म पूरी तरह से स्वरा भास्कर की फिल्म है और इस फिल्म में उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग का नमूना पेश किया है। हालांकि स्वरा ने ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ जैसी फिल्म में भी दमदार एक्टिंग की थी, लेकिन ये फिल्म उनकी अबतक की आई सभी फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ है। रत्ना शाह एक खुलेविचारों वाली मालकिन के रूप में रीयल लगी हैं। अनके अभिनय के बारे में कुछ भी कहना कम होगा। रिया शुक्ला और पंकज त्रिपाठी ने भी अपने किरदार को इमानदारी से निभाया है।
फाइनल डिसिज़न- अगर आप फिल्मों मेंं संदेश ढूंढते हैं, अच्छी कहानी और बेहतरीन एक्टिंग देखना पसंद करते हैं, तो ये फिल्म जरूर देखें।
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