Bhojpuri Singer devi with baby boy
Bhojpuri Singer devi with baby boy

Summary: भोजपुरी गायिका देवी बनीं सिंगल मदर, जर्मन स्पर्म बैंक से पूरी हुई माँ बनने की ख्वाहिश

भोजपुरी लोकगायिका देवी ने आईवीएफ के जरिए बेटे को जन्म देकर समाज की परंपरागत सोच को चुनौती दी है। उनका यह साहसिक फैसला महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बन गया है।

Bhojpuri Singer Devi: भोजपुरी लोकसंगीत की जानी-मानी गायिका देवी ने हाल ही में ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरे समाज में चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने जर्मन स्पर्म बैंक की मदद से आईवीएफ तकनीक के जरिए माँ बनने का फैसला लिया और 9 सितंबर को एम्स ऋषिकेश में बेटे को जन्म दिया। यह खबर सिर्फ एक कलाकार की निजी खुशी नहीं है, बल्कि उस समाज के लिए भी संदेश है जहाँ अब भी महिलाओं के फैसले शादी और परंपरा की कसौटी पर परखे जाते हैं।

देवी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साफ लिखा, “मातृत्व शादी पर निर्भर नहीं होना चाहिए। अगर महिला मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार है, तो उसे अपने दम पर माँ बनने का पूरा अधिकार है।” उनकी यह बात न केवल हजारों महिलाओं की आवाज़ बन गई, बल्कि इसे भोजपुरी समाज में महिला स्वायत्तता की दिशा में ऐतिहासिक कदम कहा जा रहा है।

यह देवी की पहली कोशिश नहीं थी। सात साल पहले भी उन्होंने माँ बनने की चाह में कदम उठाया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। उस अधूरी ख्वाहिश ने उन्हें कमजोर नहीं किया बल्कि और भी दृढ़ बना दिया। आज, परिवार के सहयोग और आधुनिक तकनीक के सहारे, वह सपना आखिरकार हकीकत में बदल गया।

देवी का सफर हमेशा से ही अलग रहा है। जब भोजपुरी संगीत पर अश्लील गीतों का साया गहराने लगा, तब उन्होंने अपनी गायकी से लोकधुनों को जीवित करने का बीड़ा उठाया। उनकी आवाज़ ने यह साबित किया कि भोजपुरी संगीत सिर्फ बाजारू बोलों का खेल नहीं, बल्कि संस्कृति और पहचान का हिस्सा है। यही जज़्बा अब उनकी निजी जिंदगी में भी दिख रहा है।

छपरा (बिहार) की रहने वाली देवी अब तक 50 से ज्यादा एलबम रिकॉर्ड कर चुकी हैं। उनकी लोकप्रियता सिर्फ भोजपुरी तक सीमित नहीं है, बल्कि हिंदी, मैथिली और मगही गीतों में भी उनकी आवाज़ गूंजती रही है। उनके लोकप्रिय गीतों में पिया गएले कलकतवा ए सजनी, दिल तुझे पुकारे आजा, अइले मोरे राजा, ओ गोरी छोरी-छोरी, परदेसिया-परदेसिया शामिल हैं।

उनका जीवन विवादों से भी अछूता नहीं रहा। साल 2024 में पटना के बापू सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्होंने ‘रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ गाया था। इस प्रस्तुति ने राजनीतिक हलकों में हंगामा खड़ा कर दिया। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए नारे लगाए, और बाद में देवी ने दावा किया कि उन्हें धमकियाँ तक मिलीं। बावजूद इसके, उन्होंने अपने सच को गाने और कहने से कभी परहेज नहीं किया।

आज उनका सिंगल मदर बनने का फैसला भी उसी साहसिक सोच का हिस्सा माना जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि औरतें सिर्फ परंपराओं की परिभाषाओं में बंधी नहीं हैं, बल्कि अपनी जिंदगी के बड़े फैसले खुद ले सकती हैं।

कन्नड़ अभिनेत्री भावना रमन्ना ने समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए 40 की उम्र में आईवीएफ के जरिए सिंगल मदर बनने का साहसिक फैसला लिया। अगस्त 2025 में उन्होंने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्य से उनमें से केवल एक ही जीवित रह पाई। शादी के बिना मातृत्व अपनाने की उनकी घोषणा ने न केवल सुर्खियाँ बटोरीं बल्कि महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता पर नई बहस भी छेड़ दी, जिससे वह आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...