Big B Iconic Dialogue
Big B Iconic Dialogue

Big B Iconic Dialogue: महानायक अमिताभ बच्चन आज अपना 81वां जन्मदिन मना रहे हैं। फैंस उनकी फिल्मों को बहुत पसंद करते हैं। यही कारण है कि फैंस उन्हें आज भी बड़े परदे पर देखना पसंद करते हैं। उनकी पिंक , चीनी कम , आरक्षण , पीकू , सरकार और पा जैसी फिल्में बहुत पसंद की गयी थी। पीकू में उनके अभिनय की बहुत तारीफ की गयी थी। एक तरफ वो पीकू में एक बुज़ुर्ग की भूमिका अदा कर रहे हैं जो कि बीमार और ज़रा ज़िद्दी है वहीं दूसरी तरफ पिंक में एक ज़िम्मेदार वकील की भूमिका फैंस का दिल जीत लेती है। आज इस ख़ास मौके पर हम बात करेंगे उनके प्रसिद्ध और दमदार डायलॉग के बारे में,जिन्हें उनके फैंस बेहद पसंद करते हैं।

1) पिंक

Big B Iconic Dialogue
Big B Iconic Dialogue-pink

फ़िल्म ‘पिंक’ में अमिताभ बच्चन का दमदार अभिनय देखने को मिलता है। फ़िल्म में एक डायलॉग है कि ‘न सिर्फ एक शब्द नहीं अपने आप में एक पूरा वाक्य है, इसे किसी तर्क स्पष्टीकरण की ज़रूरत नहीं होती, ना का मतलब नहीं होता है’। ये बेहद दमदार डायलॉग है जो हमें महिलाओं की ना का मतलब सिखाता है। अमिताभ बच्चन की आवाज़ में इस डायलॉग को फैंस बेहद पसंद करते हैं। फिल्म 2016 में रिलीज़ हुई थी जिसका निर्देशन अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने किया है। ‘पिंक’ अमिताभ बच्चन की बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है।

2) ब्लैक

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फ़िल्म ‘ब्लैक’ एक बेहतरीन फ़िल्म है जिसमें अमिताभ बच्चन ने एक अध्यापक की भूमिका निभायी है। इसमें वो एक ऐसी लड़की को पढ़ना लिखना सिखाते हैं जो न कुछ बोल सकती है और न ही सुन सकती है। ये किरदार एक प्रेरणादायक किरदार है जिसे बहुत सराहा गया था। फ़िल्म का एक डायलॉग है ‘लाइफ इस लाइक एन आइसक्रीम एन्जॉय इट बिफोर इट मेल्ट्स’, ज़िन्दगी के अर्थ को समझाता ये डायलॉग हमें ज़िन्दगी की अहमियत को बताता है कि ज़िन्दगी में अपने छोटे छोटे लम्हे को भी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। इस तरह के बेहद खूबसूरत डायलॉग इस फिल्म में हैं जो आँखें नम कर देते हैं। फिल्म का निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है।

3) पीकू

piku
Big B Iconic Dialogue-piku

फिल्म ‘पीकू’ एक पिता और बेटी के रिश्ते की कहानी है। फिल्म में अमिताभ बच्चन के अभिनय को बेहद सराहा गया था। अमिताभ ने फिल्म में एक बुज़ुर्ग बाप का किरदार निभाया है जो कि ज़रा ज़िद्दी हैं और अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जीना चाहते हैं। फ़िल्म में एक दृश्य है जहां सारा परिवार बैठ कर खाना खा रहा है। यहाँ एक दमदार डायलॉग है कि ‘अपना आइडेंटिटी , नॉलेज , रेस्पेक्ट , सब फेरे लेते टाइम आग में झोंककर अपना लाइफ लीड करना इज लो आई क्यू डिसिज़न’ , इस तरह के दमदार डायलॉग फिल्म में हैं जो बताते हैं कि शादी असल मायने में क्या होती है और क्या होनी चाहिए।

सृष्टि मिश्रा, फीचर राइटर हैं , यूं तो लगभग हर विषय पर लिखती हैं लेकिन बॉलीवुड फीचर लेखन उनका प्रिय विषय है। सृष्टि का जन्म उनके ननिहाल फैज़ाबाद में हुआ, पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। हिंदी और बांग्ला कहानी और उपन्यास में ख़ास रुचि रखती...